2 Kings - 2 राजाओं 23 | View All

1. राजा ने यहूदा और यरूशलेम के सब पुरनियों को अपने पास इकट्ठा बुलवाया।

1. পরে রাজা লোক পাঠাইলে তাহারা যিহূদার ও যিরূশালেমের সমস্ত প্রাচীনবর্গকে তাঁহার নিকটে একত্র করিল।

2. और राजा, यहूदा के सब लोगों और यरूशलेम के सब निवासियों और याजकों और नबियों वरन छोटे बड़े सारी प्रजा के लोगों को संग लेकर यहोवा के भवन में गया। तब उस ने जो वाचा की मुस्तक यहोवा के भवन में मिली थी, उसकी सब बातें उनको पढ़कर सुनाई।

2. পরে রাজা সদাপ্রভুর গৃহে গেলেন, এবং যিহূদার সমস্ত লোক, সমস্ত যিরূশালেম-নিবাসী, যাজকগণ ও ভাববাদিগণ এবং ক্ষুদ্র ও মহান্‌ সমস্ত প্রজা তাঁহার সহিত গমন করিল; পরে তিনি সদাপ্রভুর গৃহে প্রাপ্ত নিয়মপুস্তকের সমস্ত কথা তাহাদের কর্ণগোচরে পাঠ করিলেন।

3. तब राजा ने खम्भे के पास खड़ा होकर यहोवा से इस आशय की वाचा बान्धी, कि मैं यहोवा के पीछे पीछे चलूंगा, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी आज्ञाएं, चितौनियां और विधियों का नित पालन किया करूंगा? और इस वाचा की बातों को जो इस पुस्तक में लिखी है पूरी करूंगा। और सब प्रजा वाचा में सम्भागी हुई।

3. পরে রাজা মঞ্চের উপরে দাঁড়াইয়া সদাপ্রভুর অনুগামী হইবার, এবং সমস্ত অন্তঃকরণের ও সমস্ত প্রাণের সহিত তাঁহার আজ্ঞা, সাক্ষ্যকথা ও বিধি পালন করিবার জন্য, এই পুস্তকে লিখিত এই নিয়মের বাক্য সকল অটল রাখিবার জন্য সদাপ্রভুর সাক্ষাতে নিয়ম স্থির করিলেন, এবং সমস্ত লোক সেই নিয়মে সায় দিল।

4. तब राजा ने हिलकिरयाह महायाजक और उसके नीचे के याजकों और द्वारपालों को आज्ञा दी कि जितने पात्रा बाल और अशेरा और आकाश के सब गण के लिये बने हैं, उन सभों को यहोवा के मन्दिर में से निकाल ले आओ। तब उस ने उनको यरूशलेम के बाहर किद्रोन के खेतों में फूंककर उनकी राख बेतेल को पहुंचा दी।

4. আর রাজা বালের ও আশেরার নিমিত্ত এবং আকাশের সমস্ত বাহিনীর নিমিত্ত নির্ম্মিত সমস্ত সামগ্রী সদাপ্রভুর মন্দির হইতে বাহির করিতে হিল্কিয় মহাযাজককে, দ্বিতীয় শ্রেণীর যাজকগণকে ও দ্বারপালদিগকে আজ্ঞা করিলেন; পরে তিনি যিরূশালেমের বাহিরে কিদ্রোণের ক্ষেত্রে সে সকল পোড়াইয়া তাহাদের ভস্ম বৈথেলে লইয়া গেলেন।

5. और जिन पुजारियों को यहूदा के राजाओं ने यहूदा के नगरों के ऊंचे स्थानों में और यरूशलेम के आस पास के स्थानों में धूप जलाने के लिये ठहराया था, उनको और जो बाल और सूर्य- चन्द्रमा, राशिचक्र और आकाश के कुल गण को धूप जलाते थे, उनको भी राजा ने दूर कर दिया।

5. আর যিহূদার রাজগণ কর্ত্তৃক নিযুক্ত যে পুরোহিতেরা যিহূদা দেশের নগরে নগরে উচ্চস্থলীতে, ও যিরূশালেমের চারিদিকে নানা স্থানে ধূপ জ্বালাইত, এবং যাহারা বালের, সূর্য্যের ও চন্দ্রের এবং গ্রহগণের ও আকাশের সমস্ত বাহিনীর উদ্দেশে ধূপ জ্বালাইত, তাহাদিগকে তিনি নিবৃত্ত করিলেন।

