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1. इसलिये कि बहुतों ने उन बातों को जो हमारे बीच में होती हैं इतिहास लिखने में हाथ लगाया है।
1. Seeing that many did take in hand to set in order a narration of the matters that have been fully assured among us,
2. जैसा कि उन्हों ने जो पहिले ही से इन बातों के देखनेवाले और वचन के सेवक थे हम तक पहुंचाया।
2. as they did deliver to us, who from the beginning became eye-witnesses, and officers of the Word, --
3. इसलिये हे श्रीमान थियुफिलुस मुझे भी यह उचित मालूम हुआ कि उन सब बातों का सम्पूर्ण हाल आरम्भ से ठीक ठीक जांच करके उन्हें तेरे लिये क्रमानुसार लिखूं।
3. it seemed good also to me, having followed from the first after all things exactly, to write to thee in order, most noble Theophilus,
4. कि तू यह जान ले, कि ये बातें जिनकी तू ने शिक्षा पाई है, कैसी अटल हैं।।
4. that thou mayest know the certainty of the things wherein thou wast instructed.
5. यहूदियों के राजा हेरोदेस के समय अबिरयाह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था, और उस की पत्नी हारून के वंश की थी, जिस का नाम इलीशिबा था।1 इतिहास 24:10
5. There was in the days of Herod, the king of Judea, a certain priest, by name Zacharias, of the course of Abijah, and his wife of the daughters of Aaron, and her name Elisabeth;
6. और वे दोनों परमेश्वर के साम्हने धर्मी थे: और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे। उन के कोई सन्तान न थी,
6. and they were both righteous before God, going on in all the commands and righteousnesses of the Lord blameless,
7. क्योंकि इलीशिबा बांझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे।।
7. and they had no child, because that Elisabeth was barren, and both were advanced in their days.
8. जब वह अपने दलकी पारी पर परमेश्वर के साम्हने याजक का काम करता था।
8. And it came to pass, in his acting as priest, in the order of his course before God,
9. तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली, कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए।निर्गमन 30:7
9. according to the custom of the priesthood, his lot was to make perfume, having gone into the sanctuary of the Lord,
10. और धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी।
10. and all the multitude of the people were praying without, at the hour of the perfume.
11. कि प्रभु का एक स्वर्गदूत धूप की वेदी की दहिनी ओर खड़ा हुआ उस को दिखाई दिया।
11. And there appeared to him a messenger of the Lord standing on the right side of the altar of the perfume,
12. और जकरयाह देखकर घबराया और उस पर बड़ा भय छा गया।
12. and Zacharias, having seen, was troubled, and fear fell on him;
13. परन्तु स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे जकरयाह, भयभीत न हो क्योंकि तेरी प्रार्थना सुन ली गई है और तेरी पत्नी इलीशिबा से तेरे लिये एक पुत्रा उत्पन्न होगा, और तू उसका नाम यूहन्ना रखना।
13. and the messenger said unto him, 'Fear not, Zacharias, for thy supplication was heard, and thy wife Elisabeth shall bear a son to thee, and thou shalt call his name John,
14. और तुझे आनन्द और हर्ष होगा: और बहुत लोग उसके जन्म के कारण आनन्दित होंगे।
14. and there shall be joy to thee, and gladness, and many at his birth shall joy,
15. क्योंकि वह प्रभु के साम्हने महान होगा; और दाखरस और मदिरा कभी न पिएगा; और अपनी माता के गर्भ ही से पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण हो जाएगा।गिनती 6:3, न्यायियों 13:4
15. for he shall be great before the Lord, and wine and strong drink he may not drink, and of the Holy Spirit he shall be full, even from his mother's womb;
16. और इस्राएलियों में से बहुतेरों को उन के प्रभु परमेश्वर की ओर फेरेगा।
16. and many of the sons of Israel he shall turn to the Lord their God,
17. वह एलिरयाह की आत्मा और सामर्थ में हो कर उसके आगे आगे चलेगा, कि पितरों का मन लड़केबालों की ओर फेर दे; और आज्ञा न माननेवालों को धर्मियों की समझ पर लाए; और प्रभु के लिये एक योग्य प्रजा तैयार करे।मलाकी 3:1, मलाकी 4:5
17. and he shall go before Him, in the spirit and power of Elijah, to turn hearts of fathers unto children, and disobedient ones to the wisdom of righteous ones, to make ready for the Lord, a people prepared.'
