Luke - लूका 24 | View All

1. परन्तु सप्ताह के पहिले दिन बड़े भोर को वे उन सुगन्धित वस्तुओं को जो उन्हों ने तैयार की थी, ले कर कब्र पर आईं।

1. But on the first day of the week, at early dawn, they and some others came to the tomb, bringing the spices which they had prepared.

2. और उन्हों ने पत्थर को कब्र पर से लुढ़का हुआ पाया।

2. They found the stone rolled away from the tomb.

3. और भीतर जाकर प्रभु यीशु की लोथ न पाई।

3. They entered in, and didn't find the Lord Jesus' body.

4. जब वे इस बात से भौचक्की हो रही थीं तो देखो, दो पुरूष झलकते वस्त्रा पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए।

4. It happened, while they were greatly perplexed about this, behold, two men stood by them in dazzling clothing.

5. जब वे डर गईं, और धरती की ओर मुंह झुकाए रहीं; तो उन्हों ने उस ने कहा; तुम जीवते को मरे हुओं में क्यों ढूंढ़ती हो?
यशायाह 8:19

5. Becoming terrified, they bowed their faces down to the earth. They said to them, 'Why do you seek the living among the dead?

6. वह यहां नहीं, परन्तु जी उठा है; स्मरण करो; कि उस ने गलील में रहते हुए तुम से कहा था।

6. He isn't here, but is risen. Remember what he told you when he was still in Galilee,

7. कि अवश्य है, कि मनुष्य का पुत्रा पापियों के हाथ में पकड़वाया जाए, और क्रूस पर चढ़ाया जाए; और तीसरे दिन जी उठे।
भजन संहिता 22:1-18

7. saying that the Son of Man must be delivered up into the hands of sinful men, and be crucified, and the third day rise again?'

8. तब उस की बातें उन को स्मरण आईं।

8. They remembered his words,

9. और कब्र से लौटकर उन्हों ने उन ग्यारहों को, और, और सब को, ये बातें कह सुनाई।

9. returned from the tomb, and told all these things to the eleven, and to all the rest.

10. जिन्हों ने प्रेरितों से ये बातें कहीं, वे मरियम मगदलीनी और योअन्ना और याकूब की माता मरियम और उन के साथ की और स्त्रियां भी थीं।

10. Now they were Mary Magdalene, Joanna, and Mary the mother of James. The other women with them told these things to the apostles.

11. परन्तु उन की बातें उनहें कहानी सी समझ पड़ीं, और उन्हों ने उन की प्रतीति न की।

11. These words seemed to them to be nonsense, and they didn't believe them.

12. तब पतरस उठकर कब्र पर दौड़ गया, और झुककर केवल कपड़े पड़े देखे, और जो हुआ था, उस से अचम्भा करता हुआ, अपने घर चला गया।।

12. But Peter got up and ran to the tomb. Stooping and looking in, he saw the strips of linen lying by themselves, and he departed to his home, wondering what had happened.

13. देखो, उसी दिन उन में से दो जन इम्माऊस नाम एक गांव को जा रहे थे, जो यरूशलेम से कोई सात मील की दूरी पर था।

13. Behold, two of them were going that very day to a village named Emmaus, which was sixty stadia from Jerusalem.

14. और वे इन सब बातों पर जो हुईं थीं, आपस में बातचीत करते जा रहे थे।

14. They talked with each other about all of these things which had happened.

15. और जब वे आपस में बातचीत और पूछताछ कर रहे थे, तो यीशु आप पास आकर उन के साथ हो लिया।

15. It happened, while they talked and questioned together, that Jesus himself came near, and went with them.

16. परनतु उन की आंखे ऐसी बन्द कर दी गईं थी, कि उसे पहिचान न सके।

16. But their eyes were kept from recognizing him.

17. उस ने उन से पूछा; ये क्या बातें हैं, जो तुम चलते चलते आपस में करते हो? वे उदास से खड़े रह गए।

17. He said to them, 'What are you talking about as you walk, and are sad?'

18. यह सुनकर, उनमें से क्लियुपास नाम एक व्यक्ति ने कहा; क्या तू यरूशलेम में अकेला परदेशी है; जो नहीं जानता, कि इन दिनों में उस में क्या हुआ है?

