2. और उस ने यहोवा से यह कहकर प्रार्थना की, हे यहोवा जब मैं अपने देश में था, तब क्या मैं यही बात न कहता था? इसी कारण मैं ने तेरी आज्ञा सुनते ही तर्शीश को भाग जाने के लिये फुर्ती की; क्योंकि मैं जानता था कि तू अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है, विलम्ब से कोप करनेवाला करूणानिधान है, और दु:ख देने से प्रसन्न नहीं होता।
2. And he prayed unto the LORD and said, I pray thee, O LORD, [was] this not what I said when I was yet in my country? Therefore I hastened to flee unto Tarshish, for I knew that thou [art] a gracious God and full of compassion, slow to anger, and of great mercy, and dost repent when thou art come to take punishment.