18. जकरयाह ने स्वर्गदूत से पूछा; यह मैं कैसे जानूं? क्योंकि मैं तो बूढ़ा हूं; और मेरी पत्नी भी बूढ़ी हो गई है।उत्पत्ति 18:11
18. And Zacharias said unto the messenger, 'Whereby shall I know this? for I am aged, and my wife is advanced in her days?'
19. स्वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया, कि मैं जिब्राईल हूं, जो परमेश्वर के साम्हने खड़ा रहता हूं; और मैं तुझ से बातें करने और तुझे यह सुसमाचार सुनाने को भेजा गया हूं।दानिय्येल 8:16, दानिय्येल 9:21
19. And the messenger answering said to him, 'I am Gabriel, who have been standing near before God, and I was sent to speak unto thee, and to proclaim these good news to thee,
20. और देख जिस दिन तक ये बातें पूरी न हो लें, उस दिन तक तू मौन रहेगा, और बोल न सकेगा, इसलिये कि तू ने मेरी बातों की जो अपने समय पर पूरी होंगी, प्रतीति न की।
20. and lo, thou shalt be silent, and not able to speak, till the day that these things shall come to pass, because thou didst not believe my words, that shall be fulfilled in their season.'
21. और लोग जकरयाह की बाट देखते रहे और अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी?
21. And the people were waiting for Zacharias, and wondering at his tarrying in the sanctuary,
22. जब वह बाहर आया, तो उन से बोल न सका: सो वे जान गए, कि उस ने मन्दिर में कोई दर्शन पाया है; और व उन से संकेत करता रहा, और गूंगा रह गया।
22. and having come out, he was not able to speak to them, and they perceived that a vision he had seen in the sanctuary, and he was beckoning to them, and did remain dumb.
23. जब उस की सेवा के दिन पूरे हुए, तो वह अपने घर चला गया।।
23. And it came to pass, when the days of his service were fulfilled, he went away to his house,
24. इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुई; और पांच महीने तक अपने आप को यह कह के छिपाए रखा।
24. and after those days, his wife Elisabeth conceived, and hid herself five months, saying --
25. कि मनुष्यों में मेरा अपमान दूर करने के लिये प्रभु ने इन दिनों में कृपादृष्टि करके मेरे लिये ऐसा किया है।।उत्पत्ति 30:23
25. 'Thus hath the Lord done to me, in days in which He looked upon [me], to take away my reproach among men.'
26. छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया।
26. And in the sixth month was the messenger Gabriel sent by God, to a city of Galilee, the name of which [is] Nazareth,
27. जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था।
27. to a virgin, betrothed to a man, whose name [is] Joseph, of the house of David, and the name of the virgin [is] Mary.
28. और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा; आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है।
28. And the messenger having come in unto her, said, 'Hail, favoured one, the Lord [is] with thee; blessed [art] thou among women;'
29. वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है?
29. and she, having seen, was troubled at his word, and was reasoning of what kind this salutation may be.
30. स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है।
30. And the messenger said to her, 'Fear not, Mary, for thou hast found favour with God;
31. और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्रा उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना।उत्पत्ति 16:11, न्यायियों 13:3, यशायाह 7:14
31. and lo, thou shalt conceive in the womb, and shalt bring forth a son, and call his name Jesus;
32. वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्रा कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा।2 शमूएल 7:12-13, 2 शमूएल 7:16, भजन संहिता 132:11, यशायाह 9:7
32. he shall be great, and Son of the Highest he shall be called, and the Lord God shall give him the throne of David his father,
33. और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।मीका 4:7, 2 शमूएल 7:12-13, 2 शमूएल 7:16
33. and he shall reign over the house of Jacob to the ages; and of his reign there shall be no end.'
34. मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं।
34. And Mary said unto the messenger, 'How shall this be, seeing a husband I do not know?'
35. स्वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया; कि पवित्रा आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्रा जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्रा कहलाएगा।भजन संहिता 89:19
35. And the messenger answering said to her, 'The Holy Spirit shall come upon thee, and the power of the Highest shall overshadow thee, therefore also the holy-begotten thing shall be called Son of God;
36. और देख, और तेरी कुटुम्बिनी इलीशिबा के भी बुढ़ापे में पुत्रा होनेवाला है, यह उसका, जो बांझ कहलाती थी छठवां महीना है।
36. and lo, Elisabeth, thy kinswoman, she also hath conceived a son in her old age, and this is the sixth month to her who was called barren;
37. क्योंकि जो वचन परमेश्वर की ओर से होता है वह प्रभावरहित नहीं होता।उत्पत्ति 18:14
37. because nothing shall be impossible with God.'
