6. मुझे इसलिये न घूर कि मैं साँवली हूं, क्योंकि मैं धूप से झुलस गई। मेरी माता के पुत्रा मुझ से अप्रसन्न थे, उन्हों ने मुझ को दाख की बारियों की रखवालिन बनाया; परन्तु मैं ने अपनी निज दाख की बारी की रखवाली नहीं की!
6. (1:5) Marueyle not at me that I am so blacke, for why? the sunne hath shined vpon me: my mothers chyldren haue euyll wyll at me, they made me the keper of the vineyardes, but mine owne vineyarde haue I not kept.