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1. इस्त्राएलियों को मि देश से निकले हुए जिस दिन तीन महीने बीत चुके, उसी दिन वे सीनै के जंगल में आए।प्रेरितों के काम 7:38
1. On the third new moon after the people of Israel had gone forth out of the land of Egypt, on that day they came into the wilderness of Sinai.
2. और जब वे रपीदीम से कूच करके सीनै के जंगल में आए, तब उन्हों ने जंगल में डेरे खड़े किए; और वहीं पर्वत के आगे इस्त्राएलियों ने छावनी डाली।
2. And when they set out from Rephidim and came into the wilderness of Sinai, they encamped in the wilderness; and there Israel encamped before the mountain.
3. तब मूसा पर्वत पर परमेश्वर के पास चढ़ गया, और यहोवा ने पर्वत पर से उसको पुकारकर कहा, याकूब के घराने से ऐसा कह, और इस्त्राएलियों को मेरा यह वचन सुना,
3. And Moses went up to God, and the LORD called to him out of the mountain, saying, 'Thus you shall say to the house of Jacob, and tell the people of Israel:
4. कि तुम ने देखा है कि मै ने मिस्त्रियों से क्या क्या किया; तुम को मानो उकाब पक्षी के पंखों पर चढ़ाकर अपने पास ले आया हूं।
4. You have seen what I did to the Egyptians, and how I bore you on eagles' wings and brought you to myself.
5. इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे; समस्त पृथ्वी तो मेरी है।तीतुस 2:14, 1 पतरस 2:9
5. Now therefore, if you will obey my voice and keep my covenant, you shall be my own possession among all peoples; for all the earth is mine,
6. और तुम मेरी दृष्टि में याजकों का राज्य और पवित्रा जाति ठहरोगे। जो बातें तुझे इस्त्राएलियों से कहनी हैं वे ये ही है।1 पतरस 2:5-9, प्रकाशितवाक्य 1:6, प्रकाशितवाक्य 5:10, प्रकाशितवाक्य 20:6
6. and you shall be to me a kingdom of priests and a holy nation. These are the words which you shall speak to the children of Israel.'
7. तब मूसा ने आकर लोगों के पुरनियों को बुलवाया, और ये सब बातें, जिनके कहने की आज्ञा यहोवा ने उसे दी थी, उनको समझा दीं।
7. So Moses came and called the elders of the people, and set before them all these words which the LORD had commanded him.
8. और सब लोग मिलकर बोल उठे, जो कुछ यहोवा ने कहा है वह सब हम नित करेंगे। लोगों की यह बातें मूसा ने यहोवा को सुनाईं।
8. And all the people answered together and said, 'All that the LORD has spoken we will do.' And Moses reported the words of the people to the LORD.
9. तब यहोवा ने मूसा से कहा, सुन, मैं बादल के अंधियारे में होकर तेरे पास आता हूं, इसलिये कि जब मैं तुझ से बातें करूं तब वे लोग सुनें, और सदा तेरी प्रतीति करें। और मूसा ने यहोवा से लोगों की बातों का वर्णन किया।
9. And the LORD said to Moses, 'Lo, I am coming to you in a thick cloud, that the people may hear when I speak with you, and may also believe you for ever.' Then Moses told the words of the people to the LORD.
10. तब यहोवा ने मूसा से कहा, लोगों के पास जा और उन्हें आज और कल पवित्रा करना, और वे अपने वस्त्रा धो लें,
10. And the LORD said to Moses, 'Go to the people and consecrate them today and tomorrow, and let them wash their garments,
11. और वे तीसरे दिन तक तैयार हो रहें; क्योंकि तीसरे दिन यहोवा सब लोगों के देखते सीनै पर्वत पर उतर आएगा।
11. and be ready by the third day; for on the third day the LORD will come down upon Mount Sinai in the sight of all the people.
12. और तू लोगों के लिये चारों ओर बाड़ा बान्ध देना, और उन से कहना, कि तुम सचेत रहों कि पर्वत पर न चढ़ो और उसके सिवाने को भी न छूओ; और जो कोई पहाड़ को छूए वह निश्चय मार डाला जाए।इब्रानियों 12:20
12. And you shall set bounds for the people round about, saying, `Take heed that you do not go up into the mountain or touch the border of it; whoever touches the mountain shall be put to death;
13. उसको कोई हाथ से तो न छूए, परन्तु वह निश्चय पत्थरवाह किया जाए, वा तीर से छेदा जाए; चाहे पशु हो चाहे मनुष्य, वह जीवित न बचे। जब महाशब्द वाले नरसिंगे का शब्द देर तक सुनाई दे, तब लोग पर्वत के पास आएं।इब्रानियों 12:20
13. no hand shall touch him, but he shall be stoned or shot; whether beast or man, he shall not live.' When the trumpet sounds a long blast, they shall come up to the mountain.'
