Isaiah - यशायाह 61 | View All

1. प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्राता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं;
मत्ती 11:5, लूका 7:22, प्रेरितों के काम 10:38, मत्ती 5:3, प्रेरितों के काम 4:27, प्रेरितों के काम 26:18, लूका 4:18-19

1. প্রভু সদাপ্রভুর আত্মা আমাতে অধিষ্ঠান করেন, কেননা নম্রগণের কাছে সুসমাচার প্রচার করিতে সদাপ্রভু আমাকে অভিষেক করিয়াছেন; তিনি আমাকে প্রেরণ করিয়াছেন, যেন আমি ভগ্নান্তঃকরণ লোকদের ক্ষত বাঁধিয়া দিই; যেন বন্দি লোকদের কাছে মুক্তি, ও কারাবদ্ধ লোকদের কাছে কারামোচন প্রচার করি;

2. कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं; कि सब विलाप करनेवालों को शान्ति दूं
मत्ती 5:4

2. যেন সদাপ্রভুর প্রসন্নতার বৎসর ও আমাদের ঈশ্বরের প্রতিশোধের দিন ঘোষণা করি; যেন সমস্ত শোকার্ত্তকে সান্ত্বনা করি;

3. और सिरयोन के विलाप करनेवालों के सिर पर की राख दूर करके सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर करके हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो।
लूका 6:21

3. যেন সিয়োনের শোকার্ত্ত লোকদিগকে বর দিই, যেন তাহাদিগকে ভস্মের পরিবর্ত্তে শিরোভূষণ, শোকের পরিবর্ত্তে আনন্দতৈল, অবসন্ন আত্মার পরিবর্ত্তে প্রশংসারূপ পরিচ্ছদ দান করি; তাই তাহারা ধার্ম্মিকতা-বৃক্ষ ও সদাপ্রভুর রোপিত তাঁহার ভূষণার্থক উদ্যান বলিয়া আখ্যাত হইবে।

4. तब वे बहुत काल के उजड़े हुए स्थानों को फिर बसाएंगे, पूर्वकाल से पड़े हुए खण्डहरों में वे फिर घर बनाएंगे; उजड़े हुए नगरों को जो पीढ़ी पीढ़ी में उजड़े हुए हों वे फिर नये सिरे से बसाएंगे।।

4. তাহারা পুরাকালের ধ্বংসিত স্থান সকল নির্ম্মাণ করিবে, পূর্ব্বকালের উৎসন্ন স্থান সকল গাঁথিয়া তুলিবে, এবং ধ্বংসিত নগর, বহু পুরুষ পূর্ব্বের উৎসন্ন স্থান সকল নূতন করিবে।

5. परदेशी आ खड़े होंगे और तुम्हारी भेड़- बकरियों को चराएंगे और विदेशी लोग तुम्हारे चरवाहे और दाख की बारी के माली होंगे;

5. আর বিদেশিগণ দাঁড়াইয়া তোমাদের পাল চরাইবে, বিজাতি-সন্তানেরা তোমাদের শস্যক্ষেত্রের কৃষক ও তোমাদের দ্রাক্ষাক্ষেত্রের পাইটকারী হইবে।

6. पर तुम यहोवा के याजक कहलाओगे, वे तुम को हमरो परमेश्वर के सेवक कहेंगे; और तुम अन्यजातियों की धन- सम्पत्ति को खाओगे, उनके विभव की वस्तुएं पाकर तुम बड़ाई करोगे।
1 पतरस 2:5-9, प्रकाशितवाक्य 1:6, प्रकाशितवाक्य 5:10, प्रकाशितवाक्य 20:6

6. কিন্তু তোমরা সদাপ্রভুর যাজক বলিয়া আখ্যাত হইবে, লোকে তোমাদিগকে আমাদের ঈশ্বরের পরিচারক বলিবে; তোমরা জাতিগণের ঐশ্বর্য্য ভোগ করিবে, ও তাহাদের প্রতাপে শ্লাঘা করিবে। তোমাদের লজ্জার পরিবর্ত্তে দ্বিগুণ অংশ হইবে;

7. तुम्हारी नामधराई की सन्ती दूना भाग मिलेगा, अनादर की सन्ती तुम अपने भाग के कारण जयजयकार करोगे; तुम अपने देश में दूने भाग के अधिकारी होगे; और सदा आनन्दित बने रहोगे।।

7. অপমানের পরিবর্ত্তে লোকেরা আপন আপন অধিকারে আনন্দরব করিবে, তজ্জন্য আপনাদের দেশে দ্বিগুণ অংশ পাইবে; তাহাদের চিরস্থায়ী আহ্লাদ হইবে।

8. क्योंकि, मैं यहोवा न्याय से प्रीति रखता हूं, मैं अन्याय और डकैती से घृणा करता हूं; इसलिये मैं उनको उनके साथ सदा की वाचा बान्धूंगा।

8. কেননা আমি সদাপ্রভু ন্যায়বিচার ভালবাসি, অধর্ম্মযুক্ত অপহরণ ঘৃণা করি; আর আমি সত্যে তাহাদের ক্রিয়ার ফল দিব, ও তাহাদের সহিত চিরস্থায়ী এক নিয়ম করিব।

9. उनका वंश अन्यजातियों में और उनकी सन्तान देश देश के लोगों के बीच प्रसिद्ध होगी; जितने उनको देखेंगे, पहिचान लेंगे कि यह वह वंश है जिसको परमेश्वर ने आशीष दी है।।

9. আর তাহাদের বংশ জাতিগণের মধ্যে, ও তাহাদের সন্তানগণ লোকবৃন্দের মধ্যে পরিচিত হইবে; দেখিবামাত্র সকলে তাহাদিগকে চিনিবে যে, তাহারা সদাপ্রভুর আশীর্ব্বাদপ্রাপ্ত বংশ।

10. मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊंगा, मेरा प्राण परमेश्वर के कारण मगन रहेगा; क्योंकि उस ने मुझे उद्धार के वस्त्रा पहिनाए, और धर्म की च र ऐसे ओढ़ा दी है जैसे दूल्हा फूलों की माला से अपने आपको सजाता और दुल्हिन अपने गहनों से अपना सिंगार करती है।
प्रकाशितवाक्य 19:8, प्रकाशितवाक्य 21:2

10. ‘আমি সদাপ্রভুতে অতিশয় আনন্দ করিব, আমার প্রাণ আমার ঈশ্বরে উল্লাস করিবে; কেননা বর যেমন যাজকীয় সজ্জার ন্যায় শিরোভূষণ পরে, কন্যা যেমন আপন রত্নরাজি দ্বারা আপনাকে অলঙ্কৃতা করে, তেমনি তিনি আমাকে পরিত্রাণ-বস্ত্র পরাইয়াছেন, ধার্ম্মিকতা-পরিচ্ছদে পরিচ্ছন্ন করিয়াছেন।’

11. क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के साम्हने धार्मिकता और धन्यवाद को बढ़ाएगा।।

11. বস্তুতঃ ভূমি যেমন আপন অঙ্কুর নির্গত করে, উদ্যান যেমন আপনাতে উপ্ত বীজ অঙ্কুরিত করে, তেমনি প্রভু সদাপ্রভু সমুদয় জাতির সাক্ষাতে ধার্ম্মিকতা ও প্রশংসা অঙ্কুরিত করিবেন।



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