Exodus - निर्गमन 39 | View All

1. फिर उन्हों ने नीले, बैंजनी और लाल रंग के काढ़े हुए कपड़े पवित्रा स्थान की सेवकाई के लिये, और हारून के लिये भी पवित्रा वस्त्रा बनाए; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।।

1. With the blue, purple, and red wool they made the magnificent garments which the priests were to wear when they served in the Holy Place. They made the priestly garments for Aaron, as the LORD had commanded Moses.

2. और उस ने एपोद को सोने, और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का और सूक्ष्म बटी हुई सनी के कपड़े का बनाया।

2. They made the ephod of fine linen; blue, purple, and red wool; and gold thread.

3. और उन्हों ने सोना पीट- पीटकर उसके पत्तर बनाए, फिर पत्तरों को काट- काटकर तार बनाए, और तारों को नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े में, और सूक्ष्म सनी के कपड़े में कढ़ाई की बनावट से मिला दिया।

3. They hammered out sheets of gold and cut them into thin strips to be worked into the fine linen and into the blue, purple, and red wool.

4. एपोद के जोड़ने को उन्हों ने उसके कन्धों पर के बन्धन बनाए, वह तो अपने दोनों सिरों से जोड़ा गया।

4. They made two shoulder straps for the ephod and attached them to its sides, so that it could be fastened.

5. और उसके कसने के लिये जो काढ़ा हुआ पटुका उस पर बना, वह उसके साथ बिना जोड़ का, और उसी की बनावट के अनुसार, अर्थात् सोने और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का, और सूक्ष्म बटी हुई सनी के कपड़े का बना; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।।

5. The finely woven belt, made of the same materials, was attached to the ephod so as to form one piece with it, as the LORD had commanded Moses.

6. और उन्हों ने सुलैमानी मणि काटकर उनमें इस्त्राएल के पुत्रों के नाम जैसा छापा खोदा जाता है वैसे ही खोदे, और सोने के खानों में जड़ दिए।

6. They prepared the carnelians and mounted them in gold settings; they were skillfully engraved with the names of the twelve sons of Jacob.

7. और उस ने उनको एपोद के कन्धे के बन्धनों पर लगाया, जिस से इस्त्राएलियों के लिये स्मरण कराने वाले मणि ठहरें; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।।

7. They put them on the shoulder straps of the ephod to represent the twelve tribes of Israel, just as the LORD had commanded Moses.

8. और उस ने चपरास को एपोद की नाई सोने की, और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े की, और सूक्ष्म बटी हुई सनी के कपड़े में बेल बूटे का काम किया हुआ बनाया।

8. They made the breastpiece of the same materials as the ephod and with similar embroidery.

9. चपरास तो चौकोर बनी; और उन्हो ने उसको दोहरा बनाया, और वह दोहरा होकर एक बित्ता लम्बा और एक बित्ता चौड़ा बना।

9. It was square and folded double, 9 inches long and 9 inches wide.

10. और उन्हों ने उस में चार पांति मणि जड़े। पहिली पांति में तो माणिक्य, पद्य्मराग, और लालड़ी जडे गए;

10. They mounted four rows of precious stones on it: in the first row they mounted a ruby, a topaz, and a garnet;

11. और दूसरी पांति में मरकत, नीलमणि, और हीरा,

11. in the second row, an emerald, a sapphire, and a diamond;

12. और तीसरी पांति में लशम, सूर्यकान्त, और नीलम;

12. in the third row, a turquoise, an agate, and an amethyst;

13. और चौथी पांति में फीरोजा, सुलैमानी मणि, और यशब जड़े; ये सब अलग अलग सोने के खानों में जड़े गए।

13. and in the fourth row, a beryl, a carnelian, and a jasper. These were mounted in gold settings.

14. और ये मणि इस्त्राएल के पुत्रों के नाम की गिनती के अनुसार बारह थे; बारहों गोत्रों में से एक एक का नाम जैसा छापा खोदा जाता है वैसा ही खोदा गया।

14. Each of the twelve stones had engraved on it the name of one of the sons of Jacob, in order to represent the twelve tribes of Israel.

15. और उन्हों ने चपरास पर डोरियों की नाई गूंथे हुए चोखे सोने की जंजीर बनाकर लगाई;

15. For the breastpiece they made chains of pure gold, twisted like cords.

16. फिर उन्हों ने सोने के दो खाने, और सोने की दो कड़ियां बनाकर दोनों कड़ियों को चपरास के दोनों सिरों पर लगाया;

16. They made two gold settings and two gold rings and attached the two rings to the upper corners of the breastpiece.

17. तब उन्हों ने सोने की दोनों गूंथी हुई जंजीरो को चपरास के सिरों पर की दोनों कड़ियों में लगाया।

17. They fastened the two gold cords to the two rings

18. और गूंथी हुई दोनों जंजीरों के दोनों बाकी सिरों को उन्हों ने दोनों खानों में जड़के, एपोद के साम्हने दोनों कन्धों के बन्धनों पर लगाया।

18. and fastened the other two ends of the cords to the two settings and in this way attached them in front to the shoulder straps of the ephod.

19. और उन्हों ने सोने की और दो कड़ियां बनाकर चपरास के दोनों सिरों पर उसकी उस कोर पर, जो एपोद की भीतरी भाग में थी, लगाईं।

19. They made two rings of gold and attached them to the lower corners of the breastpiece, on the inside edge next to the ephod.

20. और उन्हों ने सोने की दो और कड़ियां भी बनाकर एपोद के दोनों कन्धों के बन्धनों पर नीचे से उसके साम्हने, और जोड़ के पास, एपोद के काढ़े हुए पटुके के ऊपर लगाईं।

20. They made two more gold rings and attached them to the lower part of the front of the two shoulder straps of the ephod, near the seam and above the finely woven belt.

21. तब उन्हों ने चपरास को उसकी कड़ियों के द्वारा एपोद की कड़ियों में नीले फीते से ऐसा बान्धा, कि वह एपोद के काढ़े हुए पटुके के ऊपर रहे, और चपरास एपोद से अलग न होने पाए; जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।।

21. Just as the LORD had commanded Moses, they tied the rings of the breastpiece to the rings of the ephod with a blue cord, so that the breastpiece rested above the belt and did not come loose.

22. फिर एपोद का बागा सम्पूर्ण नीले रंग का बनाया गया।

22. The robe that goes under the ephod was made entirely of blue wool.

23. और उसकी बनावट ऐसी हुई कि उसके बीच बखतर के छेद के समान एक छेद बना, और छेद के चारों ओर एक कोर बनी, कि वह फटने न पाए।

23. The hole for the head was reinforced with a woven binding to keep it from tearing.

24. और उन्हों ने उसके नीचेवाले घेरे में नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े के अनार बनाए।

24. All around its lower hem they put pomegranates of fine linen and of blue, purple, and red wool, alternating with bells of pure gold, just as the LORD had commanded Moses.

25. और उन्हों ने चोखे सोने की घंटियां भी बनाकर बागे के नीचे वाले घेरे के चारों ओर अनारों के बीचों बीच लगाईं;

25. (SEE 39:24)

26. अर्थात् बागे के नीचेवाले घेरे की चारों ओर एक सोने की घंटी, और एक अनार लगाया गया कि उन्हें पहिने हुए सेवा टहल करें; जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।।

26. (SEE 39:24)

27. फिर उन्हों ने हारून, और उसके पुत्रों के लिये बुनी हुई सूक्ष्म सनी के कपड़े के अंगरखे,

27. They made the shirts for Aaron and his sons,

28. और सूक्ष्म सनी के कपड़े की पगड़ी, और सूक्ष्म सनी के कपड़े की सुन्दर टोपियां, और सूक्ष्म बटी हुई सनी के कपड़े की जांघिया,

28. and the turban, the caps, the linen shorts,

29. और सूक्ष्म बटी हुई सनी के कपड़े की और नीले, बैंजनी और लाल रंग की कारचोबी काम की हुई पगड़ी; इन सभों को जिस तरह यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी वैसा ही बनाया।।

29. and the sash of fine linen and of blue, purple, and red wool, decorated with embroidery, as the LORD had commanded Moses.

