Leviticus - लैव्यव्यवस्था 10 | View All

1. तब नादाब और अबीहू नामक हारून के दो पुत्रों ने अपना अपना धूपदान लिया, और उन में आग भरी, और उस में धूप डालकर उस ऊपरी आग की जिसकी आज्ञा यहोवा ने नहीं दी थी यहोवा के सम्मुख आरती दी।

1. আর হারোণের পুত্র নাদব ও অবীহূ আপন আপন অঙ্গারধানী লইয়া তাহাতে অগ্নি রাখিল, ও তাহার উপরে ধূপ দিয়া সদাপ্রভুর সম্মুখে তাঁহার আজ্ঞার বিপরীতে ইতর অগ্নি উৎসর্গ করিল।

2. तब यहोवा के सम्मुख से आग निकलकर उन दोनों को भस्म कर दिया, और वे यहोवा के साम्हने मर गए।

2. তাহাতে সদাপ্রভুর সম্মুখ হইতে অগ্নি নির্গত হইয়া তাহাদিগকে গ্রাস করিল, তাহারা সদাপ্রভুর সম্মুখে প্রাণত্যাগ করিল।

3. तब मूसा ने हारून से कहा, यह वही बात है जिसे यहोवा ने कहा था, कि जो मेरे समीप आए अवश्य है कि वह मुझे पवित्रा जाने, और सारी जनता के साम्हने मेरी महिमा करे। और हारून चुप रहा।

3. তখন মোশি হারোণকে কহিলেন, সদাপ্রভু ত ইহাই বলিয়াছিলেন, তিনি কহিয়াছিলেন, যাহারা আমার নিকটবর্ত্তী হয়, তাহাদের মধ্যে আমি অবশ্য পবিত্ররূপে মান্য হইব, ও সকল লোকের সম্মুখে গৌরবান্বিত হইব। তখন হারোণ নীরব হইয়া রহিলেন।

4. तब मूसा ने मीशाएल और एलसाफान को जो हारून के चाचा उज्जीएल के पुत्रा थे बुलाकर कहा, निकट आओ, और अपने भतीजों को पवित्रास्थान के आगे से उठाकर छावनी के बाहर ले जाओ।

4. পরে মোশি হারোণের পিতৃব্য উষীয়েলের পুত্র মীশায়েল ও ইলীষাফণকে ডাকিয়া কহিলেন, নিকটে আসিয়া তোমাদের ঐ দুই জন জ্ঞাতিকে তুলিয়া পবিত্র স্থানের সম্মুখ হইতে শিবিরের বাহিরে লইয়া যাও।

5. मूसा की इस आज्ञा के अनुसार वे निकट जाकर उनको अंगरखों सहित उठाकर छावनी के बाहर ले गए।

5. তাহাতে তাহারা নিকটে গিয়া অঙ্গরক্ষিণী সমেত তাহাদিগকে তুলিয়া শিবিরের বাহিরে লইয়া গেল; যেমন মোশি বলিয়াছিলেন।

6. तब मूसा ने हारून से और उसके पुत्रा एलीआजर और ईतामार से कहा, तुम लोग अपने सिरों के बाल मत बिखराओ, और न अपने वस्त्रों को फाड़ो, ऐसा न हो कि तुम भी मर जाओ, और सारी मण्डली पर उसका क्रोध भड़क उठे; परन्तु वह इस्त्राएल के कुल घराने के लोग जो तुम्हारे भाईबन्धु हैं यहोवा की लगाई हुई आग पर विलाप करें।

6. পরে মোশি হারোণকে ও তাঁহার দুই পুত্র ইলীয়াসর ও ঈথামরকে কহিলেন, তোমরা যেন মারা না পড়, ও সমস্ত মণ্ডলীর প্রতি যেন ক্রোধ প্রজ্বলিত না হয়, এই জন্য তোমরা আপন আপন মস্তক মুক্তকেশ করিও না, ও আপন আপন বস্ত্র চিরিও না; কিন্তু তোমাদের ভ্রাতৃগণ, অর্থাৎ সমস্ত ইস্রায়েল-কুল, সদাপ্রভুর কৃত দাহ প্রযুক্ত রোদন করুক।