6. और वह अशेरा को यहोवा के भवन में से निकालकर यरूशलेम के बाहर किद्रोन नाले में लिवाले गया और वहीं उसको फूंक दिया, और पीसकर बुकनी कर दिया। तब वह बुकनी साधारण लोगों की कबरों पर फेंक दी।

6. আর তিনি সদাপ্রভুর গৃহ হইতে আশেরা-মূর্ত্তি বাহির করিয়া যিরূশালেমের বাহিরে কিদ্রোণ স্রোতের কাছে আনিয়া কিদ্রোণ স্রোতের ধারে পোড়াইয়া দিলেন, এবং তাহা পিষিয়া গুঁড়া করিয়া তাহার ধূলি সামান্য লোকদের কবরের উপরে ফেলিয়া দিলেন।

7. फिर पुरूषगामियों के घर जो यहोवा के भवन में थे, जहां स्त्रियां अशेरा के लिये पर्दे बुना करती थीं, उनको उस ने ढा दिया।

7. আর তিনি সদাপ্রভুর গৃহে স্থিত পুংগামীদের সেই কুঠরী সকল ভাঙ্গিয়া ফেলিলেন, যেখানে স্ত্রীলোকেরা আশেরার জন্য ঘর বুনিত।

8. और उस ने यहूदा के सब नगरों से याजकों को बुलवाकर गेबा से बेश् बा तक के उन ऊंचे स्थानों को, जहां उन याजकों ने धूप जलाया था, अशुठ्ठ कर दिया; और फाटकों के ऊंचे स्थान अर्थात् जो स्थान नगर के यहोशू नाम हाकिम के फाटक पर थे, और नगर के फाटक के भीतर जानेवाले की बाई ओर थे, उनको उस ने ढा दिया।

8. আর তিনি যিহূদার নগর সকল হইতে সমস্ত যাজককে আনিলেন, এবং গেবা অবধি বের্‌-শেবা পর্য্যন্ত যে সকল উচ্চস্থলীতে যাজকেরা ধূপ জ্বালাইত, সেই সকল অশুচি করিলেন; আর নগর-দ্বারের যে সকল উচ্চস্থলী নগরাধ্যক্ষ যিহোশূয়ের দ্বার প্রবেশস্থানের নিকটে ছিল, নগর-দ্বারে প্রবেশকারীর বামদিকে থাকিত, সেই সকল ভাঙ্গিয়া ফেলিলেন।

9. तौभी ऊंचे स्थानों के याजक यरूशलेम में यहोवा की बेदी के पास न आए, वे अखमीरी रोटी अपने भइयों के साथ खाते थे।

9. কিন্তু উচ্চস্থলীর যাজকগণ সদাপ্রভুর যিরূশালেমস্থ যজ্ঞবেদিতে বলিদান করিতে গেল না, তাহারা কেবল আপনাদের ভ্রাতৃগণের মধ্যে থাকিয়া তাড়ী-শূন্য রুটী ভোজন করিত।

10. फिर उस ने तोपेत को जो हिन्नोमवंशियों की तराई में था, अशुठ्ठ कर दिया, ताकि कोई अपने बेठे वा बेटी को मोलोक के लिये आग में होम करके न चढ़ाए।

10. আর কেহ যেন মোলকের উদ্দেশে আপন পুত্রকে কিম্বা কন্যাকে অগ্নির মধ্য দিয়া গমন না করায়, এই নিমিত্ত তিনি হিন্নোম সন্তানগণের উপত্যকাস্থিত তোফৎ অশুচি করিলেন।

11. और जो घोड़े यहूदा के राजाओं ने सूर्य को अर्पण करके, यहोवा के भवन के द्वार पर नतन्मेलेक नाम खोजे की बाहर की कोठरी में रखे थे, उनको उस ने दूर किया, और सूर्य के रथों को आग में फूंक दिया।

11. আর যিহূদার রাজারা যে অশ্বদিগকে সূর্য্যের উদ্দেশে দিয়া সদাপ্রভুর গৃহের প্রবেশস্থানের কাছে, উপপুরীতে অবস্থিত, নথন-মেলক নামক নপুংসকের কুঠরীর কাছে রাখিতেন, তাহাদিগকে তিনি দূর করিলেন, এবং সূর্য্যের রথ সকল আগুনে পোড়াইয়া দিলেন।

