55. और उसके धोने के बाद याजक उसको देखे, और यदि व्याधि का न तो रंग बदला हो, और न व्याधि फैली हो, तो जानना कि वह अशुद्ध है; उसे आग में जलाना, क्योंकि चाहे वह व्याधि भीतर चाहे ऊपरी हो तौभी वह खा जाने वाली व्याधि है।
55. Againe ye Priest shall looke on the plague, after it is washed: and if the plague haue not changed his colour, though the plague haue spred no further, it is vncleane: thou shalt burne it in the fire, for it is a fret inwarde, whether the spot bee in the bare place of the whole, or in part thereof.