7. और तुम लोग मिलापवाले तम्बू के द्वार के बाहर न जाना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; क्योंकि यहोवा के अभिषेक का तेल तुम पर लगा हुआ है। मूसा के इस वचन के अनुसार उन्हों ने किया।।

7. আর তোমরা যেন মারা না পড়, এই জন্য সমাগম-তাম্বুর দ্বারের বাহির হইও না, কেননা তোমাদের গাত্রে সদাপ্রভুর অভিষেক-তৈল আছে। তাহাতে তাঁহারা মোশির বাক্যানুসারে সেইরূপ করিলেন।

8. फिर यहोवा ने हारून से कहा,

8. পরে সদাপ্রভু হারোণকে কহিলেন, তোমরা যেন মারা না পড়,

9. कि जब जब तू वा तेरे पुत्रा मिलापवाले तम्बू में आएं तब तब तुम में से कोई न तो दाखमधु पिए हो न और किसी प्रकार का मद्य, कहीं ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में यह विधि प्रचलित रहे,

9. এই জন্য যে সময়ে তুমি কিম্বা তোমার পুত্রগণ সমাগম-তাম্বুতে প্রবেশ করিবে, তৎকালে দ্রাক্ষারস কি মদ্য পান করিও না; ইহা পুরুষানুক্রমে তোমাদের পালনীয় চিরস্থায়ী বিধি।

10. जिस से तुम पवित्रा और अपवित्रा में, और शुद्ध और अशुद्ध में अन्तर कर सको;

10. তাহাতে তোমরা পবিত্র ও সামান্য বিষয়ের এবং শুচি ও অশুচি বিষয়ের প্রভেদ করিতে,

11. और इस्त्राएलियों को उन सब विधियों को सिखा सको जिसे यहोवा ने मूसा के द्वारा उनको सुनवा दी हैं।।

11. এবং সদাপ্রভু মোশি দ্বারা ইস্রায়েল-সন্তানগণকে যে সকল বিধি দিয়াছেন, তাহা তাহাদিগকে শিক্ষা দিতে পারিবে।

12. फिर मूसा ने हारून से और उसके बचे हुए दोनों पुत्रा ईतामार और एलीआजर से भी कहा, यहोवा के हव्य में से जो अन्नबलि बचा है उसे लेकर वेदी के पास बिना खमीर खाओ, क्योंकि वह परमपवित्रा है;

12. পরে মোশি হারোণকে ও তাঁহার অবশিষ্ট দুই পুত্র ইলীয়াসর ও ঈথামরকে কহিলেন, সদাপ্রভুর উদ্দেশে অগ্নিকৃত উপহারের অবশিষ্ট যে ভক্ষ্য-নৈবেদ্য আছে, তাহা লইয়া গিয়া তোমরা বেদির পার্শ্বে বিনা তাড়ীতে ভোজন কর, কেননা তাহা অতি পবিত্র।

13. और तुम उसे किसी पवित्रास्थान में खाओ, वह तो यहोवा के हव्य में से तेरा और तेरे पुत्रों का हक है; क्योंकि मै ने ऐसी ही आज्ञा पाई है।

13. কোন পবিত্র স্থানে তাহা ভোজন করিবে; কেননা সদাপ্রভুর উদ্দেশে অগ্নিকৃত উপহারের মধ্যে তাহাই তোমার ও তোমার পুত্রগণের প্রাপ্তব্য অংশ; কারণ আমি এই আজ্ঞা পাইয়াছি।

14. और हिलाई हुई भेंट की छाती और उठाई हुई भेंट की जांघ को तुम लोग, अर्थात् तू और बेटे- बेटियां सब किसी शुद्ध स्थान में खाओ; क्योंकि वे इस्त्राएलियों के मेलबलियों में से तुझे और तेरे लड़केबालों की हक ठहरा दी गई हैं।

