Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 13 | View All

1. यदि तेरे बीच कोई भविष्यद्वक्ता वा स्वप्न देखनेवाला प्रगट होकर तुझे कोई चिन्ह वा चमत्कार दिखाए,
मत्ती 24:24, मरकुस 13:22

1. তোমার মধ্যে কোন ভাববাদী কিম্বা স্বপ্নদর্শক উঠিয়া যদি তোমার জন্য কোন চিহ্ন কিম্বা অদ্ভুত লক্ষণ নিরূপণ করে;

2. और जिस चिन्ह वा चमत्कार को प्रमाण ठहराकर वह तुझ से कहे, कि आओ हम पराए देवताओं के अनुयायी होकर, जिनसे तुम अब तक अनजान रहे, उनकी पूजा करें,
प्रकाशितवाक्य 13:14

2. এবং সেই চিহ্ন কিম্বা অদ্ভুত লক্ষণ সফল হয়, যাহার সম্বন্ধে সে তোমার অজ্ঞাত অন্য দেবতাদের বিষয়ে তোমাদিগকে বলিয়াছিল, আইস, আমরা তাহাদের অনুগামী হই, ও তাহাদের সেবা করি,

3. तब तुम उस भविष्यद्वक्ता वा स्वप्न देखने वाले के वचन पर कभी कान न धरना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारी परीक्षा लेगा, जिस से यह जान ले, कि ये मुझ से अपने सारे मन और सारे प्राण के साथ प्रेम रखते हैं वा नहीं?
1 कुरिन्थियों 11:19

3. তবে তুমি সেই ভাববাদীর কিম্বা সেই স্বপ্নদর্শকের বাক্যে কর্ণপাত করিও না; কেননা তোমরা তোমাদের সমস্ত হৃদয়ের ও তোমাদের সমস্ত প্রাণের সহিত আপনাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুকে প্রেম কর কি না, তাহা জানিবার জন্য তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদের পরীক্ষা করেন।

4. तुम अपने परमेश्वर यहोवा के पीछे चलना, और उसका भय मानना, और उसकी आज्ञाओं पर चलना, और उसका वचन मानना, और उसकी सेवा करना, और उसी से लिपटे रहना।

4. তোমরা আপনাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুরই অনুগামী হও, তাঁহাকেই ভয় কর, তাঁহারই আজ্ঞা পালন কর, তাঁহারই রবে অবধান কর, তাঁহারই সেবা কর, ও তাঁহাতেই আসক্ত থাক।

5. और ऐसा भविष्यद्वक्ता वा स्वप्न देखनेवाला जो तुम को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा से फेरके, जिस ने तुम को मि देश से निकाला और दासत्व के घर से छुडाया है, तेरे उसी परमेश्वर यहोवा के मार्ग से बहकाने की बात कहनेवाला ठहरेगा, इस कारण वह मार डाला जाए। इस रीति से तू अपने बीच में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।।

5. আর সেই ভাববাদীর কিম্বা সেই স্বপ্নদর্শকের প্রাণদণ্ড করিতে হইবে; কেননা তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু, যিনি মিসর দেশ হইতে তোমাদিগকে বাহির করিয়া আনিয়াছেন, দাসগৃহ হইতে তোমাকে মুক্ত করিয়াছেন, তাঁহার বিরুদ্ধে সে বিপথগমনের কথা কহিয়াছে; এবং তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু যে পথে গমন করিতে তোমাকে আজ্ঞা করিয়াছেন, তাহা হইতে তোমাকে ভ্রষ্ট করা তাহার অভিপ্রায়। অতএব তুমি আপনার মধ্য হইতে দুষ্টাচার লোপ করিবে।

6. यदि तेरा सगा भाई, वा बेटा, वा बेटी, वा तेरी अर्द्धांगिन, वा प्राण प्रिय तेरा कोई मित्रा निराले में तुझ को यह कहकर फुसलाने लगे, कि आओ हम दूसरे देवताओं की उपासना वा पूजा करें, जिन्हें न तो तू न तेरे पुरखा जानते थे,

6. তোমার ভ্রাতা, তোমার সহোদর কিম্বা তোমার পুত্র কি কন্যা কিম্বা তোমার বক্ষের ভার্য্যা কিম্বা তোমার প্রাণতুল্য মিত্র যদি গোপনে তোমাকে প্রবৃত্তি দিয়া বলে, আইস, আমরা গিয়া অন্য দেবতাদের সেবা করি,

7. चाहे वे तुम्हारे निकट रहनेवाले आस पास के लोगों के, चाहे पृथ्वी के एक छोर से लेके दूसरे छोर तक दूर दूर के रहनेवालों के देवता हों,

7. তোমার অজ্ঞাত ও তোমার পিতৃপুরুষদের অজ্ঞাত কোন দেবতা, তোমার চতুর্দ্দিক্‌স্থিত নিকটবর্ত্তী কিম্বা তোমা হইতে দূরবর্ত্তী, পৃথিবীর এক প্রান্ত হইতে অপর প্রান্ত পর্য্যন্ত যে কোন জাতির যে কোন দেবতা হউক,

8. तो तू उसकी न मानना, और न तो उसकी बात सुनना, और न उस पर तरस खाना, और न कोमलता दिखाना, और न उसको छिपा रखना;

8. তাহার বিষয়ে যদি এই কথা বলে, তবে তুমি সেই ব্যক্তির প্রস্তাবে সম্মত হইও না, তাহার কথায় কাণ দিও না; তোমার চক্ষু তাহার প্রতি দয়া করিবে না, তাহাকে কৃপা করিবে না, তাহাকে লুকাইয়া রাখিবে না।

