Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 19 | View All

1. जब तेरा परमेश्वर यहोवा उन जातियों को नाश करे जिनका देश वह तुझे देता है, और तू उनके देश का अधिकारी हो के उनके नगरों और घरों में रहने लगे,

1. তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু যে জাতিগণের দেশ তোমাকে দিতেছেন, তাহাদিগকে তিনি উচ্ছিন্ন করিলে পর যখন তুমি তাহাদিগকে অধিকারচ্যুত করিয়া তাহাদের নগরে ও গৃহে বাস করিবে,

2. तब अपने देश के बीच जिसका अधिकारी तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे कर देता है तीन नगर अपने लिये अलग कर देना।

2. তৎকালে, যে দেশ তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু অধিকারার্থে তোমাকে দিতেছেন, তোমার সেই দেশের মধ্যে তুমি আপনার জন্য তিনটী নগর পৃথক্‌ করিবে।

3. और तू अपने लिये मार्ग भी तैयार करना, और अपने देश के जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे सौंप देता है तीन भाग करना, ताकि हर एक खूनी वहीं भाग जाए।

3. তুমি আপনার জন্য পথ প্রস্তুত করিবে, এবং তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু যে দেশের অধিকার তোমাকে দেন, তোমার সেই দেশের ভূমি তিন ভাগ করিবে; তাহাতে প্রত্যেক নরহন্তা সেই নগরে পলাইয়া যাইতে পারিবে।

4. और जो खूनी वहां भागकर अपने प्राण को बचाए, वह इस प्रकार का हो; अर्थात् वह किसी से बिना पहिले बैर रखे वा उसको बिना जाने बूझे मार डाला हो

4. যে নরহন্তা সেই স্থানে পলাইয়া বাঁচিতে পারে, তাহার বিবরণ এই; কেহ যদি পূর্ব্বে প্রতিবাসীকে দ্বেষ না করিয়া অজ্ঞানতঃ তাহাকে বধ করে;

6. ऐसा न हो कि मार्ग की लम्बाई के कारण खून का पलटा लेनेवाला अपने क्रोध के ज्वलन में उसका पीछा करके उसको जा पकड़े, और मार डाले, यद्यपि वह प्राणदण्ड के योग्य नहीं, क्योंकि उस से बैर नहीं रखता था।

6. পাছে রক্তের প্রতিশোধদাতা অন্তরে উষ্ণ হওয়াতে নরহন্তার পশ্চাৎ ধাবমান্‌ হইয়া পথের দূরত্ব প্রযুক্ত তাহাকে ধরিয়া সাংঘাতিক আঘাত করে। সে লোক ত প্রাণদণ্ডের যোগ্য নয়, কারণ সে পূর্ব্বে উহাকে দ্বেষ করে নাই।

7. इसलिये मैं तुझे यह आज्ञा देता हूं, कि अपने लिये तीन नगर अलग कर रखना।

7. এই হেতু আমি তোমাকে আজ্ঞা করিতেছি, তুমি তোমার জন্য তিনটী নগর পৃথক্‌ করিবে।

8. और यदि तेरा परमेश्वर यहोवा उस शपथ के अनुसार जो उस ने तेरे पूर्वजों से खाई थी तेरे सिवानों को बढ़ाकर वह सारा देश तुझे दे, जिसके देने का वचन उस ने तेरे पूर्वजों को दिया था

8. আর আমি অদ্য তোমাকে যে সকল আজ্ঞা দিতেছি, তুমি তাহা পালন করিয়া আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুকে প্রেম করিলে ও যাবজ্জীবন

9. यदि तू इन सब आज्ञाओं के मानने में जिन्हें मैं आज तुझ को सुनाता हूं चौकसी करे, और अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखे और सदा उसके मार्गों पर चलता रहे तो इन तीन नगरों से अधिक और भी तीन नगर अलग कर देना,

9. তাঁহার পথে চলিলে যদি তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার পিতৃপুরুষদের কাছে কৃত আপন দিব্যানুসারে তোমার সীমা বৃদ্ধি করেন, ও তোমার পিতৃপুরুষদের কাছে প্রতিজ্ঞাত সমস্ত দেশ তোমাকে দেন; তবে তুমি সেই তিন নগর ভিন্ন আরও তিনটী নগর নিরূপণ করিবে;

10. इसलिये कि तेरे उस देश में जो तेरा परमेश्वर यहोवा तेरा निज भाग करके देता है किसी निर्दोष का खून न बहाया जाए, और उसका दोष तुझ पर न लगे।

