Isaiah - यशायाह 53 | View All

1. जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास कया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?
यूहन्ना 12:38, रोमियों 10:16

1. The people reply, 'Who would have believed what we now report? Who could have seen the LORD's hand in this?

2. क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।
मत्ती 2:23

2. It was the will of the LORD that his servant grow like a plant taking root in dry ground. He had no dignity or beauty to make us take notice of him. There was nothing attractive about him, nothing that would draw us to him.

3. वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।।
मरकुस 9:12

3. We despised him and rejected him; he endured suffering and pain. No one would even look at him--- we ignored him as if he were nothing.

4. निश्चय उस ने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा- कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
मत्ती 8:17, 1 पतरस 2:24

4. 'But he endured the suffering that should have been ours, the pain that we should have borne. All the while we thought that his suffering was punishment sent by God.

5. परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।
मत्ती 26:67, लूका 24:46, रोमियों 4:25, 1 पतरस 2:24, प्रेरितों के काम 10:43

5. But because of our sins he was wounded, beaten because of the evil we did. We are healed by the punishment he suffered, made whole by the blows he received.

6. हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।।
1 पतरस 2:25, यूहन्ना 1:29, प्रेरितों के काम 10:43

6. All of us were like sheep that were lost, each of us going his own way. But the LORD made the punishment fall on him, the punishment all of us deserved.

7. वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला।
मत्ती 26:63, मत्ती 27:12-14, मरकुस 14:60-61, मरकुस 15:4-5, यूहन्ना 1:36, 1 कुरिन्थियों 5:7, 1 पतरस 2:23, प्रकाशितवाक्य 5:6-12, प्रकाशितवाक्य 13:8, प्रेरितों के काम 8:32-33, यूहन्ना 1:29

7. He was treated harshly, but endured it humbly; he never said a word. Like a lamb about to be slaughtered, like a sheep about to be sheared, he never said a word.

8. अत्याचार करके और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी।
1 कुरिन्थियों 15:3, प्रेरितों के काम 8:32-33

8. He was arrested and sentenced and led off to die, and no one cared about his fate. He was put to death for the sins of our people.

9. और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उस ने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।।
मत्ती 26:24, 1 पतरस 2:22, 1 यूहन्ना 3:5, प्रकाशितवाक्य 14:5, 1 कुरिन्थियों 15:3

9. He was placed in a grave with those who are evil, he was buried with the rich, even though he had never committed a crime or ever told a lie.'

10. तौभी यहोवा को यही भया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।

10. The LORD says, 'It was my will that he should suffer; his death was a sacrifice to bring forgiveness. And so he will see his descendants; he will live a long life, and through him my purpose will succeed.

11. वह अपने प्राणों का दु:ख उठाकर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा।
रोमियों 5:19

11. After a life of suffering, he will again have joy; he will know that he did not suffer in vain. My devoted servant, with whom I am pleased, will bear the punishment of many and for his sake I will forgive them.

12. इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उस ने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है।।
मत्ती 27:38, मरकुस 15:28, लूका 22:37, लूका 23:33-34, रोमियों 4:25, इब्रानियों 9:28, 1 पतरस 2:24

12. And so I will give him a place of honor, a place among the great and powerful. He willingly gave his life and shared the fate of evil men. He took the place of many sinners and prayed that they might be forgiven.'



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