16. परन्तु अब से दास की नाई नहीं, बरन दास से भी उत्तम, अर्थात् भाई के समान हरे जो शरीर में भी और विशेष कर प्रभु में भी मेरा प्रिय हो।
16. Not now as a seruant, but aboue a seruant, euen as a brother beloued, specially to me: howe much more then vnto thee, both in the flesh and in the Lord?