Psalms - भजन संहिता 11 | View All

1. मेरा भरोसा परमेश्वर पर है; तुम क्योंकि मेरे प्राण से कहते हो कि पक्षी की नाई अपने पहाड़ पर उड़ जा?

1. I trust in the LORD for protection. So why do you say to me, 'Fly like a bird to the mountains for safety!

2. क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, और अपना तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, कि सीधे मनवालों पर अन्धियारे में तीर चलाएं।

2. The wicked are stringing their bows and fitting their arrows on the bowstrings. They shoot from the shadows at those whose hearts are right.

3. यदि नेवें ढ़ा दी जाएं तो धर्मी क्या कर सकता है?

3. The foundations of law and order have collapsed. What can the righteous do?'

4. परमेश्वर अपने पवित्रा भवन में है; परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आंखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उनको जांचती हैं।

4. But the LORD is in his holy Temple; the LORD still rules from heaven. He watches everyone closely, examining every person on earth.

5. यहोवा धर्मीं को परखता है, परन्तु वह उन से जो दुष्ट हैं और उपद्रव से प्रीति रखते हैं अपनी आत्मा में घृणा करता है।

5. The LORD examines both the righteous and the wicked. He hates those who love violence.

6. वह दुष्टों पर फन्दे बरसाएगा; आग और गन्धक और प्रचण्ड लूह उनके कटोरों में बांट दी जाएंगी।
प्रकाशितवाक्य 14:10, प्रकाशितवाक्य 20:10, प्रकाशितवाक्य 21:8

6. He will rain down blazing coals and burning sulfur on the wicked, punishing them with scorching winds.

7. क्योंकि यहोवा धर्मी है, वह धर्म के ही कामों से प्रसन्न रहता है; धर्मीजन उसका दर्शन पाएंगे।।

7. For the righteous LORD loves justice. The virtuous will see his face. For the choir director: A psalm of David, to be accompanied by an eight-stringed instrument.



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