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1. हे परमेश्वर, जब मैं तेरी दोहाई दूं, तब मेरी सुन; शत्रु के उपजाए हुए भय के समय मेरे प्राण की रक्षा कर।
1. হে ঈশ্বর, আমার কাতরোক্তির রব শুন, শত্রুভয় হইতে আমার জীবন রক্ষা কর।
2. कुकर्मियों की गोष्ठी से, और अनर्थकारियों के हुल्लड़ से मेरी आड़ हो।
2. দুরাচারদের গূঢ় মন্ত্রণা হইতে, অধর্ম্মাচারীদের জনতা হইতে, আমাকে সঙ্গোপন কর।
3. उन्हों ने अपनी जीभ को तलवार की नाईं तेज किया है, और अपने कड़वे बचनों के तीरों को चढ़ाया है;
3. তাহারা খড়্গের ন্যায় আপন আপন জিহ্বা শাণিত করিয়াছে; তাহারা কটুবাক্যরূপ তীর যোজনা করিয়াছে,
4. ताकि छिपकर खरे मनुष्य को मारें; वे निडर होकर उसको अचानक मारते भी हैं।
4. যেন গোপনে সিদ্ধ লোকের প্রতি তাহা নিক্ষেপ করে; তাহারা অকস্মাৎ তাহাকে বাণ মারে, ভয় করে না।
5. वे बुरे काम करने को हियाव बान्धते हैं; वे फन्दे लगने के विषय बातचीत करते हैं; और कहते हैं, कि हम को कौन देखेगा?
5. তাহারা কুমন্ত্রণায় আপনাদিগকে সবল করে, গোপনে ফাঁদ পাতিবার বিষয়ে কথাবার্ত্তা কহে; তাহারা বলে, কে আমাদিগকে দেখিবে?
6. वे कुटिलता की युक्ति निकालते हैं; और कहते हैं, कि हम ने पक्की युक्ति खोजकर निकाली है। क्योंकि मनुष्य का मन और हृदय अथाह हैं!
6. তাহারা অপরাধের সন্ধান করিয়া লয়, [বলে,] আমরা সন্ধানের চূড়ান্ত করিয়াছি, প্রত্যেকের অন্তর্ভাব ও হৃদয় গভীর।
7. परन्तु परमेश्वर उन पर तीर चलाएगा; वे अचानक घायल हो जाएंगे।
7. কিন্তু ঈশ্বর তাহাদিগকে বাণ মারিবেন, অকস্মাৎ তাহারা বাণে আহত হইবে।
8. वे अपने ही वचनों के कारण ठोकर खाकर गिर पड़ेंगे; जितने उन पर दृष्टि करेंगे वे सब अपने अपने सिर हिलाएंगे
8. এইরূপে তাহারা উছোট খাইবে; তাহাদের জিহ্বা তাহাদের বিপক্ষ হইবে; যত লোক তাহাদিগকে দেখিবে, সকলে মাথা নাড়িবে।
9. तब सारे लोग डर जाएंगे; और परमेश्वर के कामों का बखान करंगे, और उसके कार्यक्रम को भली भांति समझेंगे।।
9. আর মনুষ্যমাত্র ভীত হইবে, তাহারা ঈশ্বরের কর্ম্ম প্রচার করিবে, আর তাঁহার কার্য্য বিবেচনা করিবে।
10. धर्मी तो यहोवा के कारण आनन्दित होकर उसका शरणागत होगा, और सब सीधे मनवाले बड़ाई करेंगे।।
10. ধার্ম্মিক লোক সদাপ্রভুতে আনন্দ করিবে, ও তাঁহার শরণাগত থাকিবে, আর সরলচিত্ত সকলে শ্লাঘা করিবে।