Romans - रोमियों 4 | View All

1. सो हम क्या कहें, कि हमारे शारीरिक पिता इब्राहीम को क्या प्राप्त हुआ?

1. What shall we say then that Abraham hath found, who is our father according to the flesh.

2. क्योंकि यदि इब्राहीम कामों से धर्मी ठहराया जाता, तो उसे घमण्ड करने की जगह होती, परन्तु परमेश्वर के निकट नहीं।
उत्पत्ति 15:6

2. For if Abraham were justified by works, he hath whereof to glory, but not before God.

3. पवित्रा शास्त्रा क्या कहता है? यह कि इब्राहीम ने परमेश्वर पर विश्वास किया, और यह उसके लिये धार्मिकता गिना गया।
उत्पत्ति 15:6

3. For what saith the scripture? Abraham believed God, and it was reputed to him unto justice.

4. काम करनेवाले की मजदूरी देना दान नहीं, परन्तु हक्क समझा जाता है।

4. Now to him that worketh, the reward is not reckoned according to grace, but according to debt.

5. परन्तु जो काम नहीं करता बरन भक्तिहीन के धर्मी ठहरानेवाले पर विश्वास करता है, उसका विश्वास उसके लिये धार्मिकता गिना जाता है।

5. But to him that worketh not, yet believeth in him that justifieth the ungodly, his faith is reputed to justice, according to the purpose of the grace of God.

6. जिसे परमेश्वर बिना कमों के धर्मी ठहराता है, उसे दाऊद भी धन्य कहता है।

6. As David also termeth the blessedness of a man, to whom God reputeth justice without works:

7. कि धन्य वे हैं, जिन के अधर्म क्षमा हुए, और जिन के पाप ढ़ापे गए।
भजन संहिता 32:1-2

7. Blessed are they whose iniquities are forgiven, and whose sins are covered.

8. धन्य है वह मनुष्य जिसे परमेश्वर पापी न ठहराए।
भजन संहिता 32:1-2

8. Blessed is the man to whom the Lord hath not imputed sin.

9. तो यह धन्य कहना, क्या खतनावालों ही के लिये है, या खतनारहितों के लिये भी? हम यह कहते हैं, कि इब्राहीम के लिये उसका विश्वास धार्मिकता गिना गया।
उत्पत्ति 15:6

9. This blessedness then, doth it remain in the circumcision only, or in the uncircumcision also? For we say that unto Abraham faith was reputed to justice.

10. तो वह क्योंकर गिना गया? खतने की दशा में या बिना खतने की दशा में? खतने की दशा में नहीं परन्तु बिना खतने की दशा में।

10. How then was it reputed? When he was in circumcision, or in uncircumcision? Not in circumcision, but in uncircumcision.

11. और उस ने खतने का चिन्ह पाया, कि उस विश्वास की धार्मिकता पर छाप हो जाए, जो उस ने बिना खतने की दशा में रखा था: जिस से वह उन सब का पिता ठहरे, जो बिना खतने की दशा में विश्वास करते हैं, और कि वे भी धर्मी ठहरें।
उत्पत्ति 17:11

11. And he received the sign of circumcision, a seal of the justice of the faith, which he had, being uncircumcised; that he might be the father of all them that believe, being uncircumcised, that unto them also it may be reputed to justice:

12. और उन खतना किए हुओं का पिता हो, जो न केवल खतना किए हुए हैं, परन्तु हमारे पिता इब्राहीम के उस विश्वास की लीक पर भी चलते हैं, जो उस ने बिन खतने की दशा में किया था।

12. And might be the father of circumcision; not to them only, that are of the circumcision, but to them also that follow the steps of the faithful, that is in the uncircumcision of our father Abraham.

13. क्योंकि यह प्रतिज्ञा कि वह जगत का वारिस होगा, न इब्राहीम को, न उसके वंश को व्यवस्था के द्वारा दी गई थी, परन्तु विश्वास की धार्मिकता के द्वारा मिली।
उत्पत्ति 18:18, उत्पत्ति 22:17-18

13. For not through the law was the promise to Abraham, or to his seed, that he should be heir of the world; but through the justice of faith.

14. क्योंकि यदि व्यवस्थावाले वारिस हैं, तो विश्वास व्यर्थ और प्रतिज्ञा निष्फल ठहरी।

14. For if they who are of the law be heirs, faith is made void, the promise is made of no effect.

15. व्यवस्था तो क्रोध उपजाती है और जहां व्यवस्था नहीं वहां उसका टालना भी नहीं।

15. For the law worketh wrath. For where there is no law, neither is there transgression.

16. इसी कारण वह विश्वास के द्वारा मिलती है, कि अनुग्रह की रीति पर हो, कि प्रतिज्ञा सब वंश के लिये दृढ़ हो, न कि केवल उसक लिये जो व्यवस्थावाला है, बरन उन के लिये भी जो इब्राहीम के समान विश्वासवाले हैं: वही तो हम सब का पिता है।

16. Therefore is it of faith, that according to grace the promise might be firm to all the seed; not to that only which is of the law, but to that also which is of the faith of Abraham, who is the father of us all,

17. (जैसा लिखा है, कि मैं ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है) उस परमशॆवर के साम्हने जिस पर उस ने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उन का नाम ऐसा लेता है, कि मानो वे हैं।
उत्पत्ति 17:15, यशायाह 48:13

17. (As it is written: I have made thee a father of many nations,) before God, whom he believed, who quickeneth the dead; and calleth those things that are not, as those that are.

18. उस ने निराशा में भी आशा रखकर विश्वास किया, इसलिये कि उस वचन के अनुसार कि तेरा वंश ऐसा होगा वह बहुत सी जातियों का पिता हो।
उत्पत्ति 15:5

18. Who against hope believed in hope; that he might be made the father of many nations, according to that which was said to him: So shall thy seed be.

19. और वह जो एक सौ वर्ष का था, अपने मरे हुए से शरीर और सारा के गर्भ की मरी हुई की सी दशा जानकर भी विश्वास में निर्बल न हुआ।
उत्पत्ति 17:17

19. And he was not weak in faith; neither did he consider his own body now dead, whereas he was almost an hundred years old, nor the dead womb of Sara.

20. और न अविश्वासी होकर परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर संदेह किया, पर विश्वास में दृढ़ होकर परमेश्वर की महिमा की।

20. In the promise also of God he staggered not by distrust; but was strengthened in faith, giving glory to God:

21. और निश्चय जाना, कि जिस बात की उस ने प्रतिज्ञा की है, वह उसे पूरी करने को भी सामर्थी है।

21. Most fully knowing, that whatsoever he has promised, he is able also to perform.

22. इस कारण, यह उसके लिये धार्मिकता गिना गया।
उत्पत्ति 15:6

22. And therefore it was reputed to him unto justice.

23. और यह वचन, कि विश्वास उसके लिये धार्मिकता गिया गया, न केवल उसी के लिये लिखा गया।

23. Now it is not written only for him, that it was reputed to him unto justice,

24. बरन हमारे लिये भी जिन के लिये विश्वास धार्मिकता गिना जाएगा, अर्थात् हमारे लिये जो उस पर विश्वास करते हैं, जिस ने हमारे प्रभु यीशु को मरे हुओं में से जिलाया।

24. But also for us, to whom it shall be reputed, if we believe in him, that raised up Jesus Christ, our Lord, from the dead,

25. वह हमारे अपराधों के लिये पकड़वाया गया, और हमारे धर्मी ठहरने के लिये जिलाया भी गया।।
यशायाह 53:5, यशायाह 53:12

25. Who was delivered up for our sins, and rose again for our justification.



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