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1. फिर लाबान के पुत्रों की ये बातें याकूब के सुनने में आई, कि याकूब ने हमारे पिता का सब कुछ छीन लिया है, और हमारे पिता के धन के कारण उसकी यह प्रतिष्ठा है।
1. As Jacob went on his way, some angels met him.
2. और याकूब ने लाबान के मुखड़े पर दृष्टि की और ताड़ लिया, कि वह उसके प्रति पहले के समान नहीं है।
2. When he saw them, he said, 'This is God's camp'; so he named the place Mahanaim.
3. तब यहोवा ने याकूब से कहा, अपने पितरों के देश और अपनी जन्मभूमि को लौट जा, और मैं तेरे संग रहूंगा।
3. Jacob sent messengers ahead of him to his brother Esau in the country of Edom.
4. तब याकूब ने राहेल और लिआ: को, मैदान में अपनी भेड़- बकरियों के पास, बुलवाकर कहा,
4. He instructed them to say: 'I, Jacob, your obedient servant, report to my master Esau that I have been staying with Laban and that I have delayed my return until now.
5. तुम्हारे पिता के मुखडे से मुझे समझ पड़ता है, कि वह तो मुझे पहिले की नाई अब नहीं देखता; पर मेरे पिता का परमेश्वर मेरे संग है।
5. I own cattle, donkeys, sheep, goats, and slaves. I am sending you word, sir, in the hope of gaining your favor.'
6. और तुम भी जानती हो, कि मैं ने तुम्हारे पिता की सेवा शक्ति भर की है।
6. When the messengers came back to Jacob, they said, 'We went to your brother Esau, and he is already on his way to meet you. He has four hundred men with him.'
7. और तुम्हारे पिता ने मुझ से छल करके मेरी मजदूरी को दस बार बदल दिया; परन्तु परमेश्वर ने उसको मेरी हानि करने नहीं दिया।
7. Jacob was frightened and worried. He divided into two groups the people who were with him, and also his sheep, goats, cattle, and camels.
8. जब उस ने कहा, कि चित्तीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे, तब सब भेड़- बकरियां चित्तीवाले ही जनने लगीं, और जब उस ने कहा, कि धारीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे, तब सब भेड़- बकरियां धारीवाले जनने लगीं।
8. He thought, 'If Esau comes and attacks the first group, the other may be able to escape.'
9. इस रीति से परमेश्वर ने तुम्हारे पिता के पशु लेकर मुझ को दे दिए।
9. Then Jacob prayed, 'God of my grandfather Abraham and God of my father Isaac, hear me! You told me, LORD, to go back to my land and to my relatives, and you would make everything go well for me.
10. भेड़- बकरियों के गाभिन होने के समय मैं ने स्वप्न में क्या देखा, कि जो बकरे बकरियों पर चढ़ रहे हैं, सो धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले है।
10. I am not worth all the kindness and faithfulness that you have shown me, your servant. I crossed the Jordan with nothing but a walking stick, and now I have come back with these two groups.
11. और परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझ से कहा, हे याकूब : मैं ने कहा, क्या आज्ञा।
11. Save me, I pray, from my brother Esau. I am afraid---afraid that he is coming to attack us and destroy us all, even the women and children.
12. उस ने कहा, आंखे उठाकर उन सब बकरों को, जो बकरियों पर चढ़ रहे हैं, देख, कि वे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं; क्योंकि जो कुछ लाबान तुझ से करता है, सो मैं ने देखा है।इब्रानियों 11:12
12. Remember that you promised to make everything go well for me and to give me more descendants than anyone could count, as many as the grains of sand along the seashore.'
13. मैं उस बेतेल का ईश्वर हूं, जहां तू ने एक खम्भे पर तेल डाल दिया, और मेरी मन्नत मानी थी : अब चल, इस देश से निकलकर अपनी जन्मभूमि को लौट जा।
13. After spending the night there, Jacob chose from his livestock as a present for his brother Esau: 200 female goats and 20 males, 200 female sheep and 20 males, 30 milk camels with their young, 40 cows and 10 bulls, 20 female donkeys and 10 males.
14. तब राहेल और लिआ : ने उस से कहा, क्या हमारे पिता के घर में अब भी हमारा कुछ भाग वा अंश बचा है?
14. (SEE 32:13)
15. क्या हम उसकी दृष्टि में पराये न ठहरीं? देख, उस ने हम को तो बेच डाला, और हमारे रूपे को खा बैठा है।
15. (SEE 32:13)
16. सो परमेश्वर ने हमारे पिता का जितना धन ले लिया है, सो हमारा, और हमारे लड़केबालों को है : अब जो कुछ परमेश्वर ने तुझ से कहा सो कर।
16. He divided them into herds and put one of his servants in charge of each herd. He said to them, 'Go ahead of me, and leave a space between each herd and the one behind it.'
