Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 24 | View All

1. यदि कोई पुरूष किसी स्त्री को ब्याह ले, और उसके बाद उसमें लज्जा की बात पाकर उस से अप्रसन्न हो, तो वह उसके लिये त्यागपत्रा लिखकर और उसके हाथ में देकर उसको अपने घर से निकाल दे।
मत्ती 5:31, मत्ती 19:7, मरकुस 10:4

1. কোন পুরুষ কোন স্ত্রীকে গ্রহণ করিয়া বিবাহ করিবার পর যদি তাহাতে কোন প্রকার অনুপযুক্ত ব্যবহার দেখিতে পায়, আর সেই জন্য সে স্ত্রী তাহার দৃষ্টিতে প্রীতিপাত্র না হয়, তবে সেই পুরুষ তাহার জন্য এক ত্যাগপত্র লিখিয়া তাহার হস্তে দিয়া আপন বাটী হইতে তাহাকে বিদায় করিতে পারিবে।

2. और जब वह उसके घर से निकल जाए, तब दूसरे पुरूष की हो सकती है।

2. আর সে স্ত্রী তাহার বাটী হইতে বাহির হইবার পর গিয়া অন্য পুরুষের ভার্য্যা হইতে পারে।

3. परन्तु यदि वह उस दूसरे पुरूष को भी अप्रिय लगे, और वह उसके लिये त्यागपत्रा लिखकर उसके हाथ में देकर उसे अपने घर से निकाल दे, वा वह दूसरा पुरूष जिस ने उसको अपनी स्त्री कर लिया हो मर जाए,
मत्ती 5:31, मत्ती 19:7, मरकुस 10:4

3. আর ঐ পশ্চাতের স্বামীও যদি তাহাকে ঘৃণা করে, এবং তাহার জন্য ত্যাগপত্র লিখিয়া তাহার হস্তে দিয়া আপন বাটী হইতে তাহাকে বিদায় করে, কিম্বা বিবাহকারী ঐ পশ্চাতের স্বামী যদি মরিয়া যায়;

4. तो उसका पहिला पति, जिस ने उसको निकाल दिया हो, उसके अशुद्ध होने के बाद उसे अपनी पत्नी न बनाने पाए क्योंकि यह यहोवा के सम्मुख घृणित बात है। इस प्रकार तू उस देश को जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तेरा भाग करके तुझे देता है पापी न बनाना।।

4. তবে যে প্রথম স্বামী তাহাকে বিদায় করিয়াছিল, সে তাহার অশুচি হইবার পরে তাহাকে পুনর্ব্বার বিবাহ করিতে পারিবে না; কেননা তাহা সদাপ্রভুর সাক্ষাতে ঘৃণার্হ কর্ম্ম; তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু অধিকারার্থে যে দেশ তোমাকে দিতেছেন, তুমি তাহা পাপলিপ্ত করিবে না।

5. जो पुरूष हाल का ब्याहा हुआ हो, वह सेना के साथ न जाए और न किसी काम का भार उस पर डाला जाए; वह वर्ष भर अपने घर में स्वतंत्राता से रहकर अपनी ब्याही हुई स्त्री को प्रसन्न करता रहे।

5. কোন ব্যক্তি নূতন বিবাহ করিলে সৈন্যদলে গমন করিবে না, এবং তাহাকে কোন কর্ম্মের ভার দেওয়া যাইবে না; সে এক বৎসর পর্য্যন্ত আপন গৃহে নিষ্কর্ম্মা থাকিয়া, যে স্ত্রীকে সে গ্রহণ করিয়াছে, তাহার চিত্তরঞ্জন করিবে।

6. कोई मनुष्य चक्की को वा उसके ऊपर के पाट को बन्धक न रखे; क्योंकि वह तो मानों प्राण ही को बन्धक रखना है।।

6. কেহ কাহারো যাঁতা কিম্বা তাহার উপরের পাট বন্ধক রাখিবে না; তাহা করিলে প্রাণ বন্ধক রাখা হয়।

