21. जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा।
21. so that they may all be one, just as thou, Father, are in me, and I in thee, that they also may be in us, so that the world may believe that thou sent me.