12. और आहाज की अटारी की छत पर जो वेदियां यहूदा के राजाओं की बनाई हुई थीं, और जो वेदियां मनश्शे ने यहोवा के भवन के दोनों आंगनों में बनाई थीं, उनको राजा ने ढाकर पीस डाला और उनकी बुकनी किद्रोन नाले में फेंक दी।

12. আর যিহূদার রাজগণ আহসের উপরিস্থ কুঠরীর ছাদে যে সকল যজ্ঞবেদি নির্ম্মাণ করিয়াছিলেন, এবং মনঃশি সদাপ্রভুর গৃহের দুই প্রাঙ্গণে যে যে যজ্ঞবেদি করিয়াছিলেন, রাজা সেই সকল বেদি ভাঙ্গিয়া ফেলিলেন, তথা হইতে শীঘ্র চলিয়া গেলেন, এবং তাহাদের ধূলি কিদ্রোণ স্রোতে নিক্ষেপ করিলেন।

13. और जो ऊंचे स्थान इस्राएल के राजा सुलैमान ने यरूशलेम की पूर्व ओर और विकारी नाम पहाड़ी की दक्खिन अलंग, अश्तोरेत नाम सीदोनियों की घिनौनी देवी, और कमोश नाम मोआबियों के घिनौने देवता, और मिल्कोम नाम अम्मोनियों के घिनौने देवता के लिये बनवाए थे, उनको राजा ने अशुठ्ठ कर दिया।

13. আর বিনাশ-পর্ব্বতের দক্ষিণে যিরূশালেমের সম্মুখে ইস্রায়েল-রাজ শলোমন সীদোনীয়দের ঘৃণাই বস্তু অষ্টোরতের জন্য, এবং মোয়াবের ঘৃণাই বস্তু কমোশের জন্য ও অম্মোন-সন্তানদের ঘৃণাই বস্তু মিল্কমের জন্য যে সকল উচ্চস্থলী করিয়াছিলেন, সে সমস্ত রাজা অশুচি করিলেন।

14. और उस ने लाठों को तोड़ दिया और अशेरों को काट डाला, और उनके स्थान मनुष्यों की हडि्डयों से भर दिए।

14. আর তিনি স্তম্ভ সকল ভাঙ্গিয়া ফেলিলেন, ও আশেরা মূর্ত্তি সকল ছেদন করিয়া তাহাদের স্থান মনুষ্যের অস্থিতে পরিপূর্ণ করিলেন।

15. फिर बेतेल में जो वेदी थी, और जो ऊंचा स्थान नबात के पुत्रा यारोबाम ने बनाया था, जिस ने इस्राएल से पाप कराया था, उस वेदी और उस ऊंचे स्थान को उस ने ढा दिया, और ऊंचे स्थान को फूंककर बुकनी कर दिया और अशेरा को फूंक दिया।

15. অধিকন্তু বৈথেলে যে যজ্ঞবেদি ছিল, এবং নবাটের পুত্র যারবিয়াম, যিনি ইস্রায়েলকে পাপ করাইয়াছিলেন, তিনি যে উচ্চস্থলী নির্ম্মাণ করেন, যোশিয় সেই যজ্ঞবেদি ও সেই উচ্চস্থলীও ভাঙ্গিয়া ফেলিলেন, আর সেই উচ্চস্থলী আগুনে পোড়াইয়া দিলেন, ও পিষিয়া গুঁড়া করিলেন, এবং আশেরা পোড়াইয়া দিলেন।

16. और योशिरयाह ने फिर कर वहां के पहाड़ की कबरों को देखा, और लोगों को भेजकर उन कबरों से हडि्डयां निकलवा दीं और वेदी पर जलवाकर उसको अशुठ्ठ किया। यह यहोवा के उस वचन के अनुसार हुआ, जो परमेश्वर के उस भक्त ने पुकारकर कहा था जिस ने इन्हीं बातों की चर्चा की थी।

16. আর যোশিয় মুখ ফিরাইয়া তথাকার পর্ব্বতস্থ কবর সকল দেখিলেন, এবং লোক পাঠাইয়া সেই সকল কবর হইতে অস্থি আনাইলেন, এবং ঈশ্বরের যে লোক পূর্ব্বে এই সকল ঘটনা প্রচার করিয়াছিলেন, তাঁহার প্রচারিত সদাপ্রভুর বাক্যানুসারে সেই যজ্ঞবেদির উপরে সেই সকল অস্থি পোড়াইয়া বেদি অশুচি করিলেন।