38. मरियम ने कहा, देख, मैं प्रभु की दासी हूं, मुझे तेरे वचन के अनुसार हो: तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।।
38. And Mary said, 'Lo, the maid-servant of the Lord; let it be to me according to thy saying,' and the messenger went away from her.
39. उन दिनों में मरियम उठकर शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई।
39. And Mary having arisen in those days, went to the hill-country, with haste, to a city of Judea,
40. और जकरयाह के घर में जाकर इलीशिबा को नमस्कार किया।
40. and entered into the house of Zacharias, and saluted Elisabeth.
41. ज्योंही इलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, त्योंही बच्चा उसके पेट में उछला, और इलीशिबा पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण हो गई।उत्पत्ति 25:22
41. And it came to pass, when Elisabeth heard the salutation of Mary, the babe did leap in her womb; and Elisabeth was filled with the Holy Spirit,
42. और उस ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है।व्यवस्थाविवरण 28:4, न्यायियों 5:24
42. and spake out with a loud voice, and said, 'Blessed [art] thou among women, and blessed [is] the fruit of thy womb;
43. और यह अनुग्रह मुझे कहां से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?
43. and whence [is] this to me, that the mother of my Lord might come unto me?
44. और देख ज्योंही तेरे नमस्कार का शब्द मेरे कानों में पड़ा त्योंही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा।
44. for, lo, when the voice of thy salutation came to my ears, leap in gladness did the babe in my womb;
45. और धन्य है, वह जिस ने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उस से कही गई, वे पूरी होंगी।
45. and happy [is] she who did believe, for there shall be a completion to the things spoken to her from the Lord.'
46. तब मरियम ने कहा, मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।1 शमूएल 2:1, भजन संहिता 113:7-8
46. And Mary said, 'My soul doth magnify the Lord,
47. और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्वर से आनन्दित हुई।1 शमूएल 2:1
47. And my spirit was glad on God my Saviour,
48. क्योंकि उस ने अपनी दासी की दीनता पर दृष्टि की है, इसलिये देखो, अब से सब युग युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे।1 शमूएल 1:11
48. Because He looked on the lowliness of His maid-servant, For, lo, henceforth call me happy shall all the generations,
49. क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्रा है।भजन संहिता 111:9
49. For He who is mighty did to me great things, And holy [is] His name,
50. और उस की दया उन पर, जो उस से डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।भजन संहिता 103:17
50. And His kindness [is] to generations of generations, To those fearing Him,
51. उस ने अपना भुजबल दिखाया, और जो अपने आप को बड़ा समझते थे, उन्हें तित्तर- बित्तर किया।2 शमूएल 22:28, भजन संहिता 89:10
51. He did powerfully with His arm, He scattered abroad the proud in the thought of their heart,
52. उस ने बलवानों को सिंहासनों से गिरा दिया; और दीनों को ऊंचा किया।1 शमूएल 2:7, अय्यूब 5:11, अय्यूब 12:19
52. He brought down the mighty from thrones, And He exalted the lowly,
53. उस ने भूखों को अच्छी वस्तुओं से तृप्त किया, और धनवानों को छूछे हाथ निकाल दिया।1 शमूएल 2:5, भजन संहिता 107:9
53. The hungry He did fill with good, And the rich He sent away empty,
54. उस ने अपने सेवक इस्राएल को सम्भाल लिया।भजन संहिता 98:3, यशायाह 41:8-9
54. He received again Israel His servant, To remember kindness,
55. कि अपनी उस दया को स्मरण करे, जो इब्राहीम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उस ने हमारे बाप- दादों से कहा था।उत्पत्ति 17:7, उत्पत्ति 22:17, मीका 7:20
55. As He spake unto our fathers, To Abraham and to his seed -- to the age.'
56. मरियम लगभग तीन महीने उसके साथ रहकर अपने घर लोट गई।।
56. And Mary remained with her about three months, and turned back to her house.
57. तब इलीशिबा के जनने का समय पूरा हुआ, और व पुत्रा जनी।
57. And to Elisabeth was the time fulfilled for her bringing forth, and she bare a son,
58. उसके पड़ोसियों और कुटुम्बियों ने यह सुन कर, कि प्रभु ने उस पर बड़ी दया की है, उसके साथ आनन्दित हुए।
58. and the neighbours and her kindred heard that the Lord was making His kindness great with her, and they were rejoicing with her.
59. और ऐसा हुआ कि आठवें दिन वे बालक का खतना करने आए और उसका नाम उसके पिता के नाम पर जकरयाह रखने लगे।उत्पत्ति 17:12, लैव्यव्यवस्था 12:3
59. And it came to pass, on the eighth day, they came to circumcise the child, and they were calling him by the name of his father, Zacharias,
60. और उस की माता ने उत्तर दिया कि नहीं; बरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।
60. and his mother answering said, 'No, but he shall be called John.'
61. और उन्हों ने उस से कहा, तेरे कुटुम्ब में किसी का यह नाम नहीं।
61. And they said unto her -- 'There is none among thy kindred who is called by this name,'
62. तब उन्हों ने उसके पिता से संकेत करके पूछा।
62. and they were making signs to his father, what he would wish him to be called,
63. कि तू उसका नाम क्या रखना चाहता है? और उस ने लिखने की पट्टी मंगाकर लिख दिया, कि उसका नाम यूहन्ना है: और सभों ने अचम्भा किया।
63. and having asked for a tablet, he wrote, saying, 'John is his name;' and they did all wonder;
64. तब उसका मुंह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्वर का धन्यवाद करने लगा।
64. and his mouth was opened presently, and his tongue, and he was speaking, praising God.
65. और उसके आस पास के सब रहनेवालों पर भय छा गया; और उन सब बातों की चर्चा यहूदया के सारे पहाड़ी देश में फैल गई।
65. And fear came upon all those dwelling around them, and in all the hill-country of Judea were all these sayings spoken of,
66. और सब सुननेवालों ने अपने अपने मन में विचार करके कहा, यह बालक कैसा होगा क्योंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था।।
66. and all who heard did lay them up in their hearts, saying, 'What then shall this child be?' and the hand of the Lord was with him.
67. और उसका पिता जकरयाह पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्ववाणी करने लगा।
67. And Zacharias his father was filled with the Holy Spirit, and did prophesy, saying,
68. कि प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उस ने अपने लोगों पर दृष्टि की और उन का छुटकारा किया है।भजन संहिता 41:13, भजन संहिता 72:18, भजन संहिता 106:48, भजन संहिता 111:9
68. 'Blessed [is] the Lord, the God of Israel, Because He did look upon, And wrought redemption for His people,
69. ओर अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला।1 शमूएल 2:10, भजन संहिता 18:2, भजन संहिता 132:17, यिर्मयाह 30:9
69. And did raise an horn of salvation to us, In the house of David His servant,
70. जैसे उस ने अपने पवित्रा भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था।
70. As He spake by the mouth of His holy prophets, Which have been from the age;
71. अर्थात् हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है।भजन संहिता 106:10
71. Salvation from our enemies, And out of the hand of all hating us,
72. कि हमारे बाप- दादों पर दया करके अपनी पवित्रा वाचा का स्मरण करे।उत्पत्ति 22:16-17, लैव्यव्यवस्था 26:42, भजन संहिता 105:8-9, भजन संहिता 106:45-46, उत्पत्ति 17:7
72. To do kindness with our fathers, And to be mindful of His holy covenant,
73. और वह शपथ जो उस ने हमारे पिता इब्राहीम से खाई थी।उत्पत्ति 17:7
73. An oath that He sware to Abraham our father,
74. कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छुटकर।
74. To give to us, without fear, Out of the hand of our enemies having been delivered,
75. उसके साम्हने पवित्राता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उस की सेवा करते रहें।
75. To serve Him, in holiness and righteousness Before Him, all the days of our life.
76. और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे आगे चलेगा,यशायाह 40:3, मलाकी 3:1
76. And thou, child, Prophet of the Highest Shalt thou be called; For thou shalt go before the face of the Lord, To prepare His ways.
77. कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उन के पापों की क्षमा से प्राप्त होता है।
77. To give knowledge of salvation to His people In remission of their sins,
78. यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा।यशायाह 9:2, यशायाह 58:8, यशायाह 60:1-2, मलाकी 4:2
78. Through the tender mercies of our God, In which the rising from on high did look upon us,
79. कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।।यशायाह 9:2, यशायाह 58:8, यशायाह 60:1-2, मलाकी 4:2
79. To give light to those sitting in darkness and death-shade, To guide our feet to a way of peace.'
80. और वह बालक बढ़ता और आत्मा में बलवन्त होता गया, और इस्राएल पर प्रगट होने के दिन तक जंगलों में रहा।
80. And the child grew, and was strengthened in spirit, and he was in the deserts till the day of his shewing unto Israel.