Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 9 | View All

1. हे इस्राएल, सुन, आज तू यरदन पार इसलिये जानेवाला है, कि ऐसी जातियों को जो तुझ से बड़ी और सामर्थी हैं, और ऐसे बड़े नगरों को जिनकी श्हरपनाह आकाश से बातें करती हैं, अपने अधिकार में ले ले।

1. Listen, you Israelites! You will go across the Jordan River today. You will go into that land to force out nations greater and stronger than you. Their cities are big and have walls as high as the sky!

2. उन में बड़े बड़े और लम्बे लम्बे लोग, अर्थात् अनाकवंशी रहते हैं, जिनका हाल तू जानता है, और उनके विषय में तू ने यह सुना है, कि अनाकवशियों के साम्हने कौन ठहर सकता है?

2. The people there are tall and strong. They are the Anakites. You know about them. You heard our spies say, 'No one can win against the Anakites.'

3. इसलिये आज तू यह जान ले, कि जो तेरे आगे भस्म करनेवाली आग की नाई पार जानेवाला है वह तेरा परमेश्वर यहोवा है; और वह उनका सत्यानाश करेगा, और वह उनको तेरे साम्हने दबा देगा; और तू यहोवा के वचन के अनुसार उनको उस देश से निकालकर शीघ्र ही नष्ट कर डालेगा।
इब्रानियों 12:29

3. But you can be sure that it is the Lord your God who goes across the river before you�and God is like a fire that destroys! He will destroy those nations and make them fall before you. You will force those nations out and quickly destroy them. The Lord has promised you that this will happen.

4. जब तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे साम्हने से निकाल चुके तब यह न सोचना, कि यहोवा तेरे धर्म के कारण तुझे इस देश का अधिकारी होने को ले आया है, किन्तु उन जातियों की दुष्टता ही के कारण यहोवा उनको तेरे साम्हने से निकालता है।
रोमियों 10:6

4. The Lord your God will force those nations out for you. But don't say to yourselves, 'The Lord brought us to live in this land because we are such good people.' No, the Lord forced those nations out because they were evil�not because you were good.

5. तू जो उनके देश का अधिकारी होने के लिये जा रहा है, इसका कारण तेरा धर्म वा मन की सीधाई नहीं है; तेरा परमेश्वर यहोवा जो उन जातियों को तेरे साम्हने से निकालता है, उसका कारण उनकी दुष्टता है, और यह भी कि जो वचन उस ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब, तेरे पूर्वजों को शपथ खाकर दिया था, उसको वह पूरा करना चाहता है।

5. You are going in to take their land, but not because you are good and live right. You are going in, and the Lord your God is forcing those people out because of the evil way they lived. And the Lord wants to keep the promise he made to your ancestors �Abraham, Isaac, and Jacob.

6. इसलिये यह जान ले कि तेरा परमेश्वर यहोवा, जो तुझे वह अच्छा देश देता है कि तू उसका अधिकारी हो, उसे वह तेरे धर्म के कारण नहीं दे रहा है; क्योंकि तू तो एक हठीली जाति है।

6. The Lord your God is giving you that good land to live in, but you should know that it is not because you are good. The truth is that you are very stubborn people!

7. इस बात का स्मरण रख और कभी भी न भूलना, कि जंगल में तू ने किस किस रीति से अपने परमेश्वर यहोवा को क्रोधित किया; और जिस देश से तू मि देश से निकला है जब तक तुम इस स्थान पर न पहंुचे तब तक तुम यहोवा से बलवा ही बलवा करते आए हो।

7. Don't forget that you made the Lord your God angry in the desert. You have refused to obey him from the day you left the land of Egypt to the day you came to this place.

8. फिर होरेब के पास भी तुम ने यहोवा को क्रोधित किया, और वह क्रोधित होकर तुम्हें नष्ट करना चाहता था।

8. You made the Lord angry at Mount Horeb. He was angry enough to destroy you!

9. जब मैं उस वाचा के पत्थर की पटियाओं को जो यहोवा ने तुम से बान्धी थी लेने के लिये पर्वत के ऊपर चढ़ गया, तब चालीस दिन और चालीस रात पर्वत ही के ऊपर रहा; और मैं ने न तो रोटी खाई न पानी पिया।

9. I went up the mountain to get the stone tablets. The agreement that the Lord made with you was written on those stones. I stayed on the mountain 40 days and 40 nights. I did not eat any food or drink any water.