17. तब उस ने पूछा, जो खम्भा मुझे दिखाई पड़ता है, वह क्या है? तब नगर के लोगों ने उस से कहा, वह परमेश्वर के उस भक्त जन की कबर है, जिस ने यहूदा से आकर इसी काम की चर्चा पुकारकर की जो तू ने बेतेल की वेदी से किया है।

17. পরে তিনি বলিলেন, আমি ঐ কোন স্তম্ভ দেখিতেছি? নগরের লোকেরা তাঁহাকে কহিল, ঈশ্বরের যে লোক যিহূদা হইতে আসিয়া বৈথেলস্থ যজ্ঞবেদির বিরুদ্ধে আপনার কৃত এই সকল ক্রিয়ার কথা প্রচার করিয়াছিলেন, ঐ তাঁহারই কবর।

18. तब उस ने कहा, उसको छोड़ दो; उसकी हडि्डयों को कोई न हटाए। तब उन्हों ने उसकी हडि्डयां उस नबी की हडि्डयों के संग जो शोमरोन से आया था, रहने दी।

18. রাজা কহিলেন, তাঁহাকে থাকিতে দেও; তাঁহার অস্থি কেহ স্থানান্তর না করুক। অতএব তাহারা তাঁহার অস্থি এবং শমরিয়া হইতে আগত ভাববাদীর অস্থি রক্ষা করিল।

19. फिर ऊंचे स्थान के जितने भपन शोमरोन के नगरों में थे, जिनको इस्राएल के राजाओं ने बनाकर यहोवा को रिस दिलाई थी, उन सभों को योशिरयाह ने गिरा दिया; और जैसा जैसा उस ने बेतेल में किया था, वैसा वैसा उन से भी किया।

19. আর ইস্রায়েল-রাজগণ শমরিয়ার নানা নগরে যে সকল উচ্চস্থলীর গৃহ নির্ম্মাণ করিয়া [সদাপ্রভুকে] অসন্তুষ্ট করিয়াছিলেন, সে সকল যোশিয় দূর করিলেন, এবং বৈথেলে যে সমস্ত কর্ম্ম করিয়াছিলেন, তদনুসারে সেই সকলের প্রতিও করিলেন।

20. और उन ऊंचे स्थानों के जितने याजक वहां थे उन सभों को उस ने उन्ही वेदियों पर बलि किया और उन पर मनुष्यों की हडि्डयां जलाकर यरूशलेम को लौट गया।

20. আর তথাকার উচ্চস্থলী সকলের সমস্ত যাজককে যজ্ঞবেদিতে বলিদান করিলেন, এবং তাহার উপরে মনুষ্যের অস্থি পোড়াইয়া দিলেন; পরে যিরূশালেমে ফিরিয়া গেলেন।

21. और राजा ने सारी प्रजा के लोगों को आज्ञा दी, कि इस वाचा की पुस्तक में जो कुछ लिखा है, उसके अनुसार अपने परमेश्वर यहोवा के लिये फसह का पर्व मानो।

21. পরে রাজা সমস্ত লোককে এই আজ্ঞা করিলেন, এই নিয়মপুস্তকে যেমন লিখিত আছে, তদনুসারে তোমরা আপনাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশে নিস্তার-পর্ব্ব পালন কর।

22. निश्चय ऐसा फसह न तो न्यायियों के दिनों में माना गया था जो इस्राएल का न्याय करते थे, और न इस्राएल वा यहूदा के राजाओं के दिनों में माना गया था।

22. বাস্তবিক ইস্রায়েলের বিচারকারী বিচারকর্ত্তাদের সময় অবধি ইস্রায়েল-রাজগণের ও যিহূদা-রাজগণের সমস্ত সময় মধ্যে এরূপ নিস্তার-পর্ব্ব পালন করা হয় নাই;

23. राजा योशिरयाह के अठारहवें वर्ष में यहोवा के लिये यरूशलेम में यह फसह माना गया।

23. কিন্তু যোশিয় রাজার অষ্টাদশ বৎসরে যিরূশালেমে সদাপ্রভুর উদ্দেশে এই নিস্তারপর্ব্ব-পালন করা হইল।

24. फिर ओझे, भूतसिध्दिवाले, गृहदेवता, मूरतें और जितनी घिनौनी वस्तुएं यहूद देश और यरूशलेम में जहां कहीं दिखाई पड़ीं, उन सभों को योशिरयाह ने उस मनसा से नाश किया, कि रयवस्था की जो बातें उस पुस्तक में लिखी थीं जो हिलकिरयाह याजक को यहोवा के भवन में मिली थी, उनको वह पूरी करे।

