Numbers - गिनती 14 | View All

1. तब सारी मण्डली चिल्ला उठी; और रात भर वे लोग रोते ही रहे।
इब्रानियों 3:16-18

1. And the whole assembly lifted up their voice, and cried; and the people wept that night.

2. और सब इस्त्राएली मूसा और हारून पर बुड़बुड़ाने लगे; और सारी मण्डली उस ने कहने लगी, कि भला होता कि हम मि ही में मर जाते! वा इस जंगल ही में मर जाते!
1 कुरिन्थियों 10:10

2. And all the children of Israel murmured against Moses and against Aaron; and the whole assembly said to them, Would that we had died in the land of Egypt! or in this wilderness would that we had died!

3. और यहोवा हम को उस देश में ले जाकर क्यों तलवार से मरवाना चाहता है? हमारी स्त्रियां और बालबच्चे तो लूट में चलें जाएंगे; क्या हमारे लिये अच्छा नहीं कि हम मि देश को लौट जाएं?
प्रेरितों के काम 7:39

3. And why is Jehovah bringing us to this land that we may fall by the sword, that our wives and our little ones may become a prey? Is it not better for us to return to Egypt?

4. फिर वे आपस में कहने लगे, आओ, हम किसी को अपना प्रधान बना लें, और मि को लौट चलें।
प्रेरितों के काम 7:39

4. And they said one to another, Let us make a captain, and let us return to Egypt.

5. तब मूसा और हारून इस्त्राएलियों की सारी मण्डली के साम्हने मुंह के बल गिरे।

5. Then Moses and Aaron fell upon their faces before the whole congregation of the assembly of the children of Israel.

6. और नून का पुत्रा यहोशू और यपुन्ने का पुत्रा कालिब, जो देश के भेद लेनेवालों में से थे, अपने अपने वस्त्रा फाड़कर,
मत्ती 26:65, मरकुस 14:63

6. And Joshua the son of Nun, and Caleb the son of Jephunneh, of them that searched out the land, rent their garments.

7. इस्त्राएलियों की सारी मण्डली से कहने लगे, कि जिस देश का भेद लेने को हम इधर उधर घूम कर आए हैं, वह अत्यन्त उत्तम देश है।

7. And they spoke to the whole assembly of the children of Israel, saying, The land, which we passed through to search it out, is a very, very good land.

8. यदि यहोवा हम से प्रसन्न हो, तो हम को उस देश में, जिस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, पहुंचाकर उसे हमे दे देगा।

8. If Jehovah delight in us, he will bring us into this land, and give it us, a land that flows with milk and honey;

9. केवल इतना करो कि तुम यहोवा के विरूद्ध बलवा न करो; और न तो उस देश के लोगों से डरो, क्योंकि वे हमारी रोटी ठहरेंगे; छाया उनके ऊपर से हट गई है, और यहोवा हमारे संग है; उन से न डरो।

9. only rebel not against Jehovah; and fear not the people of the land; for they shall be our food. Their defence is departed from them, and Jehovah is with us: fear them not.

10. तब सारी मण्डली चिल्ला उठी, कि इनको पत्थरवाह करो। तब यहोवा का तेज सब इस्त्राएलियों पर प्रकाशमान हुआ।।

10. And the whole assembly said that they should be stoned with stones. And the glory of Jehovah appeared in the tent of meeting to all the children of Israel.

11. तब यहोवा ने मूसा से कहा, वे लोग कब तक मेरा तिरस्कार करते रहेंगे? और मेरे सब आश्चर्यकर्म देखने पर भी कब तक मुझ पर विश्वास न करेंगे?

11. And Jehovah said to Moses, How long will this people despise me? and how long will they not believe me, for all the signs which I have done among them?

12. मैं उन्हें मरी से मारूंगा, और उनके निज भाग से उन्हें निकाल दूंगा, और तुझ से एक जाति उपजाऊंगा जो उन से बड़ी और बलवन्त होगी।

12. I will smite them with the pestilence, and destroy them, and will make of thee a nation greater and mightier than they.

13. मूसा ने यहोवा से कहा, तब तो मिद्दी जिनके मध्य में से तू अपनी सामर्थ्य दिखाकर उन लोगों को निकाल ले आया है यह सुनेंगे,

13. And Moses said to Jehovah, Then the Egyptians will hear it; for in thy might thou broughtest up this people from the midst of them;

14. और इस देश के निवासियों से कहेंगे। उन्हों ने तो यह सुना है, कि तू जो यहोवा है इन लोगों के मध्य में रहता है; और प्रत्यक्ष दिखाई देता है, और तेरा बादल उनके ऊपर ठहरा रहता है, और तू दिन को बादल के खम्भे में, और रात को अग्नि के खम्भे में होकर इनके आगे आगे चला करता है।

14. and they will tell it to the inhabitants of this land, [who] have heard that thou, Jehovah, art in the midst of this people, that thou, Jehovah, lettest thyself be seen eye to eye, and that thy cloud standeth over them, and that thou goest before them, in a pillar of cloud by day, and in a pillar of fire by night;

15. इसलिये यदि तू इन लोगों को एक ही बार मे मार डाले, तो जिन जातियों ने तेरी कीर्त्ति सुनी है वे कहेंगी,

15. if thou now slayest this people as one man, then the nations that have heard thy fame will speak, saying,

16. कि यहोवा उन लोगों को उस देश में जिसे उस ने उन्हें देने की शपथ खाई थी पहुंचा न सका, इस कारण उस ने उन्हें जंगल में घात कर डाला है।
1 कुरिन्थियों 10:5

16. Because Jehovah was not able to bring this people into the land that he had sworn unto them, he has therefore slain them in the wilderness.