10. और यहोवा ने मुझे अपने ही हाथ की लिखी हुई पत्थर की दोनों पटियाओं को सौंप दिया, और वे ही वचन जिन्हें यहोवा ने पर्वत के ऊपर आग के मध्य में से सभा के दिन तुम से कहे थे वे सब उन पर लिखे हुए थे।
प्रेरितों के काम 7:38, 2 कुरिन्थियों 3:3

10. The Lord gave me the two stone tablets. He wrote his commands on the stones with his finger. He wrote everything he said to you from the fire when you were gathered together at the mountain.

11. और चालीस दिन और चालीस रात के बीत जाने पर यहोवा ने पत्थर की वे दो वाचा की पटियाएं मुझे दे दीं।
प्रेरितों के काम 7:38, 2 कुरिन्थियों 3:3

11. 'So at the end of 40 days and 40 nights, the Lord gave me two stone tablets�the stones of the agreement.

12. और यहोवा ने मुझ से कहा, उठ, यहां से झटपट नीचे जा; क्योंकि तेरी प्रजा के लोग जिनको तू मि से निकालकर ले आया है वे बिगड़ गए हैं; जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा मैं ने उन्हें दी थी उसको उन्हों ने झटपट छोड़ दिया है; अर्थात् उन्हों ने तुरन्त अपने लिये एक मूर्त्ति ढालकर बना ली है।

12. Then the Lord said to me, 'Get up and quickly go down from here. The people you brought out of Egypt have ruined themselves. They stopped obeying my commands so quickly. They melted gold and made an idol for themselves.'

13. फिर यहोवा ने मुझ से यह भी कहा, कि मैं ने उन लोगो को देख लिया, वे हठीली जाति के लोग हैं;

13. The Lord also said to me, 'I have watched these people. They are very stubborn!

14. इसलिये अब मुझे तू मत रोक, ताकि मैं उन्हें नष्ट कर डालूं, और धरती के ऊपर से उनका नाम वा चिन्ह तक मिटा डालूं, और मैं उन से बढ़कर एक बड़ी और सामर्थी जाति तुझी से उत्पन्न करूंगा।

14. Let me destroy these people completely, so no one will even remember their names. Then I will make another nation from you that is stronger and greater than these people.'

15. तब मैं उलटे पैर पर्वत से नीचे उतर चला, और मेरे दोनों हाथों में वाचा की दोनों पटियाएं थीं।

15. Then I turned and came down from the mountain. The mountain was burning with fire. And the two stone tablets of the agreement were in my hands.

16. और मैं ने देखा कि तुम ने अपने परमेश्वर यहोवा के विरूद्ध महापाप किया; और अपने लिये एक बछड़ा ढालकर बना लिया है, और तुरन्त उस मार्ग से जिस पर चलने की आज्ञा यहोवा ने तुम को दी थी उसको तुम ने तज दिया।

16. I looked and I saw you had sinned against the Lord your God. I saw the calf you made from melted gold! You stopped obeying the Lord so quickly.

17. तब मैं ने उन दोनों पटियाओं को अपने दोनो हाथों से लेकर फेंक दिया, और तुम्हारी आंखों के साम्हने उनको तोड़ डाला।

17. So I took the two stone tablets and threw them down. There before your eyes I broke the stones into pieces.

18. तब तुम्हारे उस महापाप के कारण जिसे करके तुम ने यहोवा की दृष्टि में बुराई की, और उसे रीस दिलाई थी, मैं यहोवा के साम्हने मुंह के बल गिर पड़ा, और पहिले की नाई, अर्थात् चालीस दिन और चालीस रात तक, न तो रोटी खाई और न पानी पिया।

18. Then I bowed down before the Lord with my face to the ground for 40 days and 40 nights, like I did before. I did not eat any food or drink any water. I did this because you had sinned so badly. You did the thing that is evil to the Lord, and you made him angry.

