3. इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
3. Among whom also, we all, had our behaviour, at one time, in the covetings of our flesh, doing the things desired by the flesh and the mind, and were children, by nature, of anger even as the rest,