Psalms - भजन संहिता 96 | View All

1. यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा के लिये गाओ!
प्रकाशितवाक्य 5:9, प्रकाशितवाक्य 14:3

1. Sing a new song to the LORD! Everyone on this earth, sing praises to the LORD,

2. यहोवा के लिये गाओ, उसके नाम को धन्य कहो; दिन दिन उसके किए हुए उद्धार का शुभसमाचार सुनाते रहो।

2. sing and praise his name. Day after day announce, 'The LORD has saved us!'

3. अन्य जातियों में उसकी महिमा का, और देश देश के लोगों में उसके आश्चर्यकर्मों का वर्णन करो।

3. Tell every nation on earth, 'The LORD is wonderful and does marvelous things!

4. क्योंकि यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है; वह तो सब देवताओं से अधिक भययोग्य है।

4. The LORD is great and deserves our greatest praise! He is the only God worthy of our worship.

5. क्योंकि देश देश के सब देवता तो मूरतें ही हैं; परन्तु यहोवा ही ने स्वर्ग को बनाया है।

5. Other nations worship idols, but the LORD created the heavens.

6. उसके चारों और विभव और ऐश्वर्य है; उसके पवित्रास्थान में सामर्थ्य और शोभा है।

6. Give honor and praise to the LORD, whose power and beauty fill his holy temple.'

7. हे देश देश के कुलों, यहोवा का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को मानो!

7. Tell everyone of every nation, 'Praise the glorious power of the LORD.

8. यहोवा के नाम की ऐसी महिमा करो जो उसके योग्य है; भेंट लेकर उसके आंगनों में आओ!

8. He is wonderful! Praise him and bring an offering into his temple.

9. पवित्राता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत करो; हे सारी पृथ्वी के लोगों उसके साम्हने कांपते रहो!

9. Everyone on earth, now tremble and worship the LORD, majestic and holy.'

10. जाति जाति में कहो, यहोवा राजा हुआ है! और जगत ऐसा स्थिर है, कि वह टलने का नहीं; वह देश देश के लोगों का न्याय सीधाई से करेगा।।

10. Announce to the nations, 'The LORD is King! The world stands firm, never to be shaken, and he will judge its people with fairness.'

11. आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो; समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें;
प्रकाशितवाक्य 18:20

11. Tell the heavens and the earth to be glad and celebrate! Command the ocean to roar with all of its creatures

12. मैदान और जो कुछ उस में है, वह प्रफुल्लित हो; उसी समय वन के सारे वृक्ष जयजयकार करेंगे।

12. and the fields to rejoice with all of their crops. Then every tree in the forest will sing joyful songs

13. यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह आनेवाला है। वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है, वह धर्म से जगत का, और सच्चाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।।
प्रेरितों के काम 17:31, प्रकाशितवाक्य 19:11

13. to the LORD. He is coming to judge all people on earth with fairness and truth.



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