30. फिर उन्हों ने पवित्रा मुकुट की पटरी चोखे सोने की बनाई; और जैसे छापे में वैसे ही उस में ये अक्षर खोदे गए, अर्थात् यहोवा के लिये पवित्रा।

30. They made the ornament, the sacred sign of dedication, out of pure gold, and they engraved on it 'Dedicated to the LORD.'

31. और उन्हों ने उस में नीला फीता लगाया, जिस से वह ऊपर पगड़ी पर रहे, जिस तरह यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।।

31. They tied it to the front of the turban with a blue cord, just as the LORD had commanded Moses.

32. इस प्रकार मिलापवाले तम्बू के निवास का सब काम समाप्त हुआ, और जिस जिस काम की आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी, इस्त्राएलियों ने उसी के अनुसार किया।।

32. All the work on the Tent of the LORD's presence was finally completed. The Israelites made everything just as the LORD had commanded Moses.

33. तब वे निवास को मूसा के पास ले आए, अर्थात् घंुडियां, तख्ते, बेंड़े, खम्भे, कुर्सियां आदि सारे सामान समेत तम्बू;

33. They brought to Moses the Tent and all its equipment, its hooks, its frames, its crossbars, its posts, and its bases;

34. और लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालों का ओढ़ना, और सूइसों की खालों का ओढ़ना, और बीच का पर्दा;

34. the covering of rams' skin dyed red; the covering of fine leather; the curtain;

35. डण्डों सहित साक्षीपत्रा का सन्दूक, और प्रायश्चित्त का ढकना;

35. the Covenant Box containing the stone tablets, its poles, and its lid;

36. सारे सामान समेत मेज़, और भेंट की रोटी;

36. the table and all its equipment, and the bread offered to God;

37. सारे सामान सहित दीवट, और उसकी सजावट के दीपक और उजियाला देने के लिये तेल;

37. the lampstand of pure gold, its lamps, all its equipment, and the oil for the lamps;

38. सोने की वेदी, और अभिषेक का तेल, और सुगन्धित धूप, और तम्बू के द्वार का पर्दा;

38. the gold altar; the anointing oil; the sweet-smelling incense; the curtain for the entrance of the Tent;

39. पीतल की झंझरी, डण्डों, और सारे सामान समेत पीतल की वेदी; और पाए समेत हौदी;

39. the bronze altar with its bronze grating, its poles, and all its equipment; the washbasin and its base;

40. खम्भों, और कुर्सियों समेत आंगन के पर्दे, और आंगन के द्वार का पर्दा, और डोरियां, और खूंटे, और मिलापवाले तम्बू के निवास की सेवकाई का सारा सामान;

40. the curtains for the enclosure and its posts and bases; the curtain for the entrance of the enclosure and its ropes; the Tent pegs; all the equipment to be used in the Tent;

41. पवित्रास्थान में सेवा टहल करने के लिये बेल बूटा काढ़े हुए वस्त्रा, और हारून याजक के पवित्रा वस्त्रा, और उसके पुत्रों के वस्त्रा जिन्हें पहिनकर उन्हें याजक का काम करना था।

41. and the magnificent garments the priests were to wear in the Holy Place---the sacred clothes for Aaron the priest and for his sons.

42. अर्थात् जो जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थीं उन्हीं के अनुसार इस्त्राएलियों ने सब काम किया।

42. The Israelites had done all the work just as the LORD had commanded Moses.

43. तब मूसा ने सारे काम का निरीक्षण करके देखा, कि उन्हों ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार सब कुछ किया है। और मूसा ने उनको आशीर्वाद दिया।।

43. Moses examined everything and saw that they had made it all just as the LORD had commanded. So Moses blessed them.



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