Jeremiah - यिर्मयाह 5 | View All

1. यरूशलेम की सड़कों में इधर उधर दौड़कर देखो ! उसके चौकों में ढूंढ़ो यदि कोई ऐसा मिल सके जो त्याय से काम करे और सच्चाई का खोजी हो; तो मैं उसका पाप क्षमा करूंगा।

1. The Lord says, 'Go up and down the streets of Jerusalem. Look around. Think about what you see. Search through the market places. See if you can find one honest person who tries to be truthful. If you can, I will forgive this city.

2. यद्यमि उसके निवासी यहोवा के जीवन की शपथ भी खाएं, तौभी निश्चय वे झूठी शपथ खाते हैं।

2. They take all of their oaths in my name. They say, 'You can be sure that the Lord is alive.' But their oaths can't be trusted.'

3. हे यहोवा, क्या तेरी दृष्टि सच्चाई पर नहीं है? तू ने उनको दु:ख दिया, परन्तु वे शोकित नहीं हुए; तू ने उनको नाश किया, परन्तु उन्हों ने ताड़ना से भी नहीं माना। उन्हों ने अपना मन चट्टान से भी अधिक कठोर किया है; उन्हों ने पश्चात्ताप करने से इनकार किया है।

3. Lord, don't your eyes look for truth? You struck your people down. But they didn't feel any pain. You crushed them. But they refused to be corrected. They made their faces harder than stone. They refused to turn away from their sins.

4. फिर मैं ने सोचा, ये लोग तो कड़गाल और अबोध ही हैं; क्योंकि ये यहोवा का मार्ग और अपने परमेश्वर का नियम नहीं जानते।

4. I thought, 'The people of Jerusalem are foolish. They don't know how the Lord wants them to live. They don't know what their God requires of them.

5. इसलिये मैं बड़े लोगों के पास जाकर उनको सुनाऊंगा; क्योंकि वे तो यहोवा का मार्ग और अपने परमेश्वर का नियम जानते हैं। परन्तु उन सभों ने मिलकर जूए को तोड़ दिया है और बन्धनों को खोल डाला है।

5. So I will go to the leaders. I'll speak to them. They should know how the Lord wants them to live. They must know what their God requires of them.' But all of them had broken off the yoke the Lord had put on them. They had torn off the ropes he had tied them up with.

6. इस कारण वन में से एक सिंह आकर उनहें मार डालेगा, निर्जल देश का एक भेड़िया उनको नाश करेगा। और एक चीता उनके नगरों के पास घात लगाए रहेगा, और जो कोई उन में से निकले वह फाडा जाएगा; क्योंकि उनके अपराध बहुत बढ़ गए हैं और वे मुझ से बहुत ही दूर हट गए हैं।

6. So a lion from the forest will attack them. A wolf from the desert will destroy them. A leopard will hide and wait near their towns. It will tear to pieces anyone who dares to go out. Again and again they have refused to obey the Lord. They have turned away from him many times.

7. मैं क्योंकर तेरा पाप क्षमा करूं? तेरे लड़कों ने मुझ को छोड़कर उनकी शपथ खाई है जो परमेश्वर नहीं है। जब मैं ने उनका पेट भर दिया, तब उन्हों ने व्यभिचार किया और वेश्याओं के घरों में भीड़ की भीड़ जाते थे।

7. The Lord says, 'Jerusalem, why should I forgive you? Your people have deserted me. They have taken their oaths in the names of gods that are not really gods at all. I supplied everything they needed. But they committed adultery. Large crowds went to the houses of prostitutes.

8. वे खिलाए- पिलाए बे- लगाम घेड़ों के समान हो गए, वे अपने अपने पड़ोसी की स्त्री पर हिनहिनाने लगे।

8. Your people are like stallions that have plenty to eat. Their sinful longings are out of control. Each of them goes after another man's wife.

9. क्या मैं ऐसे कामों का उन्हें दण्ड न दूं? यहोवा की यह वाणी है; क्या मैं ऐसी जाति से अपना पलटा न लूं?

