44. तब वे उत्तर देंगे, कि हे प्रभु, हम ने तुझे कब भूखा, या पियासा, या परदेशी, या नंगा, या बीमार, या बन्दीगृह में देखा, और तेरी सेवा टहल न की?
44. Then shall *they* also answer saying, Lord, when saw we thee hungering, or thirsting, or a stranger, or naked, or ill, or in prison, and have not ministered to thee?