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1. तब फरीसी और कई एक शास्त्री जो यरूशलेम से आए थे, उसके पास इकट्ठे हुए।
1. The Pharisees and some of the teachers of the law who had come from Jerusalem gathered around Jesus
2. और उन्हों ने उसके कई चेलों को अशुद्ध अर्थात् बिना हाथ धोए रोटी खाते देखा।
2. and saw some of his disciples eating food with hands that were defiled, that is, unwashed.
3. क्योंकि फरीसी और सब यहूदी, पुरनियों की रीति पर चलते हैं और जब तक भली भांति हाथ नहीं धो लेते तब तक नहीं खाते।
3. (The Pharisees and all the Jews do not eat unless they give their hands a ceremonial washing, holding to the tradition of the elders.
4. और बाजार से आकर, जब तक स्नान नहीं कर लेते, तब तक नहीं खाते; और बहुत सी और बातें हैं, जो उन के पास मानने के लिये पहुंचाई गई हैं, जैसे कटोरों, और लोटों, और तांबे के बरतनों को धोना- मंाजना।
4. When they come from the marketplace they do not eat unless they wash. And they observe many other traditions, such as the washing of cups, pitchers and kettles. )
5. इसलिये उन फरीसियों और शास्त्रियों ने उस से पूछा, कि तेरे चेले क्यों पुरनियों की रीतों पर नहीं चलते, और बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं?
5. So the Pharisees and teachers of the law asked Jesus, 'Why don't your disciples live according to the tradition of the elders instead of eating their food with defiled hands?'
6. उस ने उन से कहा; कि यशायाह ने तुम कपटियों के विषय में बहुत ठीक भविष्यद्ववाणी की; जैसा लिखा है; कि ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है।यशायाह 29:13
6. He replied, 'Isaiah was right when he prophesied about you hypocrites; as it is written: ' 'These people honor me with their lips, but their hearts are far from me.
7. और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की आज्ञाओं को धर्मोंपादेश करके सिखाते हैं।यशायाह 29:13
7. They worship me in vain; their teachings are merely human rules.'
8. क्योंकि तुम परमेश्वर की आज्ञा को टालकर मनुष्यों की रीतियों को मानते हो।
8. You have let go of the commands of God and are holding on to human traditions.'
9. और उस ने उन से कहा; तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो!
9. And he continued, 'You have a fine way of setting aside the commands of God in order to observe your own traditions!
10. क्योंकि मूसा ने कहा है कि अपने पिता और अपनी माता का आदर कर; ओर जो कोई पिता वा माता को बुरा कहे, वह अवश्य मार डाला जाए।निर्गमन 20:12, निर्गमन 21:17, लैव्यव्यवस्था 20:9, व्यवस्थाविवरण 5:16
10. For Moses said, 'Honor your father and mother,' and, 'Anyone who curses their father or mother is to be put to death.'
11. परन्तु तुम कहते हो कि यदि कोई अपने पिता वा माता से कहे, कि जो कुछ तुझे मुझ से लाभ पहुंच सकता था, वह कुरबान अर्थात् संकल्प हो चुका।
11. But you say that if anyone declares that what might have been used to help their father or mother is Corban (that is, devoted to God)
12. तो तुम उस को उसके पिता वा उस की माता की कुछ सेवा करने नहीं देते।
12. then you no longer let them do anything for their father or mother.
13. इस प्रकार तुम अपनी रीतियों से, जिन्हें तुम ने ठहराया है, परमेश्वर का वचन टाल देते हो; और ऐसे ऐसे बहुत से काम करते हो।
13. Thus you nullify the word of God by your tradition that you have handed down. And you do many things like that.'
14. और उस ने लोगों को अपने पास बुलाकर उन से कहा, तुम सब मेरी सुनो, और समझो।
14. Again Jesus called the crowd to him and said, 'Listen to me, everyone, and understand this.
15. ऐसी तो कोई वस्तु नहीं जो मनुष्य को बाहर से समाकर अशुद्ध करे; परन्तु जो वस्तुएं मनुष्य के भीतर से निकलती हैं, वे ही उसे अशुद्ध करती हैं।
15. Nothing outside you can defile you by going into you. Rather, it is what comes out of you that defiles you.'
16. यदि किसी के सुनने के कान हों तो सुन ले।
16. [omitted]
17. जब वह भीड़ के पास से घर में गया, तो उसके चेलों ने इस दृष्टान्त के विषय में उस से पूछा।
17. After he had left the crowd and entered the house, his disciples asked him about this parable.
18. उस ने उन से कहा; क्या तुम भी ऐसे ना समझ हो? क्या तुम नहीं समझते, कि जो वस्तु बाहर से मनुष्य के भीतर जाती है, वह उसे अशुद्ध नहीं कर सकती?
18. 'Are you so dull?' he asked. 'Don't you see that nothing that enters you from the outside can defile you?