7. यदि कोई अपने किसी इस्राएली भाई को दास बनाने वा बेच डालने की मनसा से चुराता हुआ पकड़ा जाए, तो ऐसा चोर मार डाला जाए; ऐसी बुराई को अपने मध्य में से दूर करना।।
1 कुरिन्थियों 5:13

7. কোন মনুষ্য যদি আপন ভ্রাতৃগণের—ইস্রায়েল-সন্তানদের—মধ্যে কোন প্রাণীকে চুরি করে, এবং তাহার প্রতি দাসবৎ ব্যবহার করে, বা বিক্রয় করে, এবং ধরা পড়ে, তবে সেই চোর হত হইবে; এইরূপে তুমি আপনার মধ্য হইতে দুষ্টাচার লোপ করিবে।

8. कोढ़ की ब्याधि के विषय में चौकस रहना, और जो कुछ लेवीय याजक तुम्हें सिखाएं उसी के अनुसार यत्न से करने में चौकसी करना; जैसी आज्ञा मैं ने उनको दी है वैसा करने में चौकसी करना।

8. তুমি কুষ্ঠরোগের ঘায়ের বিষয়ে সাবধান হইয়া, লেবীয় যাজকেরা যে সকল উপদেশ দিবে, অতিশয় যত্নপূর্ব্বক তদনুসারে কর্ম্ম করিও; আমি তাহাদিগকে যে যে আজ্ঞা দিয়াছি, তাহা পালন করিতে যত্ন করিবে।

9. स्मरण रख कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने, जब तुम मि से निकलकर आ रहे थे, तब मार्ग में मरियम से क्या किया।

9. মিসর হইতে তোমাদের বাহির হইয়া আসিবার সময়ে তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু পথে মরিয়মের প্রতি যাহা করিয়াছিলেন, তাহা স্মরণে রাখিবে।

10. जब तू अपने किसी भाई को कुछ उधार दे, तब बन्धक की वस्तु लेने के लिये उसके घर के भीतर न घुसना।

10. তোমার প্রতিবাসীকে কোন প্রকার কিছু ঋণ দিলে তুমি বন্ধকী দ্রব্য লইবার জন্য তাহার গৃহে প্রবেশ করিবে না।

11. तू बाहर खड़ा रहना, और जिसको तू उधार दे वही बन्धक की वस्तु को तेरे पास बाहर ले आए।

11. তুমি বাহিরে দাঁড়াইয়া থাকিবে, এবং ঋণী ব্যক্তি বন্ধকী দ্রব্য বাহির করিয়া তোমার নিকটে আনিবে।

12. और यदि वह मनुष्य कंगाल हो, तो उसका बन्धक अपने पास रखे हुए न सोना;

12. আর সে যদি দরিদ্র হয়, তবে তুমি তাহার বন্ধকী দ্রব্য রাখিয়া নিদ্রা যাইবে না।

13. सूर्य अस्त होते होते उसे वह बन्धक अवश्य फेर देना, इसलिये कि वह अपना ओढ़ना ओढ़कर सो सके और तुझे आशीर्वाद दे; और यह तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में धर्म का काम ठहरेगा।।

13. সূর্য্যাস্তকালে তাহার বন্ধকী দ্রব্য তাহাকে অবশ্য ফিরাইয়া দিবে; তাহাতে সে আপন বস্ত্রে শয়ন করিয়া তোমাকে আশীর্ব্বাদ করিবে; আর তাহা তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর সাক্ষাতে তোমার ধার্ম্মিকতার কার্য্য হইবে।

14. कोई मजदूर जो दीन और कंगाल हो, चाहे वह तेरे भाइयों में से हो चाहे तेरे देश के फाटकों के भीतर रहनेवाले परदेशियों में से हो, उस पर अन्धेर न करना;
मरकुस 10:19

14. তোমার ভ্রাতা হউক, কিম্বা তোমার দেশের নগরদ্বারের মধ্যবর্ত্তী বিদেশী হউক, দীন দুঃখী বেতনজীবীর প্রতি উপদ্রব করিবে না।