24. আর যোশিয় যেন সদাপ্রভুর গৃহে হিল্কিয় যাজকের প্রাপ্ত পুস্তকে লিখিত ব্যবস্থার সমস্ত বাক্য অটল রাখিতে পারেন, তজ্জন্য তিনি যিহূদা দেশে ও যিরূশালেমে যে সকল ভূতড়িয়া, গুণী, ঠাকুর, পুত্তলি ও ঘৃণাই বস্তু দেখিতে পাইলেন, সে সকল দূর করিলেন।

25. और उसके तुल्य न तो उस से पहिले कोई ऐसा राजा हुआ और न उसके बाद ऐसा कोई राजा उठा, जो मूसा की पूरी रयवस्था के अनुसार अपने पूर्ण मन और मूर्ण प्राण और पूर्ण शक्ति से यहोवा की ओर फिरा हो।

25. তাঁহার ন্যায় সমস্ত অন্তঃকরণ, সমস্ত প্রাণ ও সমস্ত শক্তি দ্বারা মোশির সমস্ত ব্যবস্থানুসারে সদাপ্রভুর প্রতি ফিরিলেন, এমন কোন রাজা তাঁহার পূর্ব্বে ছিলেন না, এবং তাঁহার পরেও তাঁহার তুল্য কেহ উঠেন নাই।

26. तौभी यहोवा का भड़का हुआ बड़ा कोप शान्त न हुआ, जो इस कारण से यहूदा पर भड़का था, कि मनश्शे ने यहोवा को क्रोध पर क्रोध दिलाया था।

26. তথাপি মনঃশি যে সকল অসন্তোষজনক ক্রিয়া দ্বারা সদাপ্রভুকে অসন্তুষ্ট করিয়াছিলেন, তৎপ্রযুক্ত যিহূদার বিরূদ্ধে সদাপ্রভুর যে প্রচণ্ড ক্রোধ প্রজ্বলিত হইয়াছিল, সেই ক্রোধ হইতে তিনি ফিরিলেন না।

27. और यहोवा ने कहा था जेसे मैं ने इस्राएल को अपने साम्हने से दूर किया, वैसे ही सहूदा को भी दूर करूंगा; और इस यरूशलेम नगर से जिसे मैं ने चुना और इस भवन से जिसके विषय मैं ने कहा, कि यह मेरे नाम का निवास होगा, मैं हाथ उठाऊंगा।

27. আর সদাপ্রভু কহিলেন, আমি যেমন ইস্রায়েলকে দূর করিয়াছি, তেমনি আপনার দৃষ্টি হইতে যিহূদাকেও দূর করিব, এবং এই যে যিরূশালেম নগর মনোনীত করিয়াছি, এবং ‘এই স্থানে আমার নাম থাকিবে,’ এ কথা যে গৃহের বিষয়ে বলিয়াছি, তাহাও অগ্রাহ্য করিব।

28. योशिरयाह के और सब काम जो उस ने किए, वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?

28. যোশিয়ের অবশিষ্ট কর্ম্মের বৃত্তান্ত ও সমস্ত কার্য্যের বিবরণ যিহূদা-রাজগণের ইতিহাস-পুস্তকে কি লিখিত নাই?

29. उसके दिनों में फ़िरौन- नको नाम मिस्र का राजा अश्शूर के राजा के विरूद्ध परात महानद तक गया तो योशिरयाह राजा भी उसका साम्हना करने को गया, और उस ने उसको देखते ही मगिद्दॊ में मार डाला।
प्रकाशितवाक्य 16:16

29. তাহার সময়ে মিসর-রাজ ফরৌণ-নখো অশূর-রাজের বিরুদ্ধে ফরাৎ নদীর দিকে যাত্রা করিলেন, আর যোশিয় রাজা তাঁহার বিরুদ্ধে যুদ্ধযাত্রা করিলেন; তাহাতে ফরৌণ-নখো তাঁহার দেখা পাইবামাত্র মগিদ্দোতে তাঁহাকে বধ করিলেন।

30. तब उसके कर्मचारियों ने उसकी लोथ एक रथ पर रख मगिद्दॊ से ले जाकर यरूशलेम को पहुंचाई और उसकी निज कबर में रख दी। तब साधारण लोगों ने योशिरयाह के पुत्रा यहोआहाज को लेकर उसका अभिषेक करके, उसके पिता के स्थान पर राजा नियुक्त किया।