19. क्योंकि वह उसके मन में नहीं, परन्तु पेट में जाती है, और संडास में निकल जाती है? यह कहकर उस ने सब भोजन वस्तुओं को शुद्ध ठहराया।
19. For it doesn't go into your heart but into your stomach, and then out of your body.' (In saying this, Jesus declared all foods clean.)
20. फिर उस ने कहा; जो मनुष्य में से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।
20. He went on: 'What comes out of you is what defiles you.
21. क्योंकि भीतर से अर्थात् मनुष्य मे मन से, बुरी बुरी चिन्ता व्यभिचार।
21. For from within, out of your hearts, come evil thoughts, sexual immorality, theft, murder,
22. चोरी, हत्या, परस्त्रीगमन, लोभ, दुष्टता, छल, लुचपन, कुदृष्टि, निन्दा, अभिमान, और मूर्खता निकलती हैं।
22. adultery, greed, malice, deceit, lewdness, envy, slander, arrogance and folly.
23. ये सब बुरी बातें भीतर ही से निकलती हैं और मनुष्य को अशुद्ध करती हैं।।
23. All these evils come from inside and defile you.'
24. फिर वह वहां से उठकर सूर और सैदा के देशों में आया; और एक घर में गया, और चाहता था, कि कोई न जाने; परन्तु वह छिप न सका।
24. Jesus left that place and went to the vicinity of Tyre. He entered a house and did not want anyone to know it; yet he could not keep his presence secret.
25. और तुरन्त एक स्त्री जिस की छोटी बेटी में अशुद्ध आत्मा थी, उस की चर्चा सुन कर आई, और उसके पांवों पर गिरी।
25. In fact, as soon as she heard about him, a woman whose little daughter was possessed by an evil spirit came and fell at his feet.
26. यह यूनानी और सूरूफिनीकी जाति की थी; और उस ने उस से बिनती की, कि मेरी बेटी में से दुष्टात्मा निकाल दे।
26. The woman was a Greek, born in Syrian Phoenicia. She begged Jesus to drive the demon out of her daughter.
27. उस ने उस से कहा, पहिले लड़कों को तृप्त होने दे, क्योंकि लड़कों को रोटी लेकर कुत्तों के आगे डालना उचित नहीं है।
27. 'First let the children eat all they want,' he told her, 'for it is not right to take the children's bread and toss it to the dogs.'
28. उस ने उस को उत्तर दिया; कि सच है प्रभु; तौभी कुत्ते भी तो मेज के नीचे बालकों की रोटी का चूर चार खा लेते हैं।
28. 'Lord,' she replied, 'even the dogs under the table eat the children's crumbs.'
29. उस ने उस सके कहा; इस बात के कारण चली जा; दुष्टात्मा तेरी बेटी में से निकल गई है।
29. Then he told her, 'For such a reply, you may go; the demon has left your daughter.'
30. और उस ने अपने घर आकर देखा कि लड़की खाट पर पड़ी है, और दुष्टात्मा निकल गई है।।
30. She went home and found her child lying on the bed, and the demon gone.
31. फिर वह सूर और सैदा के देशों से निकलकर दिकपुलिस देश से होता हुआ गलील की झील पर पहुंचा।
31. Then Jesus left the vicinity of Tyre and went through Sidon, down to the Sea of Galilee and into the region of the Decapolis.
32. और लोगों ने एक बहिरे को जो हक्ला भी था, उसके पास लाकर उस से बिनती की, कि अपना हाथ उस पर रखे।
32. There some people brought to him a man who was deaf and could hardly talk, and they begged Jesus to place his hand on him.
33. तब वह उस को भीड़ से अलग ले गया, और अपनी उंगलियां उसके कानों में डालीं, और थूक कर उस की जीभ को छूआ।
33. After he took him aside, away from the crowd, Jesus put his fingers into the man's ears. Then he spit and touched the man's tongue.
34. और स्वर्ग की ओर देखकर आह भरी, और उस से कहा; इप्फत्तह, अर्थात् खुल जा।
34. He looked up to heaven and with a deep sigh said to him, (which means 'Be opened!').
35. और उसके कान खुल गए, और उस की जीभ की गांठ भी खुल गई, और वह साफ साफ बोलने लगा।
35. At this, the man's ears were opened, his tongue was loosened and he began to speak plainly.
36. तब उस ने उन्हें चिताया कि किसी से न कहना; परन्तु जितना उस ने उन्हें चिताया उतना ही वे और प्रचार करने लगे।
36. Jesus commanded them not to tell anyone. But the more he did so, the more they kept talking about it.
37. और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है; वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है।।यशायाह 35:5-6, यशायाह 52:14
37. People were overwhelmed with amazement. 'He has done everything well,' they said. 'He even makes the deaf hear and the mute speak.'