Psalms - भजन संहिता 50 | View All

1. ईश्वर परमेश्वर यहोवा ने कहा है, और उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक पृथ्वी के लोगों को बुलाया है।

2. सिरयोन से, जो परम सुन्दर है, परमेश्वर ने अपना तेज दिखाया है।

3. हमारा परमेश्वर आएगा और चुपचाप न रहेगा, आग उसके आगे आगे भस्म करती जाएगी; और उसके चारों ओर बड़ी आंधी चलेगी।

4. वह अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये ऊपर से आकाश को और पृथ्वी को भी पुकारेगा:

5. मेरे भक्तों को मेरे पास इकट्ठा करो, जिन्हों ने बलिदान चढ़ाकर मुझ से वाचा बान्धी है!

6. और स्वर्ग उसके धर्मी होने का प्रचार करेगा क्योंकि परमेश्वर तो आप ही न्यायी है।।

इब्रानियों 12:23 और लाखों स्वर्गदूतों और उन पहिलौठों की साधारण सभा और कलीसिया जिन के नाम स्वर्ग में लिखे हुए हैं: और सब के न्यायी परमेश्वर के पास, और सिद्ध किए हुए धर्मियों की आत्माओं।

7. हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूं, और हे इस्राएल, मैं तेरे विषय साक्षी देता हूं। परमेश्वर तेरा परमेश्वर मैं ही हूं।

8. मैं तुझ पर तेरे मेलबलियों के विषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं।

9. मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशुशालों से बकरे ले लूंगा।

10. क्योंकि वन के सारे जीवजन्तु और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं।

11. पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूं, और मैदान पर चलने फिरनेवाले जानवार मेरे ही हैं।।

12. यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता; क्योंकि जगत् और जो कुछ उस में है वह मेरा है।

प्रेरितों के काम 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्वास और सब कुछ देता है।

1 कुरिन्थियों 10:26 क्योकि पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है।

13. क्या मैं बैल का मांस खाऊं, वा बकरों का लोहू पीऊं?

14. परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर;

इब्रानियों 13:15 इसलिये हम उसके द्वारा स्तुतिरूपी बलिदान, अर्थात् उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें।

15. और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा।।

16. परन्तु दुष्ट से परमेश्वर कहता है: तुझे मेरी विधियों का वर्णन करने से क्या काम? तू मरी वाचा की चर्चा क्यों करता है?

रोमियों 2:21 सो क्या तू जो औरों को सिखाता है, अपने आप को नहीं सिखाता? क्या तू चोरी न करने का उपदेश देता है, आप ही चोरी करता है?

17. तू तो शिक्षा से बैर करता, और मेरे वचनों को तुच्छ जातना है।

18. जब तू ने चोर को देखा, तब उसकी संगति से प्रसन्न हुआ; और परस्त्रीगामियों के साथ भागी हुआ।।

19. तू ने अपना मुंह बुराई करने के लिये खोला, और तेरी जीभ छल की बातें गढ़ती है।

20. तू बैठा हुआ अपने भाई के विरूद्ध बोलता; और अपने सगे भाई की चुगली खाता है।

21. यह काम तू ने किया, और मैं चुप रहा; इसलिये तू ने समझ लिया कि परमेश्वर बिलकुल मेरे साम्हने है। परन्तु मैं तुझे समझाऊंगा, और तेरी आंखों के साम्हने सब कुछ अलग अलग दिखाऊंगा।।

22. हे ईश्वर को भूलनेवालो यह बात भली भांति समझ लो, कहीं ऐसा न हो कि मैं तुम्हें फाड़ डालूं, और कोई छुडानेवाला न हो!

23. धन्यवाद के बलिदान का चढ़ानेवाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्रा उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्वर का किया हुआ उद्धार दिखाऊंगा!

इब्रानियों 13:15 इसलिये हम उसके द्वारा स्तुतिरूपी बलिदान, अर्थात् उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें।



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