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Cross Reference Bible
1. हे परमेश्वर तू जिसकी मैं स्तुति करता हूं, चुप न रह।
1. হে আমার প্রশংসাপাত্র ঈশ্বর, নীরব থাকিও না।
2. क्योंकि दुष्ट और कपटी मनुष्यों ने मेरे विरूद्ध मुंह खोला है, वे मेरे विषय में झूठ बोलते हैं।
2. কেননা লোকে আমার বিরুদ্ধে দুষ্টতার মুখ ও ছলের মুখ খুলিয়াছে; তাহারা মিথ্যাবাদী জিহ্বা দ্বারা আমার সহিত কথা কহিয়াছে।
3. और उन्हों ने बैर के वचनों से मुझे चारों ओर घेर लिया है, और व्यर्थ मुझ से लड़ते हैं।यूहन्ना 15:25
3. তাহারা দ্বেষবাক্যেও আমাকে ঘেরিয়াছে, এবং অকারণে আমার সহিত যুদ্ধ করিয়াছে।
4. मेरे प्रेम के बदले में वे मुझ से विरोध करते हैं, परन्तु में तो प्रार्थना में लवलीन रहता हूं।
4. আমার প্রেমের পরিবর্ত্তে তাহারা আমার বিপক্ষ হইয়াছে, কিন্তু আমি প্রার্থনায় রত।
5. उन्हों ने भलाई के पलटे में मुझ से बुराई की और मेरे प्रेम के बदले मुझ से बैर किया है।।
5. তাহারা আমার উপরে হিতের পরিবর্ত্তে অহিত, আমার প্রেমের পরিবর্ত্তে দ্বেষ রাখিয়াছে।
6. तू उसको किसी दुष्ट के अधिकार में रख, और कोई विरोधी उसकी दहिनी ओर खड़ा रहे।
6. তুমি সেই ব্যক্তির উপরে দুর্জ্জনকে নিযুক্ত কর; বিপক্ষ তাহার দক্ষিণে দাঁড়াইয়া থাকুক।
7. जब उसका न्याय किया जाए, तब वह दोषी निकले, और उसकी प्रार्थना पाप गिनी जाए!2 थिस्सलुनीकियों 2:3
7. বিচার সময়ে সে দোষীকৃত হউক, তাহার প্রার্থনা পাপরূপে গণিত হউক।
8. उसके दिन थोड़े हों, और उसके पद को दूसरा ले!यूहन्ना 17:12, प्रेरितों के काम 1:20
8. তাহার আয়ুঃ অল্প হউক, অন্য ব্যক্তি তাহার অধ্যক্ষপদ প্রাপ্ত হউক।
9. उसक लड़केबाले अनाथ हो जाएं और उसकी स्त्री विधवा हो जाए!
9. তাহার সন্তানগণ পিতৃহীন হউক, তাহার স্ত্রী বিধবা হউক।
10. और उसके लड़के मारे मारे फिरें, और भीख मांगा करे; उनको उनके उजड़े हुए घर से दूर जाकर टुकड़े मांगना पड़े!
10. তাহার সন্তানগণ ভ্রমণ করিতে করিতে ভিক্ষা করুক, আপনাদের উৎসন্ন স্থান হইতে দূরে [খাদ্য] অন্বেষণ করুক।
11. महाजन फन्दा लगाकर, उसका सर्वस्व ले ले; और परदेशी उसकी कमाई को लूट लें!
11. মহাজন তাহার সর্ব্বস্ব আটক করুক, অপর লোকেরা তাহার শ্রমফল লুট করুক।
12. कोई न हो जो उस पर करूणा करता रहे, और उसके अनाथ बालकों पर कोई अनुग्रह न करे!
12. তাহার প্রতি কৃপা করে, এমন কেহ না থাকুক, তাহার অনাথ সন্তানদের প্রতি কেহ অনুগ্রহ না করুক।
13. उसका वंश नाश हो जाए, दूसरी पीढ़ी में उसका नाम मिट जाए!
13. তাহার ভাবী বংশ উচ্ছিন্ন হউক, পরপুরুষের সময়ে তাহাদের নাম লুপ্ত হউক।
14. उसके पितरों का अधर्म यहोवा को स्मरण रहे, और उसकी माता का पाप न मिटे!
14. তাহার পিতৃগণের অধর্ম্ম সদাপ্রভুর স্মরণে থাকুক, তাহার মাতার পাপ লুপ্ত না হউক।
15. वह निरन्तर यहोवा के सम्मुख रहे, कि वह उनका नाम पृथ्वी पर से मिटा डाले!