14. আর দোলনীয় বক্ষঃ ও উত্তোলনীয় জঙ্ঘা তুমি ও তোমার পুত্র কন্যাগণ কোন শুচি স্থানে ভোজন করিবে, কেননা ইস্রায়েল-সন্তানগণের মঙ্গলার্থক বলিদান হইতে তাহা তোমার ও তোমার সন্তানগণের প্রাপ্তব্য অংশ বলিয়া দত্ত হইয়াছে।

15. चरबी के हव्यों समेत जो उठाई हुई जांघ और हिलाई हुई छाती यहोवा के साम्हने हिलाने के लिये आया करेंगी, ये भाग यहोवा की आज्ञा के अनुसार सर्वदा की विधी की व्यवस्था से तेरे और तेरे लड़केबालों के लिये हैं।।

15. তাহারা হবনীয় মেদের সহিত উত্তোলনীয় জঙ্ঘা ও দোলনীয় বক্ষঃ দোলনীয় নৈবেদ্য বলিয়া সদাপ্রভুর সম্মুখে দোলাইবার জন্য আনিবে; তাহা তোমার ও তোমার সন্তানগণের চিরস্থায়ী অধিকার হইবে; যেমন সদাপ্রভু আজ্ঞা করিয়াছেন।

16. फिर मूसा ने पापबलि के बकरे की जो ढूंढ़- ढांढ़ की, तो क्या पाया, कि वह जलाया गया है, सो एलीआज़र और ईतामार जो हारून के पुत्रा बचे थे उन से वह क्रोध में आकर करने लगा,

16. পরে মোশি যত্নপূর্ব্বক পাপার্থক ছাগের অন্বেষণ করিলেন, আর দেখ, তাহা পোড়াইয়া দেওয়া হইয়াছিল; সেই জন্য তিনি হারোণের অবশিষ্ট দুই পুত্র ইলীয়াসর ও ঈথামরের প্রতি ক্রুদ্ধ হইয়া কহিলেন,

17. कि पापबलि जो परमपवित्रा है और जिसे यहोवा ने तुम्हे इसलिये दिया है कि तुम मण्डली के अधर्म का भार अपने पर उठाकर उनके लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करो, तुम ने उसका मांस पवित्रास्थान में क्यों नहीं खाया?

17. সেই পাপার্থক বলি তোমরা পবিত্র স্থানে ভোজন কর নাই কেন? তাহা ত অতি পবিত্র, এবং মণ্ডলীর অপরাধ বহন করতঃ সদাপ্রভুর সম্মুখে প্রায়শ্চিত্ত করণার্থে তাহা তিনি তোমাদিগকে দিয়াছেন।

18. देखो, उसका लोहू पवित्रास्थान के भीतर तो लाया ही नहीं गया, नि:सन्देह उचित था कि तुम मेरी आज्ञा के अनुसार उसके मांस को पवित्रास्थान में खाते।

18. দেখ, ভিতরে পবিত্র স্থানে তাহার রক্ত আনীত হয় নাই; আমার আজ্ঞানুসারে পবিত্র স্থানে তাহা ভোজন করা তোমাদের কর্ত্তব্য ছিল।

19. इसका उत्तर हारून ने मूसा को इस प्रकार दिया, कि देख, आज ही उन्हों ने अपने पापबलि और होमबलि को यहोवा के साम्हने चढ़ाया; फिर मुझ पर ऐसी विपत्तियां आ पड़ी हैं ! इसलिये यदि मैं आज पापबलि का मांस खाता तो क्या यह बात यहोवा के सम्मुख भली होती?

19. তখন হারোণ মোশিকে কহিলেন, দেখ, উহারা অদ্য সদাপ্রভুর উদ্দেশে আপন আপন পাপার্থক বলি ও আপন আপন হোমবলি উৎসর্গ করিয়াছে, আর আমার প্রতি এরূপ ঘটিল; যদি আমি অদ্য পাপার্থক বলি ভোজন করিতাম, তবে সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে তাহা কি ভাল বোধ হইত?

20. जब मूसा ने यह सुना तब उसे संतोष हुआ।।

20. মোশি যখন ইহা শুনিলেন, তাঁহার দৃষ্টিতে ভাল বোধ হইল।



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