18. One of them, named Cleopas, answered him, 'Are you the only stranger in Jerusalem who doesn't know the things which have happened there in these days?'

19. उस ने उन से पूछा; कौन सी बातें? उन्हों ने उस से कहा; यीशु नासरी के विषय में जो परमेश्वर और सब लोगों के निकट काम और वचन में सामर्थी भविष्यद्वक्ता था।

19. He said to them, 'What things?' They said to him, 'The things concerning Jesus, the Nazarene, who was a prophet mighty in deed and word before God and all the people;

20. और महायाजकों और हमारे सरदारों ने उसे पकड़वा दिया, कि उस पर मृत्यु की आज्ञा दी जाए; और उसे क्रूस पर चढ़वाया।

20. and how the chief priests and our rulers delivered him up to be condemned to death, and crucified him.

21. परन्तु हमें आशा थी, कि यही इस्त्राएल को छुटकारा देगा, और इन सब बातों के सिवाय इस घटना को हुए तीसरा दिन है।

21. But we were hoping that it was he who would redeem Israel. Yes, and besides all this, it is now the third day since these things happened.

22. और हम में से कई स्त्रियों ने भी हमें आश्चर्य में डाल दिया है, जो भोर को कब्र पर गई थीं।

22. Also, certain women of our company amazed us, having arrived early at the tomb;

23. और जब उस की लोथ न पाई, तो यह कहती हुई आईं, कि हम ने स्वर्गदूतों का दर्शन पाया, जिन्हों ने कहा कि वह जीवित है।

23. and when they didn't find his body, they came saying that they had also seen a vision of angels, who said that he was alive.

24. तब हमारे साथियों में से कई एक कब्र पर गए, और जैसा स्त्रियों ने कहा था, वैसा ही पाया; परन्तु उस को न देखा।

24. Some of us went to the tomb, and found it just like the women had said, but they didn't see him.'

25. तब उस ने उन से कहा; हे निर्बुद्धियों, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्दमतियों!

25. He said to them, 'Foolish men, and slow of heart to believe in all that the prophets have spoken!

26. क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे?

26. Didn't the Christ have to suffer these things and to enter into his glory?'

27. तब उस ने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ करके सारे पवित्रा शास्त्रों में से, अपने विषय में की बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया।
व्यवस्थाविवरण 18:15

27. Beginning from Moses and from all the prophets, he explained to them in all the Scriptures the things concerning himself.

28. इतने में वे उस गांव के पास पहुंचे, जहां वे जा रहे थे, और उसके ढंग से ऐसा जन पड़ा, कि वह आगे बड़ा चाहता है।

28. They drew near to the village, where they were going, and he acted like he would go further.

29. परन्तु उन्हों ने यह कहकर उसे रोका, कि हमारे साथ रह; क्योंकि संध्या हो चली है और दिन अब बहुत ढल गया है। तब वह उन के साथ रहने के लिये भीतर गया।

29. They urged him, saying, 'Stay with us, for it is almost evening, and the day is almost over.' He went in to stay with them.

30. जब वह उन के साथ भोजन करने बैठा, तो उस ने रोटी लेकर धन्यवाद किया, और उसे तोड़कर उन को देने लगा।

30. It happened, that when he had sat down at the table with them, he took the bread and gave thanks. Breaking it, he gave to them.

31. तब उन की आंखे खुल गईं; और उन्हों ने उसे पहचान लिया, और वह उन की आंखों से छिप गया।

31. Their eyes were opened, and they recognized him, and he vanished out of their sight.

32. उन्हों ने आपस में कहा; जब वह मार्ग में हम से बातें करता था, और पवित्रा शस्त्रा का अर्थ हमें समझाता था, तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई?

32. They said one to another, 'Weren't our hearts burning within us, while he spoke to us along the way, and while he opened the Scriptures to us?'

33. वे उसी घड़ी उठकर यरूशलेम को लौट गए, और उन ग्यारहों और उन के साथियों को इकट्ठे पाया।

33. They rose up that very hour, returned to Jerusalem, and found the eleven gathered together, and those who were with them,

34. वे कहते थे, प्रभु सचमुच जी उठा है, और शमौन को दिखाई दिया है।

34. saying, 'The Lord is risen indeed, and has appeared to Simon!'

