1 Samuel - 1 शमूएल 12 | View All

1. तब शमूएल ने सारे इस्राएलियों से कहा, सुनो, जो कुछ तुम ने मुझ से कहा था उसे मानकर मैं ने एक राजा तुम्हारे ऊपर ठहराया है।

1. And Samuel said to all Israel, 'Behold, I have obeyed your voice in all that you have said to me and have made a king over you.

2. और अब देखो, वह राजा तुम्हारे आगे आगे चलता है; और अब मैं बूढ़ा हूं, और मेरे बाल उजले हो गए हैं, और मेरे पुत्रा तुम्हारे पास हैं; और मैं लड़कपन से लेकर आज तक तुम्हारे साम्हने काम करता रहा हूं।

2. And now, behold, the king walks before you, and I am old and gray; and behold, my sons are with you. I have walked before you from my youth until this day.

3. मैं उपस्थित हूं; इसलिये तुम यहोवा के साम्हने, और उसके अभिषिक्त के सामने मुझ पर साक्षी दो, कि मैं ने किस का बैल ले लिया? वा किस का गदहा ले लियेा? वा किस पर अन्धेर किया? वा किस को पीसा? वा किस के हाथ से अपनी आंखें बन्द करने के लिये घूस लिया? बताओ, और मैं वह तुम को फेर दूंगा?
प्रेरितों के काम 20:33

3. Here I am; testify against me before the LORD and before his anointed. Whose ox have I taken? Or whose donkey have I taken? Or whom have I defrauded? Whom have I oppressed? Or from whose hand have I taken a bribe to blind my eyes with it? Testify against me and I will restore it to you.'

4. वे बोले, तू ने न तो हम पर अन्धेर किया, न हमें पीसा, और न किसी के हाथ से कुछ लिया है।

4. They said, 'You have not defrauded us or oppressed us or taken anything from any man's hand.'

5. उस ने उन से कहा, आज के दिन यहोवा तुम्हारा साक्षी, और उसका अभिषिक्त इस बात का साक्षी है, कि मेरे यहां कुद नहीं निकला। वे बोले, हां, वह साक्षी है।

5. And he said to them, 'The LORD is witness against you, and his anointed is witness this day, that you have not found anything in my hand.' And they said, 'He is witness.'

6. फिर शमूएल लोगों से कहने लगा, जो मूसा और हारून को ठहराकर तुम्हारे पूर्वजों को मि देश से निकाल लाया वह यहोवा ही है।

6. And Samuel said to the people, 'The LORD is witness, who appointed Moses and Aaron and brought your fathers up out of the land of Egypt.

7. इसलिये अब तुम खड़े रहो, और मैं यहोवा के साम्हने उसके सब धर्म के कामों के विषय में, जिन्हें उस ने तुम्हारे साथ और तुम्हारे पूर्वजों के साथ किया है, तुम्हारे साथ विचार करूंगा।

7. Now therefore stand still that I may plead with you before the LORD concerning all the righteous deeds of the LORD that he performed for you and for your fathers.

8. याकूब मि में गया, और तुम्हारे पूर्वजों ने यहोवा की दोहाई दी; तब यहोवा ने मूसा और हारून को भेजा, और उन्हों ने तुम्हारे पूर्वजों को मि से निकाला, और इस स्थान में बसाया।

8. When Jacob went into Egypt, and the Egyptians oppressed them, then your fathers cried out to the LORD and the LORD sent Moses and Aaron, who brought your fathers out of Egypt and made them dwell in this place.

9. फिर जब वे अपने परमेश्वर यहोवा को भूल गए, तब उस ने उन्हें हासोर के सेनापति सीसरा, और पलिश्तियों और मोआब के राजा के अधीन कर दिया; और वे उन से लड़े।

9. But they forgot the LORD their God. And he sold them into the hand of Sisera, commander of the army of Hazor, and into the hand of the Philistines, and into the hand of the king of Moab. And they fought against them.

10. तब उन्हों ने यहोवा की दोहाई देकर कहा, हम ने यहोवा को त्यागकर और बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों की उपासना करके महा पाप किया है; परन्तु अब तू हम को हमारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ा तो हम तेरी उपासना करेंगे।

10. And they cried out to the LORD and said, 'We have sinned, because we have forsaken the LORD and have served the Baals and the Ashtaroth. But now deliver us out of the hand of our enemies, that we may serve you.'

11. इसलिये यहोवा ने यरूब्बाल, बदान, यिप्तह, और शमूएल को भेजकर तुम को तुम्हारे चारों ओर के शत्रुओं के हाथ से छुड़ाया; और तुम निडर रहने लगे।

11. And the LORD sent Jerubbaal and Barak and Jephthah and Samuel and delivered you out of the hand of your enemies on every side, and you lived in safety.

12. और जब तुम ने देखा कि अम्मोनियों का राजा नाहाश हम पर चढ़ाई करता है, तब यद्यपि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारा राजा था तौभी तुम ने मुझ से कहा, नहीं, हम पर एक राजा राज्य करेगा।

12. And when you saw that Nahash the king of the Ammonites came against you, you said to me, 'No, but a king shall reign over us,' when the LORD your God was your king.