30. পরে যোশিয়ের দাসগণ তাঁহার মৃত দেহ রথে করিয়া মগিদ্দো হইতে যিরূশালেমে আনিয়া তাঁহার নিজ কবরে কবর দিল; পরে দেশের লোকেরা যোশিয়ের পুত্র যিহোয়াহসকে লইয়া অভিষেক করিয়া পিতার পদে রাজা করিল।

31. जब यहोआहाज राज्य करने लगा, तब वह तेइ्रर्स वर्ष का था, और तीन महीने तक यरूशलेम में राज्य करता रहा; और उसकी माता का नाम हमूतल था, जो लिब्नावासी यिर्मयाह की बेटी थी।

31. যিহোয়াহস তেইশ বৎসর বয়সে রাজত্ব করিতে আরম্ভ করেন, এবং যিরূশালেমে তিন মাস রাজত্ব করেন; তাঁহার মাতার নাম হমূটল, তিনি লিব্‌না-নিবাসী যিরমিয়ের কন্যা।

32. उस ने इीक अपने पुरखाओं की नाई वही किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।

32. এই রাজা আপন পিতৃপুরুষদের সমস্ত কর্ম্মানুসারে সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে যাহা মন্দ, তাহাই করিতেন।

33. उसको फ़िरौन- नको ने हमात देश के रिबला नगर में बान्ध रखा, ताकि वह यरूशलेम में राज्य न करने पाए, फिर उस ने देश पर सौ किक्कार चान्दी और किक्कार भर सोना जुरमाना किया।

33. আর ফরৌণ-নখো যিরূশালেমে তাঁহার রাজত্ব প্রাপ্তির পরে হমাৎ দেশস্থ রিব্‌লাতে তাঁহাকে বদ্ধ করিলেন, এবং দেশের এক শত তালন্ত রৌপ্য ও এক তালন্ত স্বর্ণ দণ্ড স্থির করিলেন।

34. तब फिरौन- नको ने योशिरयाह के पुत्रा एल्याकीम को उसके पिता योशिरयाह के स्थान पर राजा नियुक्त किया, और उसका नाम बदलकर यहोयाकीम रखा; और यहोआहाज को ले गया। सो यहोआहाज मिस्र में जाकर वहीं मर गया।

34. পরে ফরৌণ-নখো যোশিয়ের পুত্র ইলিয়াকীমকে তাঁহার পিতা যোশিয়ের পদে রাজা করিয়া তাঁহার নাম পরিবর্ত্তন-পূর্ব্বক যিহোয়াকীম রাখিলেন, কিন্তু যিহোয়াহসকে লইয়া গেলেন; তাহাতে ইনি মিসর দেশে গিয়া সে স্থানে মরিলেন।

35. यहोयाकीम ने फ़िरौन को वह चान्दी और सोना तो दिया परन्तु देश पर इसलिये कर लगाया कि फ़िरौन की अज्ञा के अनुसार उसे दे सके, अर्थात् देश के सब लोगों से जितना जिस पर लगान लगा, उतनी चान्दी और सोना उस से फ़िरौन- नको को देने के लिये ले लिया।

35. পরে যিহোয়াকীম ফরৌণকে সেই সকল রৌপ্য ও স্বর্ণ দিলেন, কিন্তু ফরৌণের আজ্ঞানুসারে সেই রৌপ্যাদি দিবার জন্য তিনি দেশে কর নিরূপণ করিলেন; ফরৌণ-নখোকে দিবার জন্য তিনি প্রতিজনের উপর কর ধার্য্য করিয়া তদনুসারে দেশের লোকদের কাছে ঐ রৌপ্য ও স্বর্ণ আদায় করিলেন।

36. जब सहोयाकीम राज्य करने लगा, तब वह पचीस पर्ष का था, और ग्यारह वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा; और उसकी माता का नाम जबीदा था जो रूमावासी अदायाह की बेटी थी।

36. যিহোয়াকীম পঁচিশ বৎসর বয়সে রাজত্ব করিতে আরম্ভ করেন, এবং যিরূশালেমে এগার বৎসর রাজত্ব করেন; তাঁহার মাতার নাম সবীদা, তিনি রূমানিবাসী পদায়ের কন্যা।

37. उस ने ठीक अपने पुरखाओं की नाई वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।

37. যিহোয়াকীম আপন পিতৃপুরুষদের সমস্ত কর্ম্মানুসারে সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে যাহা মন্দ, তাহাই করিতেন।



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