17. सो अब प्रभु की सामर्थ्य की महिमा तेरे इस कहने के अनुसार हो,

17. And now, I beseech thee, let the power of the Lord be great, according as thou hast spoken, saying,

18. कि यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करूणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है।

18. Jehovah is slow to anger, and abundant in goodness, forgiving iniquity and transgression, but by no means clearing [the guilty], visiting the iniquity of the fathers upon the children, upon the third and fourth [generation].

19. अब इन लोगों के अधर्म को अपनी बड़ी करूणा के अनुसार, और जैसे तू मि से लेकर यहां तक क्षमा करता रहा है वैसे ही अब भी क्षमा कर दे।

19. Pardon, I beseech thee, the iniquity of this people according to the greatness of thy loving-kindness, and as thou hast forgiven this people, from Egypt even until now.

20. यहोवा ने कहा, तेरी बिनती के अनुसार मैं क्षमा करता हूं;

20. And Jehovah said, I have pardoned according to thy word.

21. परन्तु मेरे जीवन की शपथ सचमुच सारी पृथ्वी यहोवा की महिमा से परिपूर्ण हो जाएगी;
इब्रानियों 3:11

21. But as surely as I live, all the earth shall be filled with the glory of Jehovah!

22. उन सब लोगों ने जिन्हों ने मेरी महिमा मि देश में और जंगल में देखी, और मेरे किए हुए आश्चर्यकर्मों को देखने पर भी दस बार मेरी परीक्षा की, और मेरी बातें नहीं मानी,
इब्रानियों 3:18

22. for all those men who have seen my glory, and my signs, which I did in Egypt and in the wilderness, and have tempted me these ten times, and have not hearkened to my voice,

23. इसलिये जिस देश के विषय मैं ने उनके पूर्वजों से शपथ खाई, उसको वे कभी देखने न पाएंगे; अर्थात् जितनों ने मेरा अपमान किया है उन में से कोई भी उसे देखने न पाएगा।
1 कुरिन्थियों 10:5

23. shall in no wise see the land which I did swear unto their fathers: none of them that despised me shall see it.

24. परन्तु इस कारण से कि मेरे दास कालिब के साथ और ही आत्मा है, और उस ने पूरी रीति से मेरा अनुकरण किया है, मैं उसको उस देश में जिस में वह हो आया है पहुंचाऊंगा, और उसका वंश उस देश का अधिकारी होगा।

24. But my servant Caleb, because he hath another spirit in him, and hath followed me fully, him will I bring into the land whereinto he came; and his seed shall possess it.

25. अमालेकी और कनानी लोग तराई में रहते हैं, सो कल तुम घूमकर प्रस्थान करो, और लाल समुद्र के मार्ग से जंगल में जाओ।।

25. (Now the Amalekites and the Canaanites dwell in the valley.) To-morrow turn you, and take your journey into the wilderness, on the way to the Red sea.

26. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,

26. And Jehovah spoke to Moses and to Aaron, saying,

27. यह बुरी मण्डली मुझ पर बुड़बुड़ाती रहती है, उसको मैं कब तक सहता रहूं? इस्त्राएली जो मुझ पर बुड़बुड़ाते रहते हैं, उनका यह बुड़बुड़ाना मैं ने तो सुना है।

27. How long [shall I bear] with this evil assembly, which murmur against me? I have heard the murmurings of the children of Israel, which they murmur against me.

28. सो उन से कह, कि यहोवा की यह वाणी है, कि मेरे जीवन की शपथ जो बातें तुम ने मेरे सुनते कही हैं, नि:सन्देह मैं उसी के अनुसार तुम्हारे साथ व्यवहार करूंगा।

28. Say unto them, As surely as I live, saith Jehovah, if I do not do unto you as ye have spoken in mine ears!

29. तुम्हारी लोथें इसी जंगल में पड़ी रहेंगी; और तुम सब में से बीस वर्ष की वा उस से अधिक अवस्था के जितने गिने गए थे, और मुझ पर बुड़बुड़ाते थे,
इब्रानियों 3:17, 1 कुरिन्थियों 10:5, यहूदा 1:5

29. In this wilderness shall your carcases fall; and all that were numbered of you, according to your whole number from twenty years old and upwards, who have murmured against me,

30. उस में से यपुन्ने के पुत्रा कालिब और नून के पुत्रा यहोशू को छोड़ कोई भी उस देश में न जाने पाएगा, जिसके विषय मैं ने शपथ खाई है कि तुम को उस में बसाऊंगा।
1 कुरिन्थियों 10:5, यहूदा 1:5

30. shall in no wise come into the land, concerning which I have lifted up my hand to make you dwell in it; save Caleb the son of Jephunneh, and Joshua the son of Nun.