19. मैं तो यहोवा के उस कोप और जल- जलाहट से डर रहा था, क्योंकि वह तुम से अप्रसन्न होकर तुम्हें सत्यानाश करने को था। परन्तु यहोवा ने उस बार भी मेरी सुन ली।
इब्रानियों 12:21

19. I was afraid of the Lord's terrible anger. He was angry enough to destroy you, but the Lord listened to me again.

20. और यहोवा हारून से इतना क्रोधित हुआ कि उसे भी सत्यानाश करना चाहा; परन्तु उसी समय मैं ने हारून के लिये भी प्रार्थना की।

20. The Lord was very angry with Aaron�enough to destroy him! So I also prayed for Aaron at that time.

21. और मैं ने वह बछड़ा जिसे बनाकर तुम पापी हो गए थे लेकर, आग में डालकर फूंक दिया; और फिर उसे पीस पीसकर ऐसा चूर चूरकर डाला कि वह धूल की नाई जीर्ण हो गया; और उसकी उस राख को उस नदी में फेंक दिया जो पर्वत से निकलकर नीचे बहती थी।

21. I took that terrible thing�the calf you made�and burned it in the fire. I broke it into small pieces. And I crushed the pieces until they were dust. Then I threw the dust into the river that came down from the mountain.

22. फिर तबेरा, और मस्सा, और किब्रोतहत्तावा में भी तुम ने यहोवा को रीस दिलाई थी।

22. Also, at Taberah, Massah, and Kibroth Hattaavah you made the Lord angry.

23. फिर जब यहोवा ने तुम को कोदशबर्ने से यह कहकर भेजा, कि जाकर उस देश के जिसे मैं ने तुम्हें दिया है अधिकारी हो जाओ, तब भी तुम ने अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के विरूद्ध बलवा किया, और न तो उसका विश्वास किया, और न उसकी बात मानी।

23. And you did not obey when the Lord told you to leave Kadesh Barnea. He said, 'Go up and take the land I am giving you.' But you refused to obey the Lord your God. You did not trust him. You did not listen to his command.

24. जिस दिन से मैं तुम्हें जानता हूं उस दिन से तुम यहोवा से बलवा ही करते आए हो।

24. All the time that I have known you, you have refused to obey the Lord.

25. मैं यहोवा के साम्हने चालीस दिन और चालीस रात मुंह के बल पड़ा रहा, क्योंकि यहोवा ने कह दिया था, कि वह तुम को सत्यानाश करेगा।

25. So I bowed down before the Lord 40 days and 40 nights, because Lord said he would destroy you.

26. और मैं ने यहोवा से यह प्रार्थना की, कि हे प्रभु यहोवा, अपना प्रजारूपी निज भाग, जिनको तू ने अपने महान् प्रताप से छुड़ा लिया है, और जिनको तू ने अपने बलवन्त हाथ से मि से निकाल लिया है, उन्हें नष्ट न कर।

26. I prayed to the Lord. I said, Lord God, don't destroy your people. They belong to you. You freed them and brought them out of Egypt with your great power and strength.

27. अपने दास इब्राहीम, इसहाक, और याकूब को स्मरण कर; और इन लोगों की कठोरता, और दुष्टता, और पाप पर दृष्टि न कर,

27. Remember your promise to your servants Abraham, Isaac, and Jacob. Forget how stubborn these people are. Don't look at their evil ways or their sins.

28. जिस से ऐसा न हो कि जिस देश से तू हम को निकालकर ले आया है, वहां से लोग कहने लगें, कि यहोवा उन्हें उस देश में जिसके देश का वचन उनको दिया था नहीं पहुंचा सका, और उन से बैर भी रखता था, इसी कारण उस ने उन्हें जंगल में निकालकर मार डाला है।

28. If you punish your people, the Egyptians might say, 'The Lord was not able to take his people into the land he promised them. And he hated them. So he took them into the desert to kill them.'

29. ये लोग तेरी प्रजा और निज भाग हैं, जिनको तू ने अपने बड़े सामर्थ्य और बलवन्त भुजा के द्वारा निकाल ले आया है।।

29. But they are your people, Lord. They belong to you. You brought them out of Egypt with your great power and strength.



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