9. उसको अवश्य घात करना; उसके घात करने में पहिले तेरा हाथ उठे, पीछे सब लोगों के हाथ उठे।

9. কিন্তু অবশ্য তুমি তাহাকে বধ করিবে; তাহাকে বধ করিবার জন্য প্রথমে তুমিই তাহার উপরে হস্তার্পণ করিবে, পরে সমস্ত লোক হস্তার্পণ করিবে।

10. उस पर ऐसा पत्थरवाह करना कि वह मर जाए, क्योंकि उस ने तुझ को तेरे उस परमेश्वर यहोवा से, जो तुझ को दासत्व के घर अर्थात् मि देश से निकाल लाया है, बहकाने का यत्न किया है।

10. তুমি তাহাকে প্রস্তরাঘাত করিবে, যেন সে মরিয়া যায়; কেননা তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু, যিনি মিসর দেশ হইতে, দাসগৃহ হইতে, তোমাকে বাহির করিয়া আনিয়াছেন, তাঁহার অনুগমন হইতে সে তোমাকে ভ্রষ্ট করিতে চেষ্টা করিয়াছে।

11. और सब इस्राएली सुनकर भय खाएंगे, और ऐसा बुरा काम फिर तेरे बीच न करेंगे।।

11. তাহাতে সমস্ত ইস্রায়েল তাহা শুনিবে, ভয় পাইবে, এবং তোমার মধ্যে তাদৃশ দুষ্কর্ম্ম আর করিবে না।

12. यदि तेरे किसी नगर के विषय में, जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे रहने के लिये देता है, ऐसी बात तेरे सुनने में आए,

12. তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যে যে নিবাসনগর দিবেন, তাহার কোন নগর সম্বন্ধে যদি শুনিতে পাও যে,

13. कि कितने अधम पुरूषों ने तेरे ही बीच में से निकलकर अपने नगर के निवासियों को यह कहकर बहका दिया है, कि आओ हम और देवताओं की जिन से अब तक अनजान रहे उपासना करें,

13. কতকগুলি পাষণ্ড তোমার মধ্য হইতে নির্গত হইয়া এই কথা বলিয়া আপন নগরনিবাসীদিগকে ভ্রষ্ট করিয়াছে, আইস, আমরা গিয়া অন্য দেবতাদের সেবা করি, যাহাদিগকে তোমরা জান না,

14. तो पूछपाछ करना, और खोजना, और भलीं भांति पता लगाना; और यदि यह बात सच हो, और कुछ भी सन्देह न रहे कि तेरे बीच ऐसा घिनौना काम किया जाता है,

14. তবে তুমি জিজ্ঞাসা করিবে, অনুসন্ধান করিবে, ও যত্নপূর্ব্বক প্রশ্ন করিবে; আর দেখ, তোমার মধ্যে ঈদৃশ ঘৃণার্হ দুষ্কর্ম্ম হইয়াছে,

15. तो अवश्य उस नगर के निवासियों को तलवार से मान डालना, और पशु आदि उस सब समेत जो उस में हो उसको तलवार से सत्यानाश करना।

15. ইহা যদি সত্য ও নিশ্চিত হয়, তবে তুমি খড়গাধারে সেই নগরের নিবাসীদিগকে আঘাত করিবে, এবং নগর ও তাহার মধ্যস্থিত পশুশুদ্ধ সকলই খড়গধারে নিঃশেষে বিনষ্ট করিবে;

16. और उस में की सारी लूट चौक के बीच इकट्ठी करके उस नगर को लूट समेत अपने परमेश्वर यहोवा के लिये मानो सर्व्वांग होम करके जलाना; और वह सदा के लिये डीह रहे, वह फिर बसाया न जाए।

16. আর তাহার লুটিত দ্রব্য সকল তাহার চকের মধ্যে সংগ্রহ করিয়া সেই নগর ও সেই সকল দ্রব্য সর্ব্বতোভাবে আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশে অগ্নিতে পোড়াইয়া দিবে; তাহাতে সেই নগর চিরকালীন ঢিবি হইয়া থাকিবে, তাহা পুনর্ব্বার নির্ম্মিত হইবে না।

17. और कोई सत्यानाश की वस्तु तेरे हाथ न लगने पाए; जिस से यहोवा अपने भड़के हुए कोप से शान्त होकर जैसा उस ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाई थी वैसा ही तुझ से दया का व्यवहार करे, और दया करके तुझ को गिनती में बढ़ाए।

17. আর সেই বর্জ্জিত দ্রব্যের কিছুই তোমার হস্তে লগ্ন না থাকুক; যেন সদাপ্রভু আপন প্রচণ্ড ক্রোধ হইতে ফিরেন, এবং তিনি তোমার পিতৃপুরুষদের কাছে যে শপথ করিয়াছেন, তদনুসারে তোমার প্রতি কৃপা ও করুণা করেন, ও তোমার বৃদ্ধি করেন;

18. यह तब होगा जब तू अपने परमेश्वर यहोवा की जितनी आज्ञाएं मैं आज तुझे सुनाता हूं उन सभों को मानेगा, और जो तेरा परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में ठीक है वही करेगा।।

18. যখন তুমি তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর রবে কর্ণপাত করিয়া, আমি অদ্য তোমাকে যে যে আজ্ঞা দিতেছি, তাঁহার সেই সমস্ত আজ্ঞা পালন করিবে, ও তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে যথার্থ আচরণ করিবে।



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