31. परन्तु तुम्हारे बालबच्चे जिनके विषय तुम ने कहा है, कि ये लूट में चले जाएंगे, उनको मैं उस देश में पहुंचा दूंगा; और वे उस देश को जान लेंगे जिस को तुम ने तुच्छ जाना है।

31. But your little ones, of whom ye said they should be a prey, them will I bring in, and they shall know the land that ye have despised.

32. परन्तु तुम लोगों की लोथें इसी जंगल में पड़ी रहेंगी।

32. And as to you, your carcases shall fall in this wilderness.

33. और जब तक तुम्हारी लोथें जंगल में न गल जाएं तक तक, अर्थात् चालीस वर्ष तक, तुम्हारे बालबच्चे जंगल में तुम्हारे व्यभिचार का फल भोगते हुए चरवाही करते रहेंगे।
प्रेरितों के काम 7:36

33. And your children shall wander in the wilderness forty years, and bear your whoredoms, until your carcases be wasted in the wilderness.

34. जितने दिन तुम उस देश का भेद लेते रहे, अर्थात् चालीस दिन उनकी गिनती के अनुसार, दिन पीछे उस वर्ष, अर्थात् चालीस वर्ष तक तुम अपने अधर्म का दण्ड उठाए रहोगे, तब तुम जान लोगे कि मेरा विरोध क्या है।
प्रेरितों के काम 13:18

34. After the number of the days in which ye have searched out the land, forty days, each day for a year shall ye bear your iniquities forty years, and ye shall know mine estrangement [from you].

35. मैं यहोवा यह कह चुका हूं, कि इस बुरी मण्डली के लोग जो मेरे विरूद्ध इकट्ठे हुए हैं उसी जंगल में मर मिटेंगे; और नि:सन्देह ऐसा ही करूंगा भी।
यहूदा 1:5

35. I Jehovah have spoken; I will surely do it unto all this evil assembly which have gathered together against me! in this wilderness they shall be consumed, and there they shall die.

36. तब जिन पुरूषों को मूसा ने उस देश के भेद लेने के लिये भेजा था, और उन्हों ने लौटकर उस देश की नामधराई करके सारी मण्डली को कुड़कुड़ाने के लिये उभारा था,
1 कुरिन्थियों 10:10

36. And the men whom Moses had sent to search out the land, who returned, and made the whole assembly to murmur against him, by bringing up an evil report upon the land,

37. उस देश की वे नामधराई करनेवाले पुरूष यहोवा के मारने से उसके साम्हने मर गये।

37. even those men who had brought up an evil report upon the land, died by a plague before Jehovah.

38. परन्तु देश के भेद लेनेवाले पुरूषों में से नून का पुत्रा यहोशू और यपुन्ने का पुत्रा कालिब दोनों जीवित रहे।

38. But Joshua the son of Nun, and Caleb the son of Jephunneh, lived still of the men that had gone to search out the land.

39. तब मूसा ने ये बातें सब इस्त्राएलियों को कह सुनाई और वे बहुत विलाप करने लगे।

39. And Moses told all these sayings to all the children of Israel; then the people mourned greatly.

40. और वे बिहान को सवेरे उठकर यह कहते हुए पहाड़ की चोटी पर चढ़ने लगे, कि हम ने पाप किया है; परन्तु अब तैयार हैं, और उस स्थान को जाएंगे जिसके विषय यहोवा ने वचन दिया था।

40. And they rose up early in the morning, and went up to the hill-top, saying, Here are we, and we will go up to the place of which Jehovah has spoken; for we have sinned.

41. तब मूसा ने कहा, तुम यहोवा की आज्ञा का उल्लंघन क्यों करते हो? यह सुफल न होगा।

41. And Moses said, Why now do ye transgress the commandment of Jehovah? but it shall not prosper!

42. यहोवा तुम्हारे मध्य में नहीं है, मत चढ़ो, नहीं तो शत्रुओं से हार जाओगे।

42. Go not up, for Jehovah is not among you; that ye be not smitten before your enemies;

43. वहां तुम्हारे आगे अमालेकी और कनानी लोग हैं, सो तुम तलवार से मारे जाओगे; तुम यहोवा को छोड़कर फिर गए हो, इसलिये वह तुम्हारे संग नहीं रहेगा।

43. for the Amalekites and the Canaanites are there before you, and ye shall fall by the sword; for as ye have turned away from Jehovah, Jehovah will not be with you.

44. परन्तु वे ढिठाई करके पहाड़ की चोटी पर चढ़ गए, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक, और मूसा, छावनी से न हटे।

44. Yet they presumed to go up to the hill-top; but the ark of the covenant of Jehovah, and Moses, did not depart from the midst of the camp.

45. अब अमालेकी और कनानी जो उस पहाड़ पर रहते थे उन पर चढ़ आए, और होर्मा तक उनको मारते चले आए।।

45. And the Amalekites and the Canaanites who dwelt on that hill, came down and smote them, and cut them to pieces, as far as Hormah.



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