9. Shouldn't I punish them for that?' announces the Lord. 'Shouldn't I pay back the nation that does those things?

10. शहरपनाह पर चढ़के उसका नाश तो करो, तौभी उसका अन्त मत कर डालो; उसकी जड़ रहने दो परन्तु उसकी डालियों को तोड़कर फेंक दो, क्योंकि वे यहोवा की नहीं हैं।

10. 'Armies of Babylonia, go through their vineyards and destroy them. But do not destroy them completely. Strip off their branches. Those people do not belong to me.

11. यहोवा की यह वाणी है कि इस्राएल और यहूदा के घरानों ने मुझ से बड़ा विश्वासघात किया है।

11. The people of Israel and Judah have not been faithful to me at all,' announces the Lord.

12. उन्हों ने यहोवा की बातें झुठलाकर कहा, वह ऐसा नहीं है; विपत्ति हम पर न पड़ेगी, न हम तलवार को और न महंगी को देखेंगे।

12. They have told lies about the Lord. They said, 'He won't do anything! No harm will come to us. We will never see war or be hungry.

13. भविष्यद्वक्ता हवा हो जाएंगे; उन में ईश्वर का वचन नहीं है। उनके साथ ऐसा ही किया जाएगा !

13. The prophets are nothing but wind. Their message doesn't come from the Lord. So let what they say will happen be done to them.'

14. इस कारण सेनाओं का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, ये लोग जो ऐसा कहते हैं, इसलिये देख, मैं अपना वचन तेरे मुंह में आग, और इस प्रजा को काठ बनाऊंगा, और वह उनको भस्म करेगी।
प्रकाशितवाक्य 11:5

14. The Lord God rules over all. He says to me, 'The people have spoken those words. So my words will be like fire in your mouth. I will make the people like wood. And the fire will burn them up.'

15. यहोवा की यह वाणी है, हे इस्राएल के घराने, देख, मैं तुम्हारे विरूद्ध दूर से ऐसी जाति को चढ़ा लाऊंगा जो सामथ और प्राचीन है, उसकी भाषा तुम न समझोगे, और न यह जानोगे कि वे लोग क्या कह रहे हैं।

15. 'People of Israel, listen to me,' announces the Lord. 'I am bringing against you a nation from far away. It is an old nation. And it will last for a long time. Its people speak a language you do not know. You can't understand what they are saying.

16. उनका तर्कश खुली क़ब्र है और वे सब के सब शूरवीर हैं।

16. The bags they carry their arrows in are like an open grave. All of their soldiers are mighty.

17. तुम्हारे पक्के खेत और भोजनवस्तुएं जो तुम्हारे बेटे- बेटियों के खाने के लिये हैं उन्हें वे खा जाएंगे। वे तुम्हारी भ्ेाड़- बकरियों और गाय- बैलों को खा डालेंगे; वे तुम्हारी दाखों और अंजीरों को खा जाएंगे; और जिन गढ़वाले नगरों पर तुम भरोसा रखते हो उन्हें वे तलवार के बल से नाश कर देंगे।

17. They will eat up your crops and your food. They will strike down your sons and daughters. They will kill your sheep and cattle. They will destroy your vines and fig trees. You trust in your cities that have high walls around them. But the people in them will be killed with swords.

18. तौभी, यहोवा की यह वाणी है, उन दिनों में भी मैं तुम्हारा अन्त न कर डालूंगा।

18. 'In spite of that, even in those days I will not destroy you completely,' announces the Lord.

19. और जब तुम पूछोगे कि हमारे परमेश्वर यहोवा ने हम से ये सब काम किस लिये किए हैं, तब तुम उन से कहना, जिस प्रकार से तुम ने मुझ को त्यागकर अपने देश में दूसरे देवताओं की सेवा की है, उसी प्रकार से तुम को पराये देश में परदेशियों की सेवा करनी पड़ेगी।

19. ' 'Jeremiah,' the people will ask, 'Why has the Lord our God done all of this to us?' 'Then you will tell them, 'You have deserted the Lord. You have served other gods in your own land. So now you will serve another nation in a land that is not your own.'