13. अब उस राजा को देखो जिसे तुम ने चुन लिया, और जिसके लिये तुम ने प्रार्थना की थी; देखो, यहोवा ने ऐ राजा तुम्हारे ऊपर नियुक्त कर दिया है।

13. And now behold the king whom you have chosen, for whom you have asked; behold, the LORD has set a king over you.

14. यदि तुम यहोवा का भय मानते, उसकी उपासना करते, और उसकी बात सुनते रहो, और यहोवा की आज्ञा को टालकर उस से बलवा न करो, और तुम और वह जो तुम पर राजा हुआ है दोनो अपने परमेश्वर यहोवा के पीछे पीछे चलनेवाले बने रहो, तब तो भला होगा;

14. If you will fear the LORD and serve him and obey his voice and not rebel against the commandment of the LORD, and if both you and the king who reigns over you will follow the LORD your God, it will be well.

15. परन्तु यदि तुम यहोवा की बात न मानो, और यहोवा की आज्ञा को टालकर उस से बलवा करो, तो यहोवा का हाथ जैसे तुम्हारे पुरखाओं के विरूद्ध हुआ वैसे ही तुम्हारे भी विरूद्ध उठेगा।

15. But if you will not obey the voice of the LORD, but rebel against the commandment of the LORD, then the hand of the LORD will be against you and your king.

16. इसलिये अब तुम खड़े रहो, और इस बड़े काम को देखो जिसे यहोवा तुम्हारे आंखों के साम्हने करने पर है।

16. Now therefore stand still and see this great thing that the LORD will do before your eyes.

17. आज क्या गेहूं की कटनी नहीं हो रही? मैं यहोवा को पुकारूंगा, और वह मेघ गरजाएगा और मेंह बरसाएगा; तब तुम जान लोगे, और देख भी लोगे, कि तुम ने राजा मांगकर यहोवा की दृष्टि में बहुत बड़ी बुराई की है।

17. Is it not wheat harvest today? I will call upon the LORD, that he may send thunder and rain. And you shall know and see that your wickedness is great, which you have done in the sight of the LORD, in asking for yourselves a king.'

18. तब शमूएल ने यहोवा का पुकारा, और यहोवा ने उसी दिन मेघ गरजाया और मेंह बरसाया; और सब लोग यहोवा से और शमूएल से अत्यन्त डर गए।

18. So Samuel called upon the LORD, and the LORD sent thunder and rain that day, and all the people greatly feared the LORD and Samuel.

19. और सब लोगों ने शमूएल से कहा, अपने दासों के निमित्त अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर, कि हम मर न जाएं; क्योंकि हम ने अपने सारे पापों से बढ़कर यह बुराई की है कि राजा मांगा है।

19. And all the people said to Samuel, 'Pray for your servants to the LORD your God, that we may not die, for we have added to all our sins this evil, to ask for ourselves a king.'

20. शमूएल ने लोगों से कहा, डरो मत; तुम ने यह सब बुराई तो की है, परन्तु अब यहोवा के पीछे चलने से फिर मत मुड़ना; परन्तु अपने सम्पूर्ण मन से उस की उपासना करना;

20. And Samuel said to the people, 'Do not be afraid; you have done all this evil. Yet do not turn aside from following the LORD, but serve the LORD with all your heart.

21. और मत मुड़ना; नहीं तो ऐसी व्यर्थ वस्तुओं के पीछे चलने लगोगे जिन से न कुछ लाभ पहुंचेगा, और न कुछ छुटकारा हो सकता है, क्योंकि वे सब व्यर्थ ही हैं।

21. And do not turn aside after empty things that cannot profit or deliver, for they are empty.

22. यहोवा तो अपने बड़े नाम के कारण अपनी प्रजा को न तजेगा, क्योंकि यहोवा ने तुम्हे अपनी ही इच्छा से अपनी प्रजा बनाया है।
रोमियों 11:1-2

22. For the LORD will not forsake his people, for his great name's sake, because it has pleased the LORD to make you a people for himself.

23. फिर यह मुझ से दूर हो कि मैं तुम्हारे लिये प्रार्थना करना छोड़कर यहोवा के विरूद्ध पापी ठहरूं; मैं तो तुम्हें अच्छा और सीधा मार्ग दिखाता रहूंगा।

23. Moreover, as for me, far be it from me that I should sin against the LORD by ceasing to pray for you, and I will instruct you in the good and the right way.

24. केवल इतना हो कि तुम लोग यहोवा का भय मानो, और सच्चाई से अपने सम्पूर्ण मान के साथ उसकी उपासना करो; क्योंकि यह तो सोचो कि उस ने तुम्हारे लिये कैसे बड़े बड़े काम किए हैं।

24. Only fear the LORD and serve him faithfully with all your heart. For consider what great things he has done for you.

25. परन्तु यदि तुम बुराई करते ही रहोगे, तो तुम और तुम्हारा राजा दोनों के दोनों मिट जाओगे।

25. But if you still do wickedly, you shall be swept away, both you and your king.'



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