Psalms - भजन संहिता 19 | View All

1. आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है।
रोमियों 1:20

1. ಆಕಾಶಗಳು ದೇವರ ಮಹಿಮೆಯನ್ನು ಸಾರುತ್ತವೆ; ಅಂತರಿಕ್ಷವು ಆತನ ಕೈ ಕೆಲಸ ವನ್ನು ತೋರಿಸುತ್ತದೆ.

2. दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है।

2. ದಿನವು ದಿನಕ್ಕೆ ಮಾತನ್ನು ಉಚ್ಚರಿಸುತ್ತದೆ; ರಾತ್ರಿಯು ರಾತ್ರಿಗೆ ತಿಳುವಳಿಕೆಯನ್ನು ಅರುಹುತ್ತದೆ.

3. न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है।

3. ಮಾತಿಲ್ಲ, ಭಾಷೆಯೂ ಇಲ್ಲ; ಅವುಗಳ ಶಬ್ದವು ಕೇಳುವದಿಲ್ಲ.

4. उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उस ने सूरर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है,
रोमियों 10:18

4. ಭೂಮಿಯ ಮೇಲೆಲ್ಲಾ ಅವು ಗಳ ಪ್ರಭುತ್ವವೂ ಭೂಲೋಕದ ಅಂತ್ಯದ ವರೆಗೆ ಅವುಗಳ ನುಡಿಗಳೂ ಹರಡಿವೆ; ಅವುಗಳಲ್ಲಿ ಆತನು ಸೂರ್ಯನಿಗೆ ಗುಡಾರವನ್ನು ಹಾಕಿದ್ದಾನೆ.

5. जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाई अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है।

5. ಅವನು ಮದಲಿಂಗನ ಹಾಗೆ ತನ್ನ ಕೊಠಡಿಯಿಂದ ಹೊರಟುಬಂದು ಪರಾಕ್ರಮಶಾಲಿಯ ಹಾಗೆ ಓಡಲು ಸಂತೋಷಿಸುತ್ತಾನೆ.

6. वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सबको पहुंचती है।।

6. ಆಕಾಶದ ಅಂತ್ಯದಿಂದ ಹೊರಟು ಅದರ ಅಂತ್ಯಗಳ ವರೆಗೆ ಸುತ್ತುತ್ತಾನೆ; ಅವನ ಬಿಸಿಲಿಗೆ ಮರೆಯಾದದ್ದು ಒಂದೂ ಇಲ್ಲ.

7. यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं;

7. ಕರ್ತನ ನ್ಯಾಯಪ್ರಮಾಣವು ಸಂಪೂರ್ಣವಾಗಿದ್ದು ಪ್ರಾಣಕ್ಕೆ ಜೀವಕರವಾಗಿದೆ: ಕರ್ತನ ಸಾಕ್ಷಿಯು ಮೂರ್ಖರನ್ನು ಜ್ಞಾನಿಗಳನ್ನಾಗಿ ಮಾಡುತ್ತದೆ.

8. यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है;

8. ಕರ್ತನ ಕಟ್ಟಳೆಗಳು ನ್ಯಾಯವಾದವುಗಳಾಗಿದ್ದು ಹೃದಯಕ್ಕೆ ಸಂತೋಷಕರವಾಗಿವೆ; ಕರ್ತನ ಆಜ್ಞೆಯು ಶುದ್ಧವಾ ದದ್ದು; ಕಣ್ಣುಗಳನ್ನು ಬೆಳಗಿಸುತ್ತದೆ.

9. यहोवा का भय पवित्रा है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं।
प्रकाशितवाक्य 16:7, प्रकाशितवाक्य 19:2

9. ಕರ್ತನ ಭಯವು ಪವಿತ್ರವಾಗಿದ್ದು ಎಂದೆಂದಿಗೂ ನೆಲೆಯಾಗಿದೆ. ಕರ್ತನ ನ್ಯಾಯಗಳು ಸತ್ಯವಾಗಿದ್ದು ಒಟ್ಟಾಗಿ ನೀತಿಯುಳ್ಳವುಗ ಳಾಗಿವೆ.

10. वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकनेवाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं।

10. ಅವು ಬಂಗಾರಕ್ಕಿಂತಲೂ ಬಹಳ ಅಪರಂಜಿ ಗಿಂತಲೂ ಅಪೇಕ್ಷಿಸತಕ್ಕವುಗಳು; ಜೇನಿಗಿಂತಲೂ ಶೋಧಿಸಿದ ಜೇನು ತುಪ್ಪಕ್ಕಿಂತಲೂ ಸಿಹಿಯಾದವು ಗಳು.

11. और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।

11. ನಿನ್ನ ಸೇವಕನು ಅವುಗಳಿಂದ ಎಚ್ಚರಿಸಲ್ಪಡು ತ್ತಾನೆ; ಅವುಗಳನ್ನು ಕೈಕೊಳ್ಳುವದರಲ್ಲಿ ದೊಡ್ಡ ಪ್ರತಿ ಫಲ ಉಂಟು.

12. अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्रा कर।

12. ತನ್ನ ತಪ್ಪುಗಳನ್ನು ತಿಳಿದುಕೊಳ್ಳುವವನಾರು? ಗುಪ್ತವಾದ ಪಾಪಗಳಿಂದ ನನ್ನನ್ನು ನಿರ್ಮಲಮಾಡು.

13. तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा।।

13. ಗರ್ವದ ಪಾಪಗಳಿಂದ ನಿನ್ನ ಸೇವಕನನ್ನು ದೂರ ಮಾಡು. ಅವು ನನ್ನನ್ನು ಆಳದೆ ಇರಲಿ; ಆಗ ನಾನು ಸಂಪೂರ್ಣನಾಗಿದ್ದು ಮಹಾದ್ರೋಹದಿಂದ ನಿರಪರಾ ಧಿಯಾಗುವೆನು.ನನ್ನ ಬಲವೂ ನನ್ನ ವಿಮೋಚ ಕನೂ ಆಗಿರುವ ಕರ್ತನೇ, ನನ್ನ ಬಾಯಿಯ ಮಾತು ಗಳೂ ನನ್ನ ಹೃದಯದ ಧ್ಯಾನವೂ ನಿನ್ನ ಮುಂದೆ ಮೆಚ್ಚಿಕೆಯಾಗಿರಲಿ.

14. मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करनेवाले!

14. ನನ್ನ ಬಲವೂ ನನ್ನ ವಿಮೋಚ ಕನೂ ಆಗಿರುವ ಕರ್ತನೇ, ನನ್ನ ಬಾಯಿಯ ಮಾತು ಗಳೂ ನನ್ನ ಹೃದಯದ ಧ್ಯಾನವೂ ನಿನ್ನ ಮುಂದೆ ಮೆಚ್ಚಿಕೆಯಾಗಿರಲಿ.



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