20. तू परदेशी को ब्याज पर ऋण तो दे, परन्तु अपने किसी भाई से ऐसा न करना, ताकि जिस देश का अधिकारी होने को तू जा रहा है, वहां जिस जिस काम में अपना हाथ लगाए, उन सभों को तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे आशीष दे।।
20. unto a foreigner thou mayest lend upon usury; but unto thy brother thou shalt not lend upon usury: that the LORD thy God may bless thee in all that thou puttest thine hand unto, in the land whither thou goest in to possess it.