Ezekiel - यहेजकेल 12 | View All

1. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

1. Again the Lord spoke his word to me, saying:

2. हे मनुष्य के सन्तान, तू बलवा करनेवाले घराने के बीच में रहता है, जिनके देखने के लिये आंखें तो हैं, परन्तु नहीं देखते; और सुनने के लिये कान तो हैं परन्तु नहीं सुनते; क्योंकि वे बलवा करनेवाले घराने के हैं।
मरकुस 8:18, रोमियों 11:8

2. 'Human, you are living among a people who refuse to obey. They have eyes to see, but they do not see, and they have ears to hear, but they do not hear, because they are a people who refuse to obey.

3. इसलिये हे मनुष्य के सन्तान दिन को बंधुआई का सामान, तैयार करके उनके देखते हुए उठ जाना, उनके देखते हुए अपना स्थान छोड़कर दूसरे स्थान को जाना। यद्यपि वे बलवा करनेवाले घराने के हैं, तौभी सम्भव है कि वे ध्यान दें।

3. 'So, human, pack your things as if you will be taken away captive, and walk away like a captive in the daytime with the people watching. Move from your place to another with the people watching. Maybe they will understand, even though they are a people who refuse to obey.

4. सो तू दिन को उनके देखते हुए बंधुआई के सामान की नाई अपना सामान निकालना, और तब तू सांझ को बंधुआई में जानेवाले के समान उनके देखते हुए उठ जाना।

4. During the day when the people are watching, bring out the things you would pack as captive. At evening, with the people watching, leave your place like those who are taken away as captives from their country.

5. उनके देखते हुए भीत को फोड़कर उसी से अपना सामान निकालना।

5. Dig a hole through the wall while they watch, and bring your things out through it.

6. उनके देखते हुए उसे अपने कंधे पर उठाकर अन्धेरे में निकालना, और अपना मुंह ढांपे रहना कि भूमि तुझे न देख पड़े; क्योंकि मैं ने तुझे इस्राएल के घराने के लिये एक चिन्ह ठहराया है।

6. Lift them onto your shoulders with the people watching, and carry them out in the dark. Cover your face so you cannot see the ground, because I have made you a sign to the people of Israel.'

7. उस आज्ञा के अनुसार मैं ने वैसा ही किया। दिन को मैं ने अपना सामान बंधुआई के सामान की नाई निकाला, और सांझ को अपने हाथ से भीत को फोड़ा; फिर अन्धेरे में सामान को निकालकर, उनके देखते हुए अपने कंधे पर उठाए हुए चला गया।

7. I did these things as I was commanded. In the daytime I brought what I had packed as if I were being taken away captive. Then in the evening I dug through the wall with my hands. I brought my things out in the dark and carried them on my shoulders as the people watched.

8. बिहान को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

8. Then in the morning the Lord spoke his word to me, saying:

9. हे मनुष्य के सन्तान, क्या इस्राएल के घराने ने अर्थात् उस बलवा करनेवाले घराने ने तुझ से यह नहीं पूछा, कि यह तू क्या करता है?

9. 'Human, didn't Israel, who refuses to obey, ask you, 'What are you doing?'

10. तू उन से कह कि प्रभु यहोवा यों कहता है, यह प्रभावशाली वचन यरूशलेम के प्रधान पुरूष और इस्राएल के सारे घराने के विष्य में है जिसके बीच में वे रहते हैं।

10. Say to them, 'This is what the Lord God says: This message is about the king in Jerusalem and all the people of Israel who live there.'

11. तू उन से कह, मैं नुम्हारे लिये चिन्ह हूँ; जैसा मैं ने किया है, वैसा ही इस्रााएली लागों से भी किया जाएगा; उनको उठकर बंधुआई में जाना पड़ेगा।

11. Say, 'I am a sign to you.' 'The same things I have done will be done to the people in Jerusalem. They will be taken away from their country as captives.

12. उनके बीच में जो प्रधान है, सो अन्धेरे में अपने कंघे पर बोझ उठाए हुए निकलेगा; वह अपना सामान निकालने के लिये भीत को फोड़ेगा, और अपना मुंह ढांपे रहेगा कि उसको भूमि न देख पड़े।

12. The king among them will put his things on his shoulder in the dark and will leave. The people will dig a hole through the wall to bring him out. He will cover his face so he cannot see the ground.

13. और मैं उस पर अपना जाल फैलाऊंगा, और वह मेरे फंदे में फंसेगा; और मैं उसे कसदियों के देश के बाबुल में पहुंचा दूंगा; यद्यपि वह उस नगर में मर जाएगा, तौभी उसको न देखेगा।

13. But I will spread my net over him, and he will be caught in my trap. Then I will bring him to Babylon in the land of the Babylonians. He will not see that land, but he will die there.

