Isaiah - यशायाह 23 | View All

1. सोर के विषय भारी वचन। हे तर्शीश के जहाजों हाय, हाय, करो; क्योंकि वह उजड़ गया; वहां न तो कोई घर और न कोई शरण का स्थान है! यह बात उनको कित्तियों के देश में से प्रगट की गई है।
मत्ती 11:21-22

1. The Burden of Tyre. Howl, ye ships of Tarshish, For it hath been destroyed, Without house, without entrance, From the land of Chittim it was revealed to them.

2. हे समुद्र के तीर के रहनेवालों, जिनको समुद्र के पार जानेवाले सीदोनी व्यापारियों ने धन से भर दिया है, चुप रहो!

2. Be silent, ye inhabitants of the isle, Trader of Zidon, passing the sea, they filled thee.

3. शीहोर का अन्न, और नील नदी के पास की उपज महासागर के मार्ग से उसको मिनती थी, क्योंकि वह और जातियों के लिये व्योपार का स्थान था।

3. And in many waters [is] the seed of Sihor, The harvest of the brook [is] her increase, And she is a mart of nations.

4. हे सीदोन, लज्जित हो, क्योंकि समुद्र ने अर्थात् समुद्र के दृढ़ सिाान ने यह कहा है, मैं ने न तो कभी जन्माने की पीड़ा जानी और न बालक को जन्म दिया, और न बेटों को पाला और न बेटियों को पोसा है।

4. Be ashamed, O Zidon; for the sea spake, The strength of the sea, saying: 'I have not been pained, nor have I brought forth, Nor have I nourished young men, [nor] brought up virgins.'

5. जब सोर का समाचार मि में पहुंचे, तब वे सुनकर संकट में पड़ेंगे।

5. As [at] the report of Egypt they are pained, So [at] the report of Tyre.

6. हे समुद्र के तीर के रहनेवालों हाय, हाय, करो! पार होकर तर्शीश को जाओ।

6. Pass over to Tarshish, howl, ye inhabitants of the isle,

7. क्या यह तुम्हारी प्रसन्नता से भरी हुई नगरी है जो प्राचीनकाल से बसी थी, जिसके पांव उसे बसने को दूर ले जाते थे?

7. Is this your exulting one? From the days of old [is] her antiquity, Carry her do her own feet afar off to sojourn.

8. सोर जो राजाओं की गद्दी पर बैठाती थी, जिसके व्योपारी हाकिम थे, और जिसके महाजन पृथ्वी भर में प्रतिष्ठित थे, उसके विरूद्ध किस ने ऐसी युक्ति की है?
प्रकाशितवाक्य 18:23

8. Who hath counselled this against Tyre, The crowning one, whose traders [are] princes, Her merchants the honoured of earth?'

9. सेनाओं के यहोवा ही ने ऐसी युक्ति की है कि समस्त गौरव के घमण्ड को तुच्छ कर दे और पृथ्वी के प्रतिष्ठितों का अपमान करवाए।

9. Jehovah of Hosts hath counselled it, To pollute the excellency of all beauty, To make light all the honoured of earth.

10. हे तर्शीश के निवासियों नील नदी की नाई अपने देश में फैल जाओ; अब कुछ बन्धन नहीं रहा।

10. Pass through thy land as a brook, Daughter of Tarshish, there is no more a girdle.

11. उस ने अपना हाथ समुद्र पर बढ़ाकर राज्यों को हिला दिया है; यहोवा ने कनान के दृढ़ किलों के नाश करने की आज्ञा दी है।

11. His hand He hath stretched out over the sea, He hath caused kingdoms to tremble, Jehovah hath charged concerning the merchant one, To destroy her strong places.

12. और उस ने कहा है, हे सीदोन, हे भ्रष्ट की हुई कुमारी, तू फिर प्रसन्न होने की नहीं; उठ, पार होकर कित्तियों के पास जा, परन्तु वहां भी तुझे चैन न मिलेगा।।

12. And He saith, 'Thou dost not add any more to exult, O oppressed one, virgin daughter of Zidon, To Chittim arise, pass over, Even there -- there is no rest for thee.'

13. कसदियों के देश को देखो, वह जाति अब न रही; अश्शूर ने उस देश को जंगली जन्तुओं का स्थान बनाया। उन्हों ने अपने गुम्मट उठाए और राजभवनों को ढ़ा दिया, और उसको खण्डहर कर दिया।

13. Lo, the land of the Chaldeans -- this people was not, Asshur founded it for the Ziim, They raised its watch-towers, They lifted up her palaces, -- He hath appointed her for a ruin!

14. हे तर्शीश के जहाजों, हाय, हाय, करो, क्योंकि तुम्हारा दृढ़स्थान उजड़ गया है।

14. Howl, ye ships of Tarshish, For your strength hath been destroyed.

15. उस समय एक राजा के दिनों के अनुसार सत्तर वर्ष के बीतने पर सोर वेश्या की नाईं गीत गाने लगेगा।

15. And it hath come to pass, in that day, That forgotten is Tyre seventy years, According to the days of one king. At the end of seventy years there is to Tyre as the song of the harlot.

16. हे बिसरी हुई वेश्या, वीणा लेकर नगर में घूम, भली भांति बजा, बहुत गीत गा, जिस से लोग फिर तुझे याद करें।

16. Take a harp, go round the city, O forgotten harlot, play well, Multiply song that thou mayest be remembered.

17. सत्तर वर्ष के बीतने पर यहोवा सोर की सुधि लेगा, और वह फिर छिनाले की कमाई पर मन लगाकर धरती भर के सब राज्यों के संग छिनाला करेंगी।
प्रकाशितवाक्य 17:2, प्रकाशितवाक्य 18:4

17. And it hath come to pass, At the end of seventy years Jehovah inspecteth Tyre, And she hath repented of her gift, That she committed fornication With all kingdoms of the earth on the face of the ground.

18. उसके व्योपार की प्राप्ति, और उसके छिनाले की कमाई, यहोवा के लिये पवित्रा कि जाएगी; वह न भण्डार में रखी जाएगी न संचय की जाएगी, क्योंकि उसके व्योपार की प्राप्ति उन्हीं के काम में आएगी जो यहोवा के साम्हने रहा करेंगे, कि उनको भरपूर भोजन और चमकीला वस्त्रा मिले।।

18. And her merchandise and her gift have been holy to Jehovah, Not treasured up nor stored, For to those sitting before Jehovah is her merchandise, To eat to satiety, and for a lasting covering!



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