2 Peter - 2 पतरस 2 | View All

1. और जिस प्रकार उन लोगों में झूठे भविष्यद्वक्ता थे उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेशक होंगे, जो नाश करनेवाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप छिपकर करेंगे और उस स्वामी का जिस ने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेंगे और अपने आप को शीघ्र विनाश में डाल देंगे।

1. But false prophets were also among the people, as also false teachers will be among you, who will secretly bring in destructive heresies, and denying the Master who has bought them, bringing swift destruction on themselves.

2. और बहुतेरे उन की नाई लुचपन करेंगे, जिन के कारण सत्य के मार्ग की निन्दा की जाएगी।
यशायाह 52:5

2. And many will follow their destructive ways, by whom the way of truth will be evil spoken of.

3. और वे लोभ के लिये बातें गढ़कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएंगे, और जो दण्ड की आज्ञा उन पर पहिले से हो चुकी है, उसके आने में कुछ भी देर नहीं, और उन का विनाश ऊंघता नहीं।

3. And by covetousness, with well-turned words, they will use you for gain, for whom judgment of old does not linger, and their destruction does not slumber.

4. क्योंकि जब परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्हों ने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अन्धेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें।

4. For if God did not spare sinning angels, but delivered them to chains of darkness, thrust down into Tartarus, having been kept to judgment;

5. और प्रथम युग के संसार को भी न छोड़ा, बरन भक्तिहीन संसार पर महा जल- प्रलय भेजकर धर्म के प्रचारक नूह समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया।
उत्पत्ति 8:18

5. and did not spare the ancient world, but preserved Noah the eighth, a herald of righteousness, bringing a flood on a world of ungodly ones;

6. और सदोम और अमोरा के नगरों को विनाश का ऐसा दण्ड दिया, कि उन्हें भस्म करके राख में मिला दिया ताकि वे आनेवाले भक्तिहीन लोगों की शिक्षा के लिये एक दृष्टान्त बनें।
उत्पत्ति 19:24

6. and covering the cities of Sodom and Gomorrah with ashes, He condemned them with an overthrow, setting an example to men intending to live ungodly.

7. और धर्मी लूत को जो अधर्मियों के अशुद्ध चाल- चलन से बहुत दुखी था छुटकारा दिया।
उत्पत्ति 19:1-16

7. And He delivered righteous Lot, who had been oppressed by the behavior of the lawless in lustfulness.

8. ( क्योंकि वह धर्मी उन के बीच में रहते हुए, और उन के अधर्म के कामों को देख देखकर, और सुन सुनकर, हर दिन अपने सच्चे मन को पीड़ित करता था)।

8. For that righteous one living among them day after day, in seeing and in hearing, his righteous soul was tormented with their lawless deeds.

9. तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधर्मियों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।

9. But the Lord knows to deliver the godly out of temptation, and to keep the unjust for a day of judgment, being punished,

10. निज करके उन्हें जो अशुद्ध अभिलाषाओं के पीछे शरीर के अनुसार चलते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं: वे ढीठ, और हठी हैं, और ऊंचे पदवालों को बुरा भला कहने से नहीं डरते।

10. and most of all those going after flesh in the lust of defilement, and despising rulership, darers, self-pleasing; they do not tremble at glories, speaking evil;

11. तौभी स्वर्गदूत जो शक्ति और सामर्थ में उन से बड़े हैं, प्रभु के साम्हने उन्हें बुरा भला कहकर दोष नहीं लगाते।

11. where angels being greater in strength and power do not bring against them a reproaching charge before the Lord.

