John - यूहन्ना 10 | View All

1. मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु और किसी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू है।

2. परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है वह भेड़ों का चरवाहा है।

3. उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल देता है, और भेंड़ें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले लेकर बुलाता है और बाहर ले जाता है।

4. और जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता है, तो उन के आगे आगे चलता है, और भेड़ें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं; क्योंकि वे उसक शब्द पहचानती हैं।

5. परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएंगी, परन्तु उस से भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानती।

6. यीशु ने उन से यह दृष्टान्त कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता है।।

7. तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं।

8. जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी।

यिर्मयाह 23:1-2 उन चरवाहों पर हाय जो मेरी चराई की भेड़- बकरियों को तितर- बितर करते ओर नाश करते हैं, यहोवा यह कहता है।इसलिये इस्राएल का परमेश्वर यहोवा अपनी प्रजा के चरवाहों से यों कहता है, तुम ने मेरी भेड़- बकरियों की सुधि नहीं ली, वरन उनको तितर- बितर किया और बरबस निकाल दिया है, इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि मैं तुम्हारे बुरे कामों का दण्ड दूंगा।

यहेजकेल 34:2-3 हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के चरवाहों के विरूद्ध भविष्यद्वाणी करके उन चरवाहों से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, हाय इस्राएल के चरवाहों पर जो अपने अपने पेट भरते हैं ! क्या चरवाहों को भेड़- बकरियों का पेट न भरना चाहिए?तुम लोग चब खाते, ऊन पहिनते और मोटे मोटे पशुओं को काटते हो; परन्तु भेड़- बकरियों को तुम नहीं चराते।

9. द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा औश्र भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा।

भजन संहिता 118:20 यहोवा का द्वार यही है, इस से धर्मी प्रवेश करने पाएंगे।।

10. चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।

11. अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है।

भजन संहिता 23:1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी।

यशायाह 40:11 वह चरवाहे की नाईं अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिए रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे धीरे ले चलेगा।।

यहेजकेल 34:15 मैं आप ही अपनी भेड़- बकरियों का चरवाहा हूंगा, और मैं आप ही उन्हें बैठाऊंगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

12. मजदूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख, भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िया उन्हें पकड़ता और तित्तर बित्तर कर देता है।

13. वह इसलिये भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उस को भेड़ों की चिन्ता नहीं।

14. अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं।

15. इसी तरह मैं अपी भेड़ों को जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं।

16. और मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं; मुझे उन का भी लाना अवश्य है, वे मेरा शब्द सुनेंगी; तब एक ही झुण्ड और एक ही चरवाहा होगा।

यशायाह 56:8 प्रभु यहोवा, जो निकाले हुए इस्राएलियों को इकट्ठे करनेवाला है, उसकी यह वाणी है कि जो इकट्ठे किए गए हैं उनके साथ मैं औरों को भी इकट्ठे करके मिला दूंगा।।

यहेजकेल 34:23 और मैं उन पर ऐसा एक चरवाहा ठहराऊंगा जो उनकी चरवाही करेगा, वह मेरा दास दाऊद होगा, वही उनको चराएगा, और वही उनका चरवाहा होगा।

यहेजकेल 37:24 मेरा दास दाऊद उनका राजा होगा; सो उन सभों का एक ही चरवाहा होगा। वे मेरे नियमों पर चलेंगे और मेरी विधियों को मानकर उनके अनुसार चलेंगे।

17. पिता इसलिये मुझ से प्रेम रखता है, कि मैं अपना प्राण देता हूं, कि उसे फिर ले लूं।

18. कोई उसे मुझ से छीनता नहीं, बरन मैं उसे आप ही देता हूं: मुझे उसके देने का अधिकार है, और उसे फिर लेने का भी अधिकार है: यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है।।

19. इन बातों के कारण यहूदियों में फिर फूट पड़ी।

20. उन में से बहुतेरे कहने लगे, कि उस में दुष्टात्मा है, और वह पागल है; उस की क्यों सुनते हो?

21. औरों ने कहा, ये बात ऐसे मनुष्य की नहीं जिस में दुष्टात्मा हो: क्या दुष्टात्मा अन्धों की आंखे खोल सकती है?

22. यरूशलेम में स्थापन पर्ब्ब हुआ, और जाड़े की ऋतु थी।

23. और यीशु मन्दिर में सुलैमान के ओसारे में टहल रहा था।

24. तब यहूदियों ने उसे आ घेरा और पूछा, तू हमारे मन को कब तक दुविधा में रखेगा? यदि तू मसीह है, तो हम से साफ कह दे।

25. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं ने तुम से कह दिया, और तुम प्रतीति करते ही नहीं, जो काम मैं अपने पिता के नाम से करता हूं वे ही मेरे गवाह हैं।

26. परन्तु तुम इसलिये प्रतीति नहीं करते, कि मेरी भेड़ों में से नहीं हो।

27. मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं।

28. और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा।

29. मेरा पिता, जिस ने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता।

30. मैं और पिता एक हैं।

31. यहूदियों ने उसे पत्थरवाह करते को फिर पत्थर उठाए।

32. इस पर यीशु ने उन से कहा, कि मैं ने तुम्हें अपने पिता की ओर से बहुत से भले काम दिखाए हैं, उन में से किस काम के लिये तुम मुझे पत्थरवाह करते हो?

33. यहूदियों ने उस को उत्तर दिया, कि भले काम के लिये हम तुझे पत्थरवाह नहीं करते, परन्तु परमेश्वर की निन्दा के कारण और इसलिये कि तू मनुष्य होकर अपने आप को परमेश्वर बनाता है।

लैव्यव्यवस्था 24:16 यहोवा के नाम की निन्दा करनेवाला निश्चय मार डाला जाए; सारी मण्डली के लोग निश्चय उसको पत्थरवाह करें; चाहे देशी हो चाहे परदेशी, यदि कोई उस नाम की निन्दा करें तो वह मार डाला जाए।

34. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या तुम्हारी व्यवस्था में नहीं लिखा है कि मैं ने कहा, तुम ईश्वर हो?

भजन संहिता 82:6 मैं ने कहा था कि तुम ईश्वर हो, और सब के सब परमप्रधान के पुत्रा हो;

35. यदि उस ने उन्हें ईश्वर कहा जिन के पास परमेश्वर का वचन पहुंचा (और पवित्रा शास्त्रा की बात लोप नहीं हो सकती।)

36. तो जिसे पिता ने पवित्रा ठहराकर जगत में भेजा है, तुम उस से कहते हो कि तू निन्दा करता है, इसलिये कि मैं ने कहा, मैं परमेश्वर का पुत्रा हूं।

37. यदि मैं अपने पिता के काम नहीं करता, तो मेरी प्रतीति न करो।

38. परन्तु यदि मैं करता हूं, तो चाहे मेरी प्रतीति न भी करो, परन्तु उन कामों की तो प्रतीति करो, ताकि तुम जानो, और समझो, कि पिता मुझ में है, और मैं पिता में हूं।

39. तब उन्हों ने फिर उसे पकड़ने का प्रयत्न किया परन्तु वह उन के हाथ से निकल गया।।

40. फिर वह यरदन के पार उस स्थान पर चला गया, जहां यूहन्ना पहिले बपतिस्मा दिया करता था, और वहीं रहा।

41. और बहुतेरे उसके पास आकर कहते थे, कि युहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इस के विषय में कहा था वह सब सच था।

42. और वहां बहुतेरों ने उस पर विश्वास किया।।



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