15. यह जानकर, कि वह दीन है और उसका मन मजदूरी में लगा रहता है, मजदूरी करने ही के दिन सूर्यास्त से पहिले तू उसकी मजदूरी देना; ऐसा न हो कि वह तेरे कारण यहोवा की दोहाई दे, और तू पापी ठहरे।।
मत्ती 20:8, याकूब 5:4

15. কার্য্যের দিবসে তাহার বেতন তাহাকে দিবে; সূর্য্যের অস্তগমন পর্য্যন্ত তাহা রাখিবে না; কেননা সে দরিদ্র, এবং সেই বেতনের উপরে তাহার মন পড়িয়া থাকে; পাছে সে তোমার বিরুদ্ধে সদাপ্রভুকে ডাকে, আর এই বিষয়ে তোমার পাপ হয়।

16. पुत्रा के कारण पिता न मार डाला जाए, और न पिता के कारण पुत्रा मार डाला जाए; जिस ने पाप किया हो वही उस पाप के कारण मार डाला जाए।।

16. সন্তানের জন্য পিতার, কিম্বা পিতার জন্য সন্তানের প্রাণদণ্ড করা যাইবে না; প্রতিজন আপন আপন পাপপ্রযুক্তই প্রাণদণ্ড ভোগ করিবে।

17. किसी परेदशी मनुष्य वा अनाथ बालक का न्याय न बिगाड़ना, और न किसी विधवा के कपड़े को बन्धक रखना;

17. বিদেশীর কিম্বা পিতৃহীনের বিচারে অন্যায় করিবে না, এবং বিধবার বস্ত্র বন্ধক লইবে না।

18. और इस को स्मरण रखना कि तू मि में दास था, और तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे वहां से छुड़ा लाया है; इस कारण मैं तुझे यह आज्ञा देता हूं।।

18. স্মরণে রাখিবে, তুমি মিসর দেশে দাস ছিলে, কিন্তু তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তথা হইতে তোমাকে মুক্ত করিয়াছেন, এই জন্য আমি তোমাকে এই কর্ম্ম করিবার আজ্ঞা দিতেছি।

19. जब तू अपने पक्के खेत को काटे, और एक पूला खेत में भूल से छूट जाए, तो उसे लेने को फिर न लौट जाना; वह परदेशी, अनाथ, और विधवा के लिये पड़ा रहे; इसलिये कि परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में तुझ को आशीष दे।

19. তুমি ক্ষেত্রে আপন শস্য ছেদন কালে যদি এক আটি ক্ষেত্রে ফেলিয়া রাখিয়া আসিয়া থাক, তবে তাহা লইয়া আসিতে ফিরিয়া যাইও না; তাহা বিদেশীর, পিতৃহীনের ও বিধবার জন্য থাকিবে; যেন তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার হস্তকৃত সমস্ত কর্ম্মে তোমাকে আশীর্ব্বাদ করেন।

20. जब तू अपने जलपाई के वृक्ष को झाड़े, तब डालियों को दूसरी बार न झाड़ना; वह परदेशी, अनाथ, और विधवा के लिये रह जाए।

20. যখন তোমার জিতবৃক্ষের ফল পাড়, তখন শাখাতে আবার অবশিষ্টের অন্বেষণ করিবে না; তাহা বিদেশীর, পিতৃহীনের ও বিধবার জন্য থাকিবে।

21. जब तू अपनी दाख की बारी के फल तोड़े, तो उसका दाना दाना न तोड़ लेना; वह परदेशी, अनाथ और विधवा के लिये रह जाए।

21. যখন তোমার দ্রাক্ষাক্ষেত্রের দ্রাক্ষাফল চয়ন কর, তখন চয়নের পরে আবার কুড়াইও না; তাহা বিদেশীর, পিতৃহীনের ও বিধবার জন্য থাকিবে।

22. और इसको स्मरण रखना कि तू मि देश में दास था; इस कारण मैं तुझे यह आज्ञा देता हूं।।

22. স্মরণে রাখিবে, তুমি মিসর দেশে দাস ছিলে, এই জন্য আমি তোমাকে এই কর্ম্ম করিবার আজ্ঞা দিতেছি।



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