15. সে সকল সর্ব্বদা সদাপ্রভুর সাক্ষাতে থাকুক, যেন তিনি পৃথিবী হইতে তাহাদের স্মৃতি লোপ করেন।
16. क्योंकि वह दुष्ट, कृपा करना भूल गया वरन दी और दरिद्र को सताता था और मार डालने की इच्छा से खेदित मनवालों के पीछे पड़ा रहता था।।
16. কেননা সে দয়া করিবার বিষয় মনে করিত না, কিন্তু তাড়না করিত দুঃখী ও দরিদ্র ব্যক্তিকে, ও ভগ্নান্তঃকরণ লোককে, বধ করিবার নিমিত্ত।
17. वह शाप देने में प्रीति रखता था, और शाप उस पर आ पड़ा; वह आशीर्वाद देने से प्रसन्न न होता था, सो आर्शीवाद उस से दूर रहा।
17. সে অভিশাপ দিতে ভালবাসিত, তাহা তাহারই প্রতি ঘটিল; আশীর্ব্বাদ করিতে তাহার প্রীতি হইত না, তাহা তাহা হইতে দূরে রহিল।
18. वह शाप देना वस्त्रा की नाई पहिनता था, और वह उसके पेट में जल की नाई और उसकी हडि्डयों में तेल की नाई समा गया।
18. সে অভিশাপকে বস্ত্রের ন্যায় পরিধান করিত, তাহা তাহার অন্তরে জলের ন্যায় প্রবেশ করিল, তাহার অস্থিতে তৈলের ন্যায় প্রবিষ্ট হইল।
19. वह उसके लिये ओढ़ने का काम दे, और फेंटे की नाईं उसकी कटि में नित्य कसा रहे।।
19. তাহা তাহার পক্ষে পরিধানার্থক বস্ত্রের ন্যায়, ও নিত্য কটিবন্ধনের ন্যায় হউক।
20. यहोवा की ओर से मेरे विरोधियों को, और मेरे विरूद्ध बुरा कहनेवालों को यही बदला मिले!
20. সদাপ্রভু হইতে এই ফল পায় আমার বিপক্ষেরা, আমার প্রাণের বিরুদ্ধে যাহারা দুর্ব্বাক্য বলে, তাহারা।
21. परन्तु मुझ से हे यहोवा प्रभु, तू अपने नाम के निमित्त बर्ताव कर; तेरी करूणा तो बड़ी है, सो तू मुझे छुटकारा दे!
21. কিন্তু, হে প্রভু সদাপ্রভু, নিজ নামের অনুরোধে আমার সহিত ব্যবহার কর; তোমার দয়া মঙ্গলময়, অতএব আমাকে উদ্ধার কর।
22. क्योंकि मैं दी और दरिद्र हूं, और मेरा हृदय घायल हुआ है।
22. কেননা আমি দুঃখী ও দরিদ্র, এবং আমার অন্তরে হৃদয় আহত হইয়াছে।
23. मैं ढलती हुई छाया की नाई जाता रहा हूं; मैं टिड्डी के समान उड़ा दिया गया हूं।
23. আমি হেলিয়া পড়া ছায়ার ন্যায় অতীত হইতেছি, পঙ্গপালের ন্যায় ইতস্ততঃ চালিত হইতেছি।
24. उपवास करते करते मेरे घुटने निर्बल हो गए; और मुझ में चर्बी न रहने से मैं सूख गया हूं।
24. উপবাস দ্বারা আমার হাঁটু দুর্ব্বল হইয়াছে, বসার অভাবে আমার মাংস বিকৃত হইয়াছে।
25. मेरी तो उन लोगों से नामधराई होती है; जब वे मुझे देखते, तब सिर हिलाते हैं।।मत्ती 27:39, मरकुस 15:29
25. আর আমি উহাদের কাছে তিরস্কারের পাত্র হইয়াছি; আমাকে দেখিলেই তাহারা মাথা নাড়ে।
26. हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मेरी सहायता कर! अपनी करूणा के अनुसार मेरा उद्धार कर!
26. হে সদাপ্রভু, আমার ঈশ্বর, আমার সাহায্য কর, নিজ দয়ানুসারে আমার পরিত্রাণ কর,
27. जिस से वे जाने कि यह तेरा काम है, और हे यहोवा, तू ही ने यह किया है!
27. যেন তাহারা জানিতে পায় যে, এ তোমার হস্ত, তুমিই, হে সদাপ্রভু, এই সকল করিয়াছ।
28. वे कोसते तो रहें, परन्तु तू आशीष दे! वे तो उठते ही लज्जित हों, परन्तु तेरा दास आनन्दित हो!1 कुरिन्थियों 4:12
28. তাহারা শাপ দিউক, কিন্তু তুমি আশীর্ব্বাদ করিও; তাহারা উঠিলে লজ্জিত হইবে, কিন্তু তোমার এই দাস আনন্দ করিবে।
29. मेरे विरोधियों को अनादररूपी वस्त्रा पहिनाया जाए, और वे अपनी लज्जा को कम्बल की नाईं ओढ़ें!
29. আমার বিপক্ষগণ অপমান-পরিহিত হইবে, উত্তরীয়ের ন্যায় লজ্জায় আচ্ছাদিত হইবে।
30. मैं यहोवा का बहुत धन्यवाद करूंगा, और बहुत लोगों के बीच में उसकी स्तुति करूंगा।
30. আমি নিজ মুখে সদাপ্রভুর অতিশয় স্তব করিব, লোকারণ্যের মধ্যে তাঁহার প্রশংসা করিব।
31. क्योंकि वह दरिद्र की दहिनी ओर खड़ा रहेगा, कि उसको घात करनेवाले न्यायियों से बचाए।।
31. কারণ তিনি দরিদ্রের দক্ষিণে দাঁড়াইয়া থাকেন, যেন তাহার প্রাণের বিচারকদের হইতে তাহাকে ত্রাণ করেন।