Colossians - कुलुस्सियों 2 | View All

1. मैं चाहता हूं कि तुम जान लो, कि तुम्हारे और उन के जो लौदीकिया में हैं, और उन सब के लिये जिन्हों ने मेरा शारीरिक मुंह नहीं देखा मैं कैसा परिश्रम करता हूं।

1. কারণ আমার ইচ্ছা এই, যেন তোমরা জানিতে পার, তোমাদের ও লায়দিকেয়াস্থ লোকদের জন্য, ও যত লোক আমার মাংসময় মুখ দেখে নাই, তাহাদের জন্য, আমি কত দূর প্রাণপণ করিতেছি;

2. ताकि उन के मनों में शान्ति हो और वे प्रेम से आपस में गठे रहें, और वे पूरी समझ का सारा धन प्राप्त करें, और परमेश्वर पिता के भेद को अर्थात् मसीह को पहिचान लें।

2. যেন তাহাদের হৃদয় আশ্বাস পায়, তাহারা প্রেমে পরস্পর সংসক্ত হইয়া জ্ঞানের নিশ্চয়তারূপ সমস্ত ধনে ধনী হইয়া উঠে, যেন ঈশ্বরের নিগূঢ়তত্ত্ব, অর্থাৎ খ্রীষ্টকে জানিতে পায়।

3. जिस में बुद्धि और ज्ञान से सारे भण्डार छिपे हुए हैं।
नीतिवचन 2:3-4

3. ইহাঁর মধ্যে জ্ঞানের ও বিদ্যার সমস্ত নিধি গুপ্ত রহিয়াছে।

4. यह मैं इसलिये कहता हूं, कि कोई मनुष्य तुम्हें लुभानेवाली बातों से धोखा न दे।

4. এ কথা বলিতেছি, যেন কেহ প্ররোচক বাক্যে তোমাদিগকে না ভুলায়।

5. क्योंकि मैं यदि शरीर के भाव से तुम से दूर हूं, तौभी आत्मिक भाव से तुम्हारे निकट हूं, और तुम्हारे विधि- अनुसार चरित्रा और तुम्हारे विश्वास की जो मसीह में है दृढ़ता देखकर प्रसन्न होता हूं।।

5. কেননা যদিও আমি মাংসে অনুপস্থিত, তথাপি আত্মাতে তোমাদের সঙ্গে সঙ্গে আছি, এবং আনন্দপূর্ব্বক তোমাদের সুশৃঙ্খলা ও খ্রীষ্টে বিশ্বাসরূপ সুদৃঢ় গাঁথনি দেখিতে পাইতেছি।

6. सो जैसे तुम ने मसीह यीशु को प्रभु करके ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसी में चलते रहो।

6. অতএব খ্রীষ্ট যীশুকে, প্রভুকে, যেমন গ্রহণ করিয়াছ, তেমনি তাঁহাতেই চল;

7. और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो।।

7. তাঁহাতেই বদ্ধমূল ও সংগ্রথিত হইয়া প্রাপ্ত শিক্ষানুসারে বিশ্বাসে দৃঢ়ীভূত হও, এবং ধন্যবাদ সহকারে উপচিয়া পড়।

8. चौकस रहो कि कोई तुम्हें उस तत्व- ज्ञान और व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर न करे ले, जो मनुष्यों के परम्पराई मत और संसार की आदि शिक्षा के अनुसार है, पर मसीह के अनुसार नहीं।

8. দেখিও, দর্শনবিদ্যা ও অনর্থক প্রতারণা দ্বারা কেহ যেন তোমাদিগকে বন্দি করিয়া লইয়া না যায়; তাহা মনুষ্যদের পরম্পরাগত শিক্ষার অনুরূপ, জগতের অক্ষরমালার অনুরূপ, খ্রীষ্টের অনুরূপ নয়;

9. क्योंकि उस में ईश्वरत्व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है।

9. কেননা তাঁহাতেই ঈশ্বরত্বের সমস্ত পূর্ণতা দৈহিকরূপে বাস করে,

10. और तुम उसी में भरपूर हो गए हो जो सारी प्रधानता और अधिकार का शिरोमणि है।

10. এবং তোমরা তাঁহাতে পূর্ণীকৃত হইয়াছ, যিনি সমস্ত আধিপত্যের ও কর্ত্তৃত্বের মস্তক।

11. उसी में तुम्हारा ऐसा खतना हुआ है, जो हाथ से नहीं होता, अर्थात् मसीह का खतना, जिस से शारीरिक देह उतार दी जाती है।

11. আর তাঁহাতেই তোমরা অহস্তকৃত ত্বক্‌ছেদে, মাংসের দেহ বস্ত্রবৎ পরিত্যাগে, খ্রীষ্টের ত্বক্‌ছেদে, ছিন্নত্বক্‌ হইয়াছ;

12. और उसी के साथ बपतिस्मा में गाड़े गए, और उसी में परमेश्वर की शक्ति पर विश्वास करके, जिस ने उस को मरे हुओं में से जिलाया, उसके साथ जी भी उठे।

12. ফলতঃ বাপ্তিস্মে তাঁহার সহিত সমাধিপ্রাপ্ত হইয়াছ, এবং তাহাতে তাঁহার সহিত উত্থাপিতও হইয়াছ, ঈশ্বরের কার্য্যসাধনে বিশ্বাস দ্বারা হইয়াছ, যিনি তাঁহাকে মৃতগণের মধ্য হইতে উঠাইয়াছেন।

13. और उस ने तुम्हें भी, जो अपने अपराधों, और अपने शरीर की खतनारहित दशा में मुर्दा थे, उसे साथ जिलाया, और हमारे सब अपराधों को क्षमा किया।

13. আর ঈশ্বর তোমাদিগকে, অপরাধে ও তোমাদের মাংসের অত্বক্‌ছেদে মৃত তোমাদিগকে, তাঁহার সহিত জীবিত করিয়াছেন, আমাদের সমস্ত অপরাধ ক্ষমা করিয়াছেন;

14. और विधियों का वह लेख जो हमारे नाम पर और हमारे विरोध में था मिटा डाला; और उस को क्रूस पर कीलों से जड़कर साम्हने से हटा दिया है।

14. আমাদের প্রতিকূলে যে বিধিবদ্ধ হস্তলেখ্য আমাদের বিরুদ্ধ ছিল, তাহা মুছিয়া ফেলিয়াছেন, এবং প্রেক দিয়া ক্রুশে লটকাইয়া দূর করিয়াছেন।

15. और उस ने प्रधानताओं और अधिकारों को अपने ऊपर से उतार कर उन का खुल्लमखुल्ला तमाशा बनाया और क्रूस के कारण उन पर जय- जय- कार की घ्वनि सुनाई ।।

15. আর আধিপত্য ও কর্ত্তৃত্ব সকল দূর করিয়া দিয়া ক্রুশেই সেই সকলের উপরে বিজয়-যাত্রা করিয়া তাহাদিগকে স্পষ্টরূপে দেখাইয়া দিলেন।

16. इसलिये खाने पीने या पर्ब्ब या नए चान्द, या सब्तों के विषय में तुम्हारा कोई फैसला न करे।

16. অতএব ভোজন কি পান, কি উৎসব, কি অমাবস্যা, কি বিশ্রামবার, এই সকলের সম্বন্ধে কেহ তোমাদের বিচার না করুক;

17. क्योंकि ये सब आनेवाली बातों की छाया हैं, पर मूल वस्तुएं मसीह की हैं।

17. এ সকল ত আগামী বিষয়ের ছায়ামাত্র, কিন্তু দেহ খ্রীষ্টের।

18. कोई मनुष्य दीनता और स्वर्गदूतों की पूजा करके तुम्हें दोड़ के प्रतिफल से वंचित न करे। ऐसा मनुष्य देखी हुई बातों में लगा रहता है और अपनी शारीरिक समझ पर व्यर्थ फूलता है।

18. নম্রতায় ও দূতগণের পূজায় স্বেচ্ছাচারী কোন ব্যক্তি তোমাদিগকে বিজয়মুকুটে বঞ্চিত না করুক; সে যাহা যাহা দেখিয়াছে, সেই গুলিতেই বিচরণ করে, আপন মাংসময় মনের গর্ব্বে বৃথা গর্ব্বিত হয়,

19. और उस शिरोमणि को पकड़े नहीं रहता जिस से सारी देह जोड़ों और पट्ठों के द्वारा पालन- पोषण पाकर और एक साथ गठकर, परमेश्वर की ओर से बढ़ती जाती है।।

19. কিন্তু সেই মস্তক ধারণ করে না, যাঁহা হইতে সমস্ত দেহ, গ্রন্থি ও বন্ধন দ্বারা পোষিত ও সংসক্ত হইয়া, ঈশ্বরীয় বৃদ্ধিতে বৃদ্ধি পাইতেছে।

20. जब कि तुम मसीह के साथ संसार की आदि शिक्षा की ओर से मर गए हो, तो फिर उन के समान जो संसार में जीवन बिताते हैं मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षानुसार

20. তোমরা যখন জগতের অক্ষরমালা ছাড়িয়া খ্রীষ্টের সহিত মরিয়াছ, তখন কেন জগজ্জীবীদের ন্যায় এই সকল বিধির অধীন হইতেছ,

21. और ऐसी विधियों के वश में क्यों रहते हो? कि यह न छूना, उसे न चखना, और उसे हाथ न लगाना।

21. যথা, ধরিও না, আস্বাদ লইও না, স্পর্শ করিও না?

22. (क्योंकि ये सब वस्तु काम में लाते लाते नाश हो जाएंगी)।

22. সেই সকল বস্তু ত ভোগ দ্বারা ক্ষয় পাইবার নিমিত্তই হইয়াছে। ঐ সকল বিধি মনুষ্যদের বিবিধ আদেশ ও ধর্ম্মসূত্রের অনুরূপ।

23. इन विधियों में अपनी इच्छा के अनुसार गढ़ी हुई भक्ति की रीति, और दीनता, और शारीरिक योगाभ्यास के भाव से ज्ञान का नाम तो है, परन्तु शारीरिक लालसाओं को रोकने में इन के कुछ भी लाभ नहीं होता।।

23. স্বেচ্ছাপূজা, নম্রতা ও দেহের প্রতি নির্দ্দয়তাক্রমে এই সকল জ্ঞান নামে কীর্ত্তিত বটে, তথাপি মাংসের পোষকতার বিরুদ্ধে কিছুর মধ্যে গণ্য নহে।



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