11. सो देखो, इसी बात से कि तुम्हेें परमेश्वर- भक्ति का शोक हुआ तुम में कितनी उत्तेजना और प्रत्यत्तर और रिस, और भय, और लालसा, और धुन और पलआ लेने का विचार उत्पन्न हुआ? तुम ने सब प्रकार से यह सिद्ध कर दिखाया, कि तुम इस बात में निर्दोष हो।
11. For beholde, this thing that ye haue bene godly sory, what great care it hath wrought in you: yea, what clearing of yourselues: yea, what indignation: yea, what feare: yea, howe great desire: yea, what a zeale: yea, what reuenge: in all things ye haue shewed your selues, that ye are pure in this matter.