35. तब उन्हों ने मार्ग की बातें उन्हें बता दीं और यह भी कि उन्हों ने उसे रोटी तोड़ते समय क्योंकर पहचाना।।

35. They related the things that happened along the way, and how he was recognized by them in the breaking of the bread.

36. वे ये बातें कह ही रहे थे, कि वह आप ही उन के बीच में आ खड़ा हुआ; और उन से कहा, तुम्हें शन्ति मिले।

36. As they said these things, Jesus himself stood among them, and said to them, 'Peace be to you.'

37. परन्तु वे घबरा गए, और डर गए, और समझे, कि हम किसी भूत को देखते हैं।

37. But they were terrified and filled with fear, and supposed that they had seen a spirit.

38. उस ने उन से कहा; क्यों घबराते हो? और तुम्हारे मन में क्यों सन्देह उठते हैं?

38. He said to them, 'Why are you troubled? Why do doubts arise in your hearts?

39. मेरे हाथ और मेरे पांव को देखो, कि मैं वहीं हूं; मुझे छूकर देखो; क्योंकि आत्मा के हड्डी मांस नहीं होता जैसा मुझ में देखते हो।

39. See my hands and my feet, that it is truly me. Touch me and see, for a spirit doesn't have flesh and bones, as you see that I have.'

40. यह कहकर उस ने उनहें अपने हाथ पांव दिखाए।

40. When he had said this, he showed them his hands and his feet.

41. जब आनन्द के मारे उन को प्रतीति न हुई, और आश्चर्य करते थे, तो उस ने उन से पूछा; क्या यहां तुम्हारे पास कुछ भोजन है?

41. While they still didn't believe for joy, and wondered, he said to them, 'Do you have anything here to eat?'

42. उन्हों ने उसे भूनी मछली का टुकड़ा दिया।

42. They gave him a piece of a broiled fish and some honeycomb.

43. उस ने लेकर उन के साम्हने खाया।

43. He took them, and ate in front of them.

44. फिर उस ने उन से कहा, ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए, तुम से कही थीं, कि अवश्य है, कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्तकों में, मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।

44. He said to them, 'This is what I told you, while I was still with you, that all things which are written in the law of Moses, the prophets, and the psalms, concerning me must be fulfilled.'

45. तब उस ने पवित्रा शास्त्रा बूझने के लिये उन की समझ खोल दी।

45. Then he opened their minds, that they might understand the Scriptures.

46. और उन से कहा, यों लिखा है; कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।
यशायाह 53:5, होशे 6:2

46. He said to them, 'Thus it is written, and thus it was necessary for the Christ to suffer and to rise from the dead the third day,

47. और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।

47. and that repentance and remission of sins should be preached in his name to all the nations, beginning at Jerusalem.

48. तुम इन सब बातें के गवाह हो।

48. You are witnesses of these things.

49. और देखो, जिस की प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, मैं उस को तुम पर उतारूंगा और जब तक स्वर्ग में सामर्थ न पाओ, तब तक तुम इसी नगर में ठहरे रहो।।

49. Behold, I send forth the promise of my Father on you. But wait in the city of Jerusalem until you are clothed with power from on high.'

50. तब वह उन्हें बैतनिरयाह तक बाहर ले गया, और अपने हाथ उठाकर उन्हें आशीष दी।

50. He led them out as far as Bethany, and he lifted up his hands, and blessed them.

51. और उन्हें आशीष देते हुए वह उन से अलग हो गया और स्वर्ग से उठा लिया गया।
भजन संहिता 47:5

51. It happened, while he blessed them, that he withdrew from them, and was carried up into heaven.

52. और वे उस को दण्डवत् करके बड़े आनन्द से यरूशलेम को लौट गए।

52. They worshiped him, and returned to Jerusalem with great joy,

53. और लगातार मन्दिर में उपस्थित होकर परमेश्वर की स्तुति किया करते थे।।

53. and were continually in the temple, praising and blessing God. Amen.



Shortcut Links
लूका - Luke : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |