Joel - योएल 3 | View All

1. क्योंकि सुनो, जिन दिनों में और जिस समय मैं यहूदा और यरूशलेम वासियों को बंधुआई से लौटा ले आऊंगा,

2. उस समय मैं सब जातियों को इकट्ठी करके यहोशपात की तराई में ले जाऊंगा, और वहां उनके साथ अपनी प्रजा अर्थात् अपने निज भाग इस्राएल के विषय में जिसे उन्हों ने अन्यजातियों में तितर- बितर करके मेरे देश को बांट लिया है, उन से मुक मा लडूंगा।

3. उन्हों ने तो मेरी प्रजा पर चिट्ठी डाली, और एक लड़का वेश्या के बदले में दे दिया, और एक लड़की बेचकर दाखमधु पीया है।।

4. हे सोर, और सीदोन और पलिश्तीन के सब प्रदेशो, तुम को मुझ से क्या काम? क्या तुम मुझ को बदला दोगे? यदि तुम मुझे बदला भी दो, तो मैं शीघ्र ही तुम्हारा दिया हुआ बदला, तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा।

मत्ती 11:21-22 हाय, खुराजीन; हाय, बैतसैदा; जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब से मन फिरा लेते।परन्तु मैं तुम से कहता हूं; कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी।

लूका 10:13-14 हाय खुराजीन ! हाय बैतसैदा ! जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर और राख में बैठकर वे कब के मन फिराते।परन्तु न्याय के दिन तुम्हरी दशा से सूर और सैदा की दशा सहने योग्य होगी।

5. क्योंकि तुम ने मेरी चान्दी- सोना ले लिया, और मेरी अच्छी और मनभावनी वस्तुएं अपने मन्दिरों में ले जाकर रखी है;

6. और यहूदियों और यरूशलेमियों को यूनानियों के हाथ इसलिये बेच डाला है कि वे अपने देश से दूर किए जाएं।

7. इसलिये सुनो, मैं उनको उस स्थान से, जहां के जानेवालों के हाथ तुम ने उनको बेच दिया, बुलाने पर हूं, और तुम्हारा दिया हुआ बदला, तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा।

8. मैं तुम्हारे बेटे- बेटियों को यहूदियों के हाथ बिकवा दूंगा, और वे उसको शबाइयों के हाथ बेच देंगे जो दूर देश के रहनेवाले हैं; क्योंकि यहोवा ने यह कहा है।।

9. जाति जाति में यह प्रचार करो, युद्ध की तैयारी करो, अपने शूरवीरों को उभारो। सब योद्धा निकट आकर लड़ने को चढ़ें।

10. अपने अपने हल की फाल को पीटकर तलवार, और अपनी अपनी हंसिया को पीटकर बर्छी बनाओ; जो बलहीन हो वह भी कहे, मैं वीर हूं।।

11. हे चारों ओर के जाति जाति के लोगो, फुर्ती करके आओ और इकट्ठे हो जाओ। हे यहोवा, तू भी अपने शूरवीरों को वहां ले जा।

12. जाति जाति के लोग उभरकर चढ़ जाएं और यहोशापात की तराई में जाएं, क्योंकि वहां मैं चारों आरे की सारी जातियों का न्याय करने को बैठूंगा।।

13. हंसुआ लगाओ, क्योंकि खेत पक गया है। आओ, दाख रौंदो, क्योंकि हौज़ भर गया है। रसकुण्ड उमण्डने लगे, क्योंकि उनकी बुराई बहुत बड़ी है।।

मरकुस 4:29 परन्तु जब दाना पक जाता है, तब वह तुरन्त हंसिया लगाता है, क्योंकि कटनी आ पहुंची है।।

