25. पर वह आई, और उसे प्रणाम करके कहने लगी; हे प्रभु, मेरी सहायता कर।यहोशू 5:14-15 उस ने उत्तर दिया, कि नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान होकर अभी आया हूं। तब यहोशू ने पृथ्वी पर मुंह के बल गिरकर दण्डवत् किया, और उस से कहा, अपने दास के लिये मेरे प्रभु की क्या आज्ञा है?यहोवा की सेना के प्रधान ने यहोशू से कहा, अपनी जूती पांव से उतार डाल, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्रा है। तब यहोशू ने वैसा ही किया।।