2. और मैं ने आग से मिले हुए कांच का सा एक समुद्र देखा, और जो उस पशु पर, और उस की मूरत पर, और उसके नाम के अंक पर जयवन्त हुए थे, उन्हें उस कांच के समुद्र के निकट परमेश्वर की वीणाओं को लिए हुए खड़े देखा।
2. And I saw, as it were, a sea of glass mingled with fire, and them that had gotten the victory over the beast, and over his image, and over his mark, and over the number of his name, standing on the sea of glass and having the harps of God.