14. और जितने उसके सहायक उसके आस पास होंगे, उनको और उसकी सारी टोलियों को मैं सब दिशाओं में तितर- बितर कर दूंगा; और तलवार खींचकर उनके पीछे चलवाऊंगा।

14. All who are around the king -- his helpers and all his army -- I will scatter in every direction, and I will chase them with a sword.

15. और जब मैं उन्हे जाति जाति में तितर- बितर कर दूंगा, और देश देश में छिन्न भीन्न कर दूंगा, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

15. 'They will know that I am the Lord when I scatter them among the nations and spread them among the countries.

16. परन्तु मैं उन में से थेड़े से लोगों को तलवार, भूख और मरी से बचा रखूंगा; और वे अपने घृणित काम उन जातियों में बखान करेंगे जिनके बीच में वे पहुंचेंगे; तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

16. But I will save a few of them from the sword and from hunger and disease. Then they can tell about their hateful actions among the nations where they go. Then they will know that I am the Lord.'

17. तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

17. The Lord spoke his word to me, saying:

18. हे मनुष्य के सन्तान, कांपते हुए अपनी रोटी खाना और थरथराते और चिन्ता करते हुए अपना पानी पीना;

18. Human, tremble as you eat your food, and shake with fear as you drink your water.

19. और इस देश के लोगों से यों कहना, कि प्रभु यहोवा यरूशलेम और इस्राएल के देश के निवासियों के विषय में यों कहता है, वे अपनी रोटी चिन्ता के साथ खाएंगे, और अपना पानी विस्मय के साथ पीएंगे; क्योंकि देश अपने सब रहनेवालों के उपद्रव के कारण अपनी सारी भरपूरी से रहित हो जाएगा।

19. Then say to the people of the land: 'This is what the Lord God says about the people who live in Jerusalem in the land of Israel: They will eat their food with fear and drink their water in shock, because their land will be stripped bare because of the violence of the people who live in it.

20. और बसे हुए नगर उजड़ जाएंगे, और देश भी उजाड़ हो जाएगा; तब तुम लोग जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।

20. The cities where people live will become ruins, and the land will become empty. Then you will know that I am the Lord.''

21. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

21. The Lord spoke his word to me, saying:

22. हे मनुष्य के सन्तान यह क्या कहावत है जो तुम लोग इस्राएल के देश में कहा करते हो, कि दिन अधिक हो गए हैं, और दर्शन की कोई बात पूरी नहीं हुई?

22. Human, what is this saying you have in the land of Israel: 'The days go by and every vision comes to nothing'?

23. इसलिये उन से कह, पभु यहोवा यों कहता है, मैं इस कहावत को बन्द करूंगा; और यह कहावत इस्राएल पर फिर न चलेगी। और तू उन से कह कि वह दिन निकट आ गया है, और दर्शन की सब बातें पूरी होने पर हैं।

23. So say to them, 'This is what the Lord God says: I will make them stop saying this, and nobody in Israel will use this saying anymore.' But tell them, 'The time is near when every vision will come true.

24. क्योंकि इस्राएल के घराने में न तो और अधिक झूठे दर्शन की कोई बात और न कोई चिकनी- चुपड़ी बात फिर कही जाएगी।

24. There will be no more false visions or pleasing prophecies inside the nation of Israel,

25. क्योंकि मैं यहोवा हूँ; जब मैं बोलूं, तब जो वचन मैं कहूं, वह पूरा हो जाएगा। उस में विलम्ब न होगा, परन्तु, हे बलवा करनेवाले घराने तुम्हारे ही दिनों में मैं वचन कहूंगा, और वह पूरा हो जाएगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

25. but I, the Lord, will speak. What I say will be done, and it will not be delayed. You refuse to obey, but in your time I will say the word and do it, says the Lord God.''

26. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

26. The Lord spoke his word to me, saying:

27. हे मनुष्य के सन्तान, देख, इस्राएल के घराने के लोग यह कह रहे हैं कि जो दर्शन वह देखता है, वह बहुत दिन के बाद पूरा होनेवाला है; और कि वह दूर के समय के विषय में भविष्यद्वाणी करता है।

27. Human, the people of Israel are saying, 'The vision that Ezekiel sees is for a time many years from now. He is prophesying about times far away.'

28. इसलिये तू उन से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, मेरे किसी बचन के पूरा होने में फिर विलम्ब न होगा, वरन जो वचन मैं कहूं, सो वह निश्चय पूरा होगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

28. So say to them: 'The Lord God says this: None of my words will be delayed anymore. What I have said will be done, says the Lord God.''



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