20. याकूब के घराने में यह प्रचार करो, और यहूदा में यह सुनाओे

20. 'Here is what I want you to announce to the people of Jacob. Tell it in Judah. Tell them I say,

21. हे मूर्ख और निर्बुध्दि लोगो, तुम जो आंखें रहते हुए नहीं देखते, जो कान रहते हुए नहीं सुनते, यह सुनो।
मरकुस 8:18

21. 'Listen to this, you foolish people, who do not have any sense. You have eyes, but you do not see. You have ears, but you do not hear.

22. यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं थरथराते? मैं ने बालू को समुद्र का सिवाना ठहराकर युग युग का ऐसा बान्ध ठहराया कि वह उसे लांध न सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तौभी वे प्रबल न हो सकें, या जब वे गरजें तौभी उसको न लांध सकें।

22. Shouldn't you have respect for me?' announces the Lord. 'Shouldn't you tremble with fear in front of me? I made the sand to hold the ocean back. It will do that forever. The ocean can't go past it. The waves might roll, but they can't sweep over it. They might roar, but they can't go across it.

23. पर इस प्रजा का हठीला और बलवा करनेवाला मन है; इन्हों ने बलवा किया और दूर हो गए हैं।

23. But you people have stubborn hearts. You refuse to obey me. You have turned away from me. You have gone down the wrong path.

24. वे मन में इतना भी नहीं सोचते कि हमारा परमेश्वर यहोवा तो बरसात के आरम्भ और अन्त दोनों समयों का जल समय पर बरसाता है, और कटनी के नियत सप्ताहों को हमारे लिये रखता है, इसलिये हम उसका भय मानें।
प्रेरितों के काम 14:17, याकूब 5:7

24. You do not say to yourselves, 'Let us have respect for the Lord our God. He sends rain in the fall and the spring. He promises us that the harvest will come at the same time each year.'

25. परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ही के कारण वे रूक गए, और तुम्हारे पापों ही के कारण तुम्हारी भलाई नहीं होती।

25. But the things you have done wrong have robbed you of those gifts. Your sins have kept those good things far away from you.'

26. मेरी प्रजा में दुष्ट लोग पाए जाते हैं; जैसे चिड़ीमार ताक में रहते हैं, वैसे ही वे भी घात लगाए रहते हैं। वे फन्दा लगाकर मनुष्यों को अपने वश में कर लेते हैं।

26. 'Jeremiah, some of my people are evil. They hide and wait just as people hide to catch birds. They set traps for men.

27. जैसा पिंजड़ा चिड़ियों से भरा हो, वैसे ही उनके घर छल से भरे रहते हैं; इसी प्रकार वे बढ़ गए और धनी हो गए हैं।

27. A hunter uses tricks to fill his cage with birds. And my people have filled their houses with a lot of goods. They have become rich and powerful.

28. वे मोटे और चिकने हो गए हैं। बुरे कामों में वे सीमा को लांध गए हैं; वे न्याय, विशेष करके अनाथों का न्याय नहीं चुकाते; इस से उनका काम सफल नहीं होता : वे कंगालों का हक़ भी नहीं दिलाते।

28. They have grown fat and heavy. There is no limit to the evil things they do. In court they do not state the case of children whose fathers have died. They do not stand up for poor people.

29. इसलिये, यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं इन बातों का दण्ड न दूं? क्या मैं ऐसी जाति से पलटा न लूं?

29. Shouldn't I punish them for that?' announces the Lord. 'Shouldn't I pay back the nation that does those things?

30. देश में ऐसा काम होता है जिस से चकित और रोमांचित होना चाहिये।

30. 'Something horrible and shocking has happened in the land.

31. भचिष्यद्वक्ता झूठमूठ भविष्यद्वाणी करते हैं; और याजक उनके सहारे से प्रभुता करते हैं; मेरी प्रजा को यह भाता भी है, परन्तु अन्त के समय तुम क्या करोगे?

31. The prophets prophesy lies. The priests rule by their own authority. And my people love it that way. But what will they do in the end?'



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