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1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, फिरोन के पास जा; क्योंकि मैं ही ने उसके और उसके कर्मचारियों के मन को इसलिये कठोर कर दिया है, कि अपने चिन्ह उनके बीच में दिखलाऊं।
1. Yahweh then said to Moses, 'Go to Pharaoh, for I have made him and his officials stubborn, to display these signs of mine among them;
2. और तुम लोग अपने बेटों और पोतों से इसका वर्णन करो कि यहोवा ने मिस्त्रियों को कैसे ठट्ठों में उड़ाया और अपने क्या क्या चिन्ह उनके बीच प्रगट किए हैं; जिस से तुम यह जान लोगे कि मैं यहोवा हूं।
2. so that you can tell your sons and your grandsons how I made fools of the Egyptians and what signs I performed among them, so that you would know that I am Yahweh.'
3. तब मूसा और हारून ने फिरौन के पास जाकर कहा, कि इब्रियों का परमेश्वर यहोवा तुझ से इस प्रकार कहता है, कि तू कब तक मेरे साम्हने दीन होने से संकोच करता रहेगा ? मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे, कि वे मेरी उपासना करें।
3. Moses and Aaron then went to Pharaoh and said to him, 'Yahweh, God of the Hebrews, says this, 'How much longer will you refuse to submit to me? Let my people go and worship me.
4. यदि तू मेरी प्रजा को जाने न दे तो सुन, कल मैं तेरे देश में टिडि्डयां ले आऊंगा।
4. Or, if you refuse to let my people go, tomorrow I shall send locusts into your country.
5. और वे धरती को ऐसा छा लेंगी, कि वह देख न पड़ेगी; और तुम्हारा जो कुछ ओलों से बच रहा है उसको वे चट कर जाएंगी, और तुम्हारे जितने वृक्ष मैदान में लगे हैं उनको भी वे चट कर जाएंगी,
5. They will cover the surface of the soil so that the soil cannot be seen. They will devour the remainder of what has escaped, of what you have been left after the hail; they will devour all your trees growing in the fields;
6. और वे तेरे और तेरे सारे कर्मचारियों, निदान सारे मिस्त्रियों के घरों में भर जाएंगी; इतनी टिडि्डयां तेरे बापदादों ने वा उनके पुरखाओं ने जब से पृथ्वी पर जन्मे तब से आज तक कभी न देखीं। और वह मुंह फेरकर फिरौन के पास से बाहर गया।
6. they will fill your houses, all your officials' houses and all the Egyptians' houses -- something your ancestors and your ancestors' ancestors have never seen from the day they first appeared on earth until now.' ' Then he turned on his heel and left Pharaoh's presence.
7. तब फिरौन के कर्मचारी उस से कहने लगे, वह जन कब तक हमारे लिये फन्दा बना रहेगा ? उन मनुष्यों को जाने दे, कि वे अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करें; क्या तू अब तक नहीं जानता, कि सारा मि नाश हो गया है ?
7. At which, Pharaoh's officials said to him, 'How much longer are we to be tricked by this fellow? Let the people go and worship Yahweh their God. Do you not finally realise that Egypt is on the brink of ruin?'
8. तब मूसा और हारून फिरौन के पास फिर बुलवाए गए, और उस ने उन से कहा, चले जाओ, अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करो; परन्तु वे जो जानेवाले हैं, कौन कौन हैं ?
8. So Moses and Aaron were brought back to Pharaoh who said to them, 'Go and worship Yahweh your God. But who are to go?'
9. मूसा ने कहा, हम तो बेटों बेटियों, भेड़- बकरियों, गाय- बैलों समेत वरन बच्चों से बूढ़ों तक सब के सब जाएंगे, क्योंकि हमें यहोवा के लिये पर्ब्ब करना है।
9. Moses replied, 'We shall take our young men and our old men, we shall take our sons and daughters, our flocks and our herds, since we are going to hold a feast in Yahweh's honour.'
10. उस ने इस प्रकार उन से कहा, यहोवा तुम्हारे संग रहे जब कि मैं तुम्हें बच्चों समेत जाने देता हूं; देखो, तुम्हारे आगे को बुराई है।
10. Pharaoh said, 'So I must let you go with your wives and children! May Yahweh preserve you! Plainly, you are up to no good!
11. नहीं, ऐसा नहीं होने पाएगा; तुम पुरूष ही जाकर यहोवा की उपासना करो, तुम यही तो चाहते थे। और वे फिरौन के सम्मुख से निकाल दिए गए।।
11. Oh no! You men may go and worship Yahweh, since that was your original request.' With that, they were driven from Pharaoh's presence.
12. तब यहोवा ने मूसा से कहा, मि देश के ऊपर अपना हाथ बढ़ा, कि टिडि्डयां मि देश पर चढ़के भूमि का जितना अन्न आदि ओलों से बचा है सब को चट कर जाएं।प्रकाशितवाक्य 9:3
12. Yahweh then said to Moses, 'Stretch out your hand over Egypt for the locusts. Let them invade Egypt and devour whatever is growing in the country, whatever the hail has left!'
13. और मूसा ने अपनी लाट्ठी को मि देश के ऊपर बढ़ाया, तब यहोवा ने दिन भर और रात भर देश पर पुरवाई बहाई; और जब भोर हुआ तब उस पुरवाई में टिडि्डयां आईं।
13. Moses stretched his staff over Egypt, and over the country Yahweh sent an east wind which blew all that day and night. By morning, the east wind had brought the locusts.
