Proverbs - नीतिवचन 7 | View All

1. हे मेरे पुत्रा, मेरी बातों को माना कर, और मेरी आज्ञाओं को अपने मन में रख छोड़।

1. My son, keep my words, and lay up my commandments with thee.

2. मेरी आज्ञाओं को मान, इस से तू जीवित रहेगा, और मेरी शिक्षा को अपनी आंख की पुतली जान;

2. Keep my commandments, and live; and my teaching, as the apple of thine eye.

3. उनको अपनी उंगलियों में बान्ध, और अपने हृदय की पटिया पर लिख ले।
2 कुरिन्थियों 3:3

3. Bind them upon thy fingers, write them upon the tablet of thy heart.

4. बुद्धि से कह कि, तू मेरी बहिन है, और समझ को अपनी साथिन बना;

4. Say unto wisdom, Thou art my sister, and call intelligence [thy] kinswoman:

5. तब तू पराई स्त्री से बचेगा, जो चिकनी चुपड़ी बातें बोलती है।।

5. that they may keep thee from the strange woman, from the stranger who flattereth with her words.

6. मैं ने एक दिन अपने घर की खिड़की से, अर्थात् अपने झरोखे से झांका,

6. For at the window of my house, I looked forth through my lattice,

7. तब मैं ने भोले लोगों में से एक निर्बुद्धि जवान को देखा;

7. and I beheld among the simple ones, I discerned among the sons, a young man void of understanding,

8. वह उस स्त्री के घर के कोने के पास की सड़क पर चला जाता था, और उस ने उसके घर का मार्ग लिया।

8. passing through the street near her corner; and he went the way to her house,

9. उस समय दिन ढल गया, और संध्याकाल आ गया था, वरन रात का घोर अन्धकार छा गया था।

9. in the twilight, in the evening of the day, in the blackness of night and the darkness.

10. और उस से एक स्त्री मिली, जिस का भेष वेश्या का सा था, और वह बड़ी धूर्त थी।

10. And behold, there met him a woman in the attire of a harlot, and subtle of heart.

11. वह शान्तिरहित और चंचल थी, और अपने घर में न ठहरती थी;

11. She is clamorous and unmanageable; her feet abide not in her house:

12. कभी वह सड़क में, कभी चौक में पाई जाती थी, और एक एक कोने पर वह बाट जोहती थी।

12. now without, now in the broadways, -- and she lieth in wait at every corner.

13. तब उस ने उस जवान को पकड़कर चूमा, और निर्लज्जता की चेष्टा करके उस से कहा,

13. And she caught him and kissed him, and with an impudent face said unto him,

14. मुझे मेलबलि चढ़ाने थे, और मैं ने अपनी मन्नते आज ही पूरी की हैं;

14. I have peace-offerings with me; this day have I paid my vows:

15. इसी कारण मैं तुझ से भेंट करने को निकली, मैं तेरे दर्शन की खोजी थी, सो अभी पाया है।

15. therefore came I forth to meet thee, to seek earnestly thy face, and I have found thee.

16. मैं ने अपने पलंग के बिछौने पर मि के बेलबूटेवाले कपड़े बिछाए हैं;

16. I have decked my bed with tapestry coverlets of variegated linen from Egypt;

17. मैं ने अपने बिछौने पर गन्घरस, अगर और दालचीनी छिड़की है।

17. I have perfumed my couch with myrrh, aloes, and cinnamon.

18. इसलिये अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें।

18. Come, let us revel in love until the morning, let us delight ourselves with loves.

19. क्योंकि मेरा पति घर में नहीं है; वह दूर देश को चला गया है;

19. For the husband is not at home, he is gone a long journey;

20. वह चान्दी की थैली ले गया है; और पूर्णमासी को लौट आएगा।।

20. he hath taken the money-bag with him, he will come home on the day of the full moon.

21. ऐसी ही बातें कह कहकर, उस ने उसको अपनी प्रबल माया में फंसा लिया; और अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से उसको अपने वश में कर लिया।

21. With her much enticement she beguiled him; with the smoothness of her lips she constrained him.

22. वह तुरन्त उसके पीछे हो लिया, और बैल कसाई- खाने को, वा जैासे बेड़ी पहिने हुए कोई मूढ़ ताड़ना पाने को जाता है।

22. He went after her straightway, as an ox goeth to the slaughter, and as stocks [serve] for the correction of the fool;

23. अन्त में उस जवान का कलेजा तीर से बेधा जाएगा; वह उस चिड़िया के समान है जो फन्दे की ओर वेग से उड़े और न जानती हो कि उस में मेरे प्राण जाएंगे।।

23. till an arrow strike through his liver: as a bird hasteth to the snare, and knoweth not that it is for its life.

24. अब हे मेरे पुत्रों, मेरी सुनो, और मेरी बातों पर मन लगाओ।

24. And now, ye sons, hearken unto me, and attend to the words of my mouth.

25. तेरा मन ऐसी स्त्री के मार्ग की ओर न फिरे, और उसकी डगरों में भूल कर न जाना;

25. Let not thy heart decline to her ways, go not astray in her paths:

26. क्योंकि बहुत लोग उस से मारे पड़े हैं; उसके घात किए हुओं की एक बड़ी संख्या होगी।

26. for she hath cast down many wounded, and all slain by her were strong.

27. उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुंचाता है।।

27. Her house is the way to Sheol, going down to the chambers of death.



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