Psalms - भजन संहिता 111 | View All

1. याह की स्तुति करो। मैं सीधे लोगों की गोष्ठी में और मण्डली में भी सम्पूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद करूंगा।

1. Praise ye the LORD. I will give thanks unto the LORD with my whole heart, in the council of the upright, and in the congregation.

2. यहोवा के काम बड़े हैं, जितने उन से प्रसन्न रहते हैं, वे उन पर ध्यान लगाते हैं।
प्रकाशितवाक्य 15:3

2. The works of the LORD are great, sought out of all them that have pleasure therein.

3. उसके काम का विभवमय और ऐश्वरर्यमय होते हैं, और उसका धन सदा तक बना रहेगा।

3. His work is honour and majesty: and his righteousness endureth for ever.

4. उस ने अपने आश्चर्यकर्मों का स्मरण कराया है; यहोवा अनुग्रहकारी और दयावन्त है।
याकूब 5:11

4. He hath made his wonderful works to be remembered: the LORD is gracious and full of compassion.

5. उस ने अपने डरवैयों को आहार दिया है; वह अपनी वाचा को सदा तक स्मरण रखेगा।

5. He hath given meat unto them that fear him: he will ever be mindful of his covenant.

6. उस ने अपनी प्रजा को अन्यजातियों का भाग देने के लिये, अपने कामों का प्रताप दिखाया है।

6. He hath shewed his people the power of his works, in giving them the heritage of the nations.

7. सच्चाई और न्याय उसके हाथों के काम हैं; उसके सब उपदेश विश्वासयोग्य हैं,

7. The works of his hands are truth and judgment; all his precepts are sure.

8. वे सदा सर्वदा अटल रहेंगे, वे सच्चाई और सिधाई से किए हुए हैं।

8. They are established for ever and ever, they are done in truth and uprightness.

9. उस ने अपनी प्रजा का उद्धार किया है; उस ने अपनी वाचा को सदा के लिये ठहराया है। उसका नाम पवित्रा और भययोग्य है।
लूका 1:49-68

9. He hath sent redemption unto his people; he hath commanded his covenant for ever: holy and reverend is his name.

10. बुद्धि का मूल यहोवा का भय है; जितने उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उनकी बुद्धि अच्छी होती है। उसकी स्तुति सदा बनी रहेगी।।

10. The fear of the LORD is the beginning of wisdom; a good understanding have all they that do thereafter: his praise endureth for ever.



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