17. तब हनन्याह उठकर उस घर में गया, और उस पर अपना हाथ रखकर कहा, हे भाई शाऊल, प्रभु, अर्थात् यीशु, जो उस रास्ते में, जिस से तू आया तुझे दिखाई दिया था, उसी ने मुझे भेजा है, कि तू फिर दृष्टि पाए और पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण हो जाए।
17. ananeeya velli aa yinta praveshinchi, athani meeda chethulunchi saulaa, sahodarudaa neevu vachina maargamulo neeku kanabadina prabhuvaina yesu, neevu drushti pondi, parishuddhaatmathoo nimpabadunatlu nannu pampi yunnaadani cheppenu.