14. तब मूसा ने पर्वत पर से उतरकर लोगों के पास आकर उनको पवित्रा कराया; और उन्हों ने अपने वस्त्रा धो लिए।
14. So Moses went down from the mountain to the people, and consecrated the people; and they washed their garments.
15. और उस ने लोगों से कहा, तीसरे दिन तक तैयार हो रहो; स्त्री के पास न जाना।
15. And he said to the people, 'Be ready by the third day; do not go near a woman.'
16. जब तीसरा दिन आया तब भोर होते बादल गरजने और बिजली चमकने लगी, और पर्वत पर काली घटा छा गई, फिर नरसिंगे का शब्द बड़ा भरी हुआ, और छावनी में जितने लोग थे सब कांप उठे।इब्रानियों 12:19, प्रकाशितवाक्य 4:1-5, प्रकाशितवाक्य 8:5, प्रकाशितवाक्य 11:19, प्रकाशितवाक्य 16:18
16. On the morning of the third day there were thunders and lightnings, and a thick cloud upon the mountain, and a very loud trumpet blast, so that all the people who were in the camp trembled.
17. तब मूसा लोगों को परमेश्वर से भेंट करने के लिये छावनी से निकाल ले गया; और वे पर्वत के नीचे खड़े हुए।
17. Then Moses brought the people out of the camp to meet God; and they took their stand at the foot of the mountain.
18. और यहोवा जो आग में होकर सीनै पर्वत पर उतरा था, इस कारण समस्त पर्वत धुएं से भर गया; और उसका धुआं भट्टे का सा उठ रहा था, और समस्त पर्वत बहुत कांप रहा थाइब्रानियों 12:26, प्रकाशितवाक्य 9:2
18. And Mount Sinai was wrapped in smoke, because the LORD descended upon it in fire; and the smoke of it went up like the smoke of a kiln, and the whole mountain quaked greatly.
19. फिर जब नरसिंगे का शब्द बढ़ता और बहुत भारी होता गया, तब मूसा बोला, और परमेश्वर ने वाणी सुनाकर उसको उत्तर दिया।
19. And as the sound of the trumpet grew louder and louder, Moses spoke, and God answered him in thunder.
20. और यहोवा सीनै पर्वत की चोटी पर उतरा; और मूसा को पर्वत की चोटी पर बुलाया और मूसा ऊपर चढ़ गया।प्रकाशितवाक्य 4:1
20. And the LORD came down upon Mount Sinai, to the top of the mountain; and the LORD called Moses to the top of the mountain, and Moses went up.
21. तब यहोवा ने मूसा से कहा, नीचे उतरके लोगों को चितावनी दे, कहीं ऐसा न हो कि वे बाड़ा तोड़के यहोवा के पास देखने को घुसें, और उन में से बहुत नाश हों जाएं।
21. And the LORD said to Moses, 'Go down and warn the people, lest they break through to the LORD to gaze and many of them perish.
22. और याजक जो यहोवा के समीप आया करते हैं वे भी अपने को पवित्रा करें, कहीं ऐसा न हो कि यहोवा उन पर टूट पड़े।
22. And also let the priests who come near to the LORD consecrate themselves, lest the LORD break out upon them.'
23. मूसा ने यहोवा से कहा, वे लोग सीनै पर्वत पर नहीं चढ़ सकते; तू ने तो आप हम को यह कहकर चिताया, कि पर्वत के चारों और बाड़ा बान्धकर उसे पवित्रा रखो।
23. And Moses said to the LORD, 'The people cannot come up to Mount Sinai; for thou thyself didst charge us, saying, `Set bounds about the mountain, and consecrate it.''
24. यहोवा ने उस से कहा, उतर तो जा, और हारून समेत ऊपर आ; परन्तु याजक और साधारण लोग कहीं यहोवा के पास बाड़ा तोड़के न चढ़ आएं, कहीं ऐसा न हो कि वह उन पर टूट पड़े।प्रकाशितवाक्य 4:1
24. And the LORD said to him, 'Go down, and come up bringing Aaron with you; but do not let the priests and the people break through to come up to the LORD, lest he break out against them.'
25. ये ही बातें मूसा ने लोगों के पास उतरके उनको सुनाईं।।
25. So Moses went down to the people and told them.