17. तब याकूब ने अपने लड़केबालों और स्त्रियों को ऊंटों पर चढ़ाया;
17. He ordered the first servant, 'When my brother Esau meets you and asks, 'Who is your master? Where are you going? Who owns these animals in front of you?'
18. और जितने पशुओं को वह प नराम में इकट्ठा करके धनाढय हो गया था, सब को कनान में अपने पिता इसहाक के पास जाने की मनसा से, साथ ले गया।
18. you must answer, 'They belong to your servant Jacob. He sends them as a present to his master Esau. Jacob himself is right behind us.' '
19. लाबान तो अपनी भेड़ों का ऊन कतरने के लिये चला गया था। और राहेल अपने पिता के गृहदेवताओं को चुरा ले गई।
19. He gave the same order to the second, the third, and to all the others who were in charge of the herds: 'This is what you must say to Esau when you meet him.
20. सो याकूब लाबान अरामी के पास से चोरी से चला गया, उसको न बताया कि मैं भागा जाता हूं।
20. You must say, 'Yes, your servant Jacob is right behind us.' ' Jacob was thinking, 'I will win him over with the gifts, and when I meet him, perhaps he will forgive me.'
21. वह अपना सब कुछ लेकर भागा : और महानद के पार उतरकर अपना मुंह गिलाद के पहाड़ी देश की ओर किया।।
21. He sent the gifts on ahead of him and spent that night in camp.
22. तीसरे दिन लाबान को समाचार मिला, कि याकूब भाग गया है।
22. That same night Jacob got up, took his two wives, his two concubines, and his eleven children, and crossed the Jabbok River.
23. सो उस ने अपने भाइयों को साथ लेकर उसका सात दिन तक पीछा किया, और गिलाद के पहाड़ी देश में उसको जा पकड़ा।
23. After he had sent them across, he also sent across all that he owned,
24. तब परमेश्वर ने रात के स्वप्न में आरामी लाबान के पास आकर कहा, सावधान रह, तू याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।
24. but he stayed behind, alone. Then a man came and wrestled with him until just before daybreak.
25. और लाबान याकूब के पास पहुंच गया, याकूब तो अपना तम्बू गिलाद नाम पहाड़ी देश में खड़ा किए पड़ा था : और लाबान ने भी अपने भाइयों के साथ अपना तम्बू उसी पहाड़ी देश में खड़ा किया।
25. When the man saw that he was not winning the struggle, he hit Jacob on the hip, and it was thrown out of joint.
26. तब लाबान याकूब से कहने लगा, तू ने यह क्या किया, कि मेरे पास से चोरी से चला आया, और मेरी बेटियों को ऐसा ले आया, जैसा कोई तलवार के बल से बन्दी बनाए गए?
26. The man said, 'Let me go; daylight is coming.' 'I won't, unless you bless me,' Jacob answered.
27. तू क्यों चुपके से भाग आया, और मुझ से बिना कुछ कहे मेरे पास से चोरी से चला आया; नहीं तो मैं तुझे आनन्द के साथ मृदंग और वीणा बजवाते, और गीत गवाते विदा करता ?
27. 'What is your name?' the man asked. 'Jacob,' he answered.
28. तू ने तो मुझे अपने बेटे बेटियों को चूमने तक न दिया? तू ने मूर्खता की है।
28. The man said, 'Your name will no longer be Jacob. You have struggled with God and with men, and you have won; so your name will be Israel.'
29. तुम लोगों की हानि करने की शक्ति मेरे हाथ में तो है; पर तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने मुझ से बीती हुई रात में कहा, सावधान रह, याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।
29. Jacob said, 'Now tell me your name.' But he answered, 'Why do you want to know my name?' Then he blessed Jacob.
30. भला अब तू अपने पिता के घर का बड़ा अभिलाषी होकर चला आया तो चला आया, पर मेरे देवताओं को तू क्यों चुरा ले आया है?
30. Jacob said, 'I have seen God face-to-face, and I am still alive'; so he named the place Peniel.
31. याकूब ने लाबान को उत्तर दिया, मैं यह सोचकर डर गया था : कि कहीं तू अपनी बेटियों को मुझ से छीन न ले।
31. The sun rose as Jacob was leaving Peniel, and he was limping because of his hip.
32. जिस किसी के पास तू अपने देवताओं को पाए, सो जीता न बचेगा। मेरे पास तेरा जो कुछ निकले, सो भाई- बन्धुओं के साम्हने पहिचानकर ले ले। क्योंकि याकूब न जानता था कि राहेल गृहदेवताओं को चुरा ले आई है।
32. Even today the descendants of Israel do not eat the muscle which is on the hip joint, because it was on this muscle that Jacob was hit.