12. पर ये लोग निर्बुद्धि पशुओं ही के तुल्य हैं, जो पकड़े जाने और नाश होने के लिये उत्पन्न हुए हैं; और जिन बातों को जानते ही नहीं, उन के विषय में औरों को बुरा भला कहते हैं, वे अपनी सड़ाहट में आप ही सड़ जाएंगे।

12. But these as unreasoning natural beasts, having been born for capture and corruption, speaking evil in that of which they are ignorant, they shall utterly perish in their corruption,

13. औरों का बुरा करने के बदले उन्हीं का बुरा होगा: उन्हें दिन दोपहर सुख- विलास करना भला लगता है; यह कलंक और दोष है- जब वे तुम्हारे साथ खाते पीते हैं, तो अपनी ओर से प्रेम भोज करके भोग- विलास करते हैं।

13. being about to receive the wages of unrighteousness, having deemed indulgence in the day to be pleasure; spots and blemishes reveling in their deceits, feasting along with you,

14. उन ही आंखों में व्यभिचारिणी बसी हुई है, और वे पाप किए बिना रूक नहीं सकते: वे चंचल मनवालों को फुसला लेते हैं; उन के मन को लोभ करने का अभ्यास हो गया है, वे सन्ताप के सन्तान हैं।

14. having eyes full of an adulteress, and never ceasing from sin; alluring unsettled souls; having a heart being busied with covetousness; cursed children;

15. वे सीधे मार्ग को छोड़कर भटक गए हैं, और बओर के पुत्रा बिलाम के मार्ग पर हो लिए हैं; जिस ने अधर्म की मजदूरी को प्रिय जाना।
गिनती 22:7

15. forsaking a straight path, they went astray, following the way of Balaam the son of Beor, who loved the wages of unrighteousness,

16. पर उसके अपराध के विषय में उलाहना दिया गया, यहां तक कि अबोल गदही ने मनुष्य की बोली से उस भविष्यद्वक्ता को उसके बावलेपन से रोका।
गिनती 22:28

16. but had reproof of his own transgression, the dumb ass speaking in a man's voice held back the madness of the prophet.

17. ये लोग अन्धे कुंए, और आन्धी के उड़ाए हुए बादल हैं, उन के लिये अनन्त अन्धकार ठहराया गया है।

17. These are springs without water, clouds being driven by tempest, for whom the blackness of darkness has been kept to the ages.

18. वे व्यर्थ घमण्ड की बातें कर करके लुचपन के कामों के द्वारा, उन लोगों को शारीरिक अभिलाषाओं मे फंसा लेते हैं, जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।

18. For speaking over-swollen words of vanity, by the lusts of the flesh, by unbridled lusts, they allure those indeed escaping, the ones walking in error,

19. वे उन्हें स्वतंत्रा होने की प्रतिज्ञा तो देते हैं, पर आप ही सड़ाहट के दास हैं, क्योंकि जो व्यक्ति जिस से हार गया है, वह उसका दास बन जाता है।

19. promising to them freedom, though themselves being slaves of corruption; for by whom anyone has been overcome, even to this one he has been enslaved.

20. और जब वे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की पहचान के द्वारा संसार की नाना प्रकार की अशुद्धता से बच निकले, और फिर उन में फंसकर हार गए, तो उन की पिछली दशा पहिली से भी बुरी हो गई है।

20. For if by a recognition of the Lord and Savior, Jesus Christ, they have escaped the defilements of the world, and again being entangled they have been overcome by these, then their last things have become worse than the first.

21. क्योंकि धर्म के मार्ग में न जानना ही उन के लिये इस से भला होता, कि उसे जानकर, उस पवित्रा आज्ञा से फिर जाते, जो उन्हें सौंपी गई थी। उन पर यह कहावत ठीक बैठती है,

21. For it was better for them not to have recognized the way of righteousness than having recognized it to turn from the holy commandment delivered to them.

22. कि कुत्ता अपनी छांट की ओर और धोई हुई सुअरनी कीचड़ में लोटने के लिये फिर चली जाती है।।
नीतिवचन 26:11

22. But the word of the true proverb has happened to them: 'The dog turning to his own vomit;' also, the washed sow to wallowing in mud. Prov. 26:11



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