14. और टिडि्डयों ने चढ़के मि देश के सारे स्थानों मे बसेरा किया, उनका दल बहुत भारी था, वरन न तो उनसे पहले ऐसी टिडि्डयां आई थी, और न उनके पीछे ऐसी फिर आएंगी।
14. The locusts invaded the whole of Egypt and settled all over Egypt, in great swarms; never had there been so many locusts before, nor would there be again.
15. वे तो सारी धरती पर छा गई, यहां तक कि देश अन्धेरा हो गया, और उसका सारा अन्न आदि और वृक्षों के सब फल, निदान जो कुछ ओलों से बचा था, सब को उन्हों ने चट कर लिया; यहां तक कि मि देश भर में न तो किसी वृक्ष पर कुछ हरियाली रह गई और न खेत में अनाज रह गया।प्रकाशितवाक्य 9:3
15. They covered the surface of the ground till the land was devastated. They devoured whatever was growing in the fields and all the fruit on the trees that the hail had left. No green was left on tree or plant in the fields anywhere in Egypt.
16. तब फिरौन ने फुर्ती से मूसा और हारून को बुलवाके कहा, मैं ने तो तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का और तुम्हारा भी अपराध किया है।
16. Pharaoh sent urgently for Moses and Aaron and said, 'I have sinned against Yahweh your God and against you.
17. इसलिये अब की बार मेरा अपराध क्षमा करो, और अपने परमेश्वर यहोवा से बिनती करो, कि वह केवल मेरे ऊपर से इस मृत्यु को दूर करे।
17. Now forgive my sin, I implore you, just this once, and entreat Yahweh your God to turn this deadly thing away from me.'
18. तब मूसा ने फिरोन के पास से निकल कर यहोवा से बिनती की।
18. When Moses left Pharaoh's presence he prayed to Yahweh,
19. तब यहोवा ने बहुत प्रचण्ड पछुवा बहाकर टिडि्डयों को उड़ाकर लाल समुन्द्र में डाल दिया, और मि के किसी स्थान में एक भी टिड्डी न रह गई।
19. and Yahweh changed the wind into a west wind, very strong, which carried the locusts away and swept them into the Sea of Reeds. There was not one locust left in the whole of Egypt.
20. तौभी यहोवा ने फिरौन के मन को कठोर कर दिया, जिस से उस ने इस्राएलियों को जाने न दिया।
20. But Yahweh made Pharaoh stubborn, and he did not let the Israelites go.
21. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा कि मि देश के ऊपर अन्धकार छा जाए, ऐसा अन्धकार कि टटोला जा सके।
21. Yahweh then said to Moses, 'Stretch out your hand towards heaven, and let darkness, darkness so thick that it can be felt, cover Egypt.'
22. तब मूसा ने अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ाया, और सारे मि देश में तीन दिन तक घोर अन्धकार छाया रहा।प्रकाशितवाक्य 16:10
22. So Moses stretched out his hand towards heaven, and for three days there was thick darkness over the whole of Egypt.
23. तीन दिन तक न तो किसी ने किसी को देखा, और न कोई अपने स्थान से उठा; परन्तु सारे इस्राएलियों के घरों में उजियाला रहा।
23. No one could see anyone else or move about for three days, but all the Israelites did have light where they were living.
24. तब फिरौन ने मूसा को बुलवाकर कहा, तुम लोग जाओ, यहोवा की उपासना करो; अपने बालकों को भी संग ले जाओ; केवल अपनी भेड़- बकरी और गाय- बैल को छोड़ जाओ।
24. Pharaoh summoned Moses and said, 'Go and worship Yahweh, but your flocks and herds are to stay here. Your wives and children can go with you too.'
25. मूसा ने कहा, तुझ को हमारे हाथ मेलबलि और होमबलि के पशु भी देने पड़ेंगे, जिन्हें हम अपने परमेश्वर यहोवा के लिये चढ़ाएं।
25. Moses said, 'But now you must give us sacrifices and burnt offerings to offer to Yahweh our God.
26. इसलिये हमारे पशु भी हमारे संग जाएंगे, उनका एक खुर तक न रह जाएगा, क्योंकि उन्हीं में से हम को अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना का सामान लेना होगा, और हम जब तक वहां न पहुंचें तब तक नहीं जानते कि क्या क्या लेकर यहोवा की उपासना करनी होगी।
26. And our livestock will go with us too; not a hoof will be left behind; for we may need animals from these to worship Yahweh our God; for until we get there we ourselves cannot tell how we are to worship Yahweh.'
27. पर यहोवा ने फिरौन का मन हठीला कर दिया, जिस से उस ने उन्हें जाने न दिया।
27. But Yahweh made Pharaoh stubborn, and he refused to let them go.
28. तब फिरौन ने उस से कहा, मेरे साम्हने से चला जा; और सचेत रह; मुझे अपना मुख फिर न दिखाना; क्योंकि जिस दिन तू मुझे मुंह दिखलाए उसी दिन तू मारा जाएगा।इब्रानियों 11:27
28. Pharaoh said to Moses, 'Out of my sight! Be sure you never see my face again, for the next time you see my face you die!'
29. मूसा ने कहा, कि तू ने ठीक कहा है; मैं तेरे मुंह को फिर कभी न देखूंगा।।इब्रानियों 11:27
29. Moses then said, 'You yourself have said it. I shall never see your face again.'