प्रकाशितवाक्य 14:15-18-2 सो जो बादल पर बैठा था, उस ने पृथ्वी पर अपना हंसुआ लगाया, और पृथ्वी की लवनी की गई।।फिर एक और स्वर्गदूत उस मन्दिर में से निकला, जो स्वर्ग में है, और उसके पास भी चोखा हंसुआ था।फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर, उस से जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकारकर कहा, कि अपना हंसुआ लगाकर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पंहुचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।फिर एक और स्वर्गदूत जिस आग पर अधिकार था, वेदी में से निकला, और जिस के पास चोखा हंसुआ था, उस से ऊंचे शब्द से कहा; अपना चोखा हंसुआ लगाकर पृथ्वी की दाख लता के गुच्छे काट ले; क्योंकि उस की दाख पक चुकी है।

प्रकाशितवाक्य 19:15 और जाति जाति को मारने के लिये उसके मुंह से एक चोखी तलवार निकलती है, और वह लोहे का राजदण्ड लिए हुए उन पर राज्य करेगा, और वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के भयानक प्रकोप की जलजलाहट की मदिरा के कुंड में दाख रौंदेगा।

14. निबटारे की तराई में भीड़ की भीड़ है! क्योंकि निबटारे की तराई में यहोवा का दिन निकट है।

15. सूर्य और चन्द्रमा अपना अपना प्रकाश न देंगे, और न तारे चमकेंगे।।

मत्ती 24:29 जहां लोथ हो, वहीं गिद्ध इकट्ठे होंगे।।

मरकुस 13:24-25 उन दिनों में, उस क्लेश के बाद सूरज अन्धेरा हो जाएगा, और चान्द प्रकाश न देगा।और आकाश से तारागण गिरने लगेंगे: और आकाश की शक्तियां हिलाई जाएंगेी।

प्रकाशितवाक्य 6:12-13 और जब उस ने छठवीं मुहर खोली, तो मैं ने देखा, कि एक बड़ा भुइंडोल हुआ; और सूर्य कम्मल की नाईं काला, और पूरा चन्द्रमा लोहू का सा हो गया।और आकाश के तारे पृथ्वी पर ऐसे गिर पड़े जैसे बड़ी आन्धी से हिलकर अंजीर के पेड़ में से कच्चे फल झड़ते हैं।

प्रकाशितवाक्य 8:12 और चौथे स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, और सूर्य की एक तिहाई, और चान्द की एक तिहाई और तारों की एक तिहाई पर आपत्ति आई, यहां तक कि उन का एक तिहाई अंग अन्धेरा हो गया और दिन की एक तिहाई में उजाला न रहा, और वैसे ही रात में भी।।

16. और यहोवा सिरयोन से गरजेगा, और यरूशलेम से बड़ा शब्द सुनाएगा; और आकाश और पृथ्वी थरथराएंगे। परन्तु यहोवा अपनी प्रजा के लिये शरणस्थान और इस्राएलियों के लिये गढ़ ठहरेगा।।

17. इस प्रकार तुम जानोगे कि यहोवा जो अपने पवित्रा पर्वत सिरयोन पर वास किए रहता है, वही हमारा परमेश्वर है। और यरूशलेम पवित्रा ठहरेगा, और परदेशी उस में होकर फिर न जाने पाएंगे।।

18. और उस समय पहाड़ों से नया दाखमधु टपकने लगेगा, और टीलों से दूध बहने लगेगा, और यहूदा देश के सब नाले जल से भर जाएंगे; और यहोवा के भवन में से एक सोता फूट निकलेगा, जिस से शित्तीम का नाम नाला सींचा जाएगा।।

प्रकाशितवाक्य 22:1 फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकलकर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।

19. यहूदियों पर उपद्रव करने के कारण, मि उजाड़ और एदोम उजड़ा हुआ मरूस्थल हो जाएगा, क्योंकि उन्हों ने उनके देश में निर्दोष की हत्या की थी।

20. परन्तु यहूदा सर्वदा और यरूशलेम पीढ़ी पीढ़ी तब बना रहेगा।

21. क्योंकि उनका खून, जो अब तक मैं ने पवित्रा नहीं ठहराया था, उसे अब पवित्रा ठहराऊंगा, क्योंकि यहोवा सिरयोन में वास किए रहता है।।



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