2. फिर मैं ने पवित्रा नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो।
यशायाह 52:1, यशायाह 61:10
2. And I saw the holy city, the new Jerusalem, coming down from God out of heaven like a bride beautifully dressed for her husband.
3. I heard a loud shout from the throne, saying, 'Look, God's home is now among his people! He will live with them, and they will be his people. God himself will be with them.
4. He will wipe every tear from their eyes, and there will be no more death or sorrow or crying or pain. All these things are gone forever.'
5. और जो सिंहासन पर बैठा था, उस ने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उस ने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं।
1 राजाओं 22:19, 2 इतिहास 18:18, भजन संहिता 47:8, यशायाह 6:1, यशायाह 43:19, यहेजकेल 1:26-27
5. And the one sitting on the throne said, 'Look, I am making everything new!' And then he said to me, 'Write this down, for what I tell you is trustworthy and true.'
6. And he also said, 'It is finished! I am the Alpha and the Omega-- the Beginning and the End. To all who are thirsty I will give freely from the springs of the water of life.
8. पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।।
उत्पत्ति 19:24, भजन संहिता 11:6, यशायाह 30:33, यहेजकेल 38:22
8. But cowards, unbelievers, the corrupt, murderers, the immoral, those who practice witchcraft, idol worshipers, and all liars-- their fate is in the fiery lake of burning sulfur. This is the second death.'
9. फिर जिन सात स्वर्गदूतों के पास सात पिछली विपत्तियों से भरे हुए सात कटोरे थे, उन में से एक मेरे पास आया, और मेरे साथ बातें करके कहा; इधर आ: मैं तुझे दुल्हिन अर्थात् मेम्ने की पत्नी दिखाऊंगा।
लैव्यव्यवस्था 26:21
9. Then one of the seven angels who held the seven bowls containing the seven last plagues came and said to me, 'Come with me! I will show you the bride, the wife of the Lamb.'
10. और वह मुझे आत्मा में, एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्रा नगर यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया।
यहेजकेल 40:2, यशायाह 52:1
10. So he took me in the Spirit to a great, high mountain, and he showed me the holy city, Jerusalem, descending out of heaven from God.
16. और वह नगर चौकोर बसा हुआ था और उस की लम्बाई चौड़ाई के बराबर थी, और उस ने उस गज से नगर को नापा, तो साढ़े सात सौ कोस का निकला: उस की लम्बाई, और चौड़ाई, और ऊंचाई बराबर थी।
यहेजकेल 43:16, यहेजकेल 48:16-17
16. When he measured it, he found it was a square, as wide as it was long. In fact, its length and width and height were each 1,400 miles.
19. और उस नगर की नेवें हर प्रकार के बहुमोल पत्थरों से संवारी हुई थी, पहिली नेव यशब की थी, दूसरी नीलमणि की, तीसरी लालड़ी की, चौथी मरकत की।
यशायाह 54:11-12
19. The wall of the city was built on foundation stones inlaid with twelve precious stones: the first was jasper, the second sapphire, the third agate, the fourth emerald,
20. पांचवी गोमेदक की, छठवीं माणिक्य की, सातवीं पीतमणि की, आठवीं पेरोज की, नवीं पुखराज की, दसवीं लहसनिए की, ग्यारहवीं धूम्रकान्त की, बारहवीं याकूत की।
20. the fifth onyx, the sixth carnelian, the seventh chrysolite, the eighth beryl, the ninth topaz, the tenth chrysoprase, the eleventh jacinth, the twelfth amethyst.
27. और उस में कोई अपवित्रा वस्तु या घृणित काम करनेवाला, या झूठ का गढ़नेवाला, किसी रीति से प्रवेश न करेगा; पर केवल वे लोग जिन के नाम मेम्ने के जीवन की पुस्तक में लिखे हैं।।
भजन संहिता 69:28, दानिय्येल 12:1, यशायाह 52:1
27. Nothing evil will be allowed to enter, nor anyone who practices shameful idolatry and dishonesty-- but only those whose names are written in the Lamb's Book of Life.