16. जिस प्रकार तू ने मेरे पवित्रा पर्वत पर पिया, उसी प्रकार से सारी अन्यजातियां लगातार पीती रहेंगी, वरन वे सुड़क- सुड़ककर पीएंगी, और एसी हो जाएंगी जैसी कभी हुई ही नहीं।
16. For as you have drunk upon My holy mountain, so all the nations shall drink forever. Yes, they shall drink, and they shall swallow, and they shall be as though they had not been.