10. যেন তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু অধিকারার্থে তোমাকে যে দেশ দিতেছেন, তোমার সেই দেশের মধ্যে নির্দ্দোষের রক্তপাত না হয়, আর তোমার উপরে রক্তপাতের অপরাধ না বর্ত্তে।

11. परन्तु यदि कोई किसी से बैर रखकर उसकी घात में लगे, और उस पर लपककर उसे ऐसा मारे कि वह मर जाए, और फिर उन नगरों में से किसी में भाग जाए,

11. কিন্তু যদি কেহ আপন প্রতিবাসীকে দ্বেষ করিয়া তাহার জন্য ঘাঁটি বসায় ও তাহার প্রতিকূলে উঠিয়া তাহাকে সাংঘাতিক আঘাত করে, আর সে মরিয়া যায়, পরে ঐ ব্যক্তি যদি ঐ সকল নগরের মধ্যে কোন একটী নগরে পলায়ন করে;

12. तो उसके नगर के पुरनिये किसी को भेजकर उसको वहां से मंगाकर खून के पलटा लेनेवाले के हाथ में सौंप दे, कि वह मार डाला जाए।

12. তবে তাহার নিবাস-নগরের প্রাচীনবর্গ লোক পাঠাইয়া তথা হইতে তাহাকে আনাইবে, ও তাহাকে বধ করিবার জন্য রক্তের প্রতিশোধদাতার হস্তে সমর্পণ করিবে।

13. उस पर तरस न खाना, परन्तु निर्दोष के खून का दोष इस्राएल से दूर करना, जिस से तुम्हारा भला हों।।

13. তোমার চক্ষু তাহার প্রতি দয়া না করুন, কিন্তু তুমি ইস্রায়েলের মধ্য হইতে নিরপরাধের রক্তপাতের দোষ দূর করিবে; তাহাতে তোমার মঙ্গল হইবে।

14. जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को देता है, उसका जो भाग तुझे मिलेगा, उस में किसी का सिवाना जिसे अगले लोगों ने ठहराया हो न हटाना।।

14. তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু অধিকারার্থে যে দেশ তোমাকে দিতেছেন, সেই দেশে তোমার প্রাপ্য ভূমিতে পূর্ব্বকালের লোকেরা যে সীমার চিহ্ন নিরূপণ করিয়াছে, তোমার প্রতিবাসীর সেই চিহ্ন স্থানান্তর করিবে না।

15. किसी मनुष्य के विरूद्ध किसी प्रकार के अधर्म वा पाप के विषय में, चाहे उसका पाप कैसा ही क्यो न हो, एक ही जन की साक्षी न सुनना, परन्तु दो वा तीन साक्षीयों के कहने से बात पक्की ठहरे।
मत्ती 18:16, यूहन्ना 8:17, 2 कुरिन्थियों 13:1, 1 तीमुथियुस 5:19, इब्रानियों 10:28

15. কেহ কোন প্রকার অপরাধ কি পাপ, যে কোন পাপ করিলে, তাহার বিরুদ্ধে একমাত্র সাক্ষী উঠিবে না; দুই কিম্বা তিন সাক্ষীর প্রমাণ দ্বারা বিচার নিষ্পন্ন হইবে।

16. यदि कोई झूठी साक्षी देनेवाला किसी के विरूद्ध याहोवा से फिर जाने की साक्षी देने को खड़ा हो,

16. কোন অন্যায়ী সাক্ষী যদি কাহারো বিরুদ্ধে উঠিয়া তাহার বিষয়ে অন্যায় কার্য্যের সাক্ষ্য দেয়,

17. तो वे दोनों मनुष्य, जिनके बीच ऐसा मुक मा उठा हो, यहोवा के सम्मुख, अर्थात् उन दिनों के याजकों और न्यायियों के साम्हने खड़े किए जाएं;

17. তবে সেই বাদী প্রতিবাদী উভয়ে সদাপ্রভুর সম্মুখে, তৎকালিক যাজকদের ও বিচারকর্ত্তাদের সম্মুখে, দাঁড়াইবে।

18. तब न्यायी भली भांति पूछपाछ करें, और यदि यह निर्णय पाए कि वह झूठा साक्षी है, और अपने भाई के विरूद्ध झूठी साक्षी दी है

18. পরে বিচারকর্ত্তারা সযত্নে অনুসন্ধান করিবে, আর দেখ, সে সাক্ষী যদি মিথ্যাসাক্ষী হয়, ও তাহার ভ্রাতার বিরুদ্ধে মিথ্যাসাক্ষ্য দিয়া থাকে;

19. तो अपने भाई की जैसी भी हानि करवाने की युक्ति उस ने की हो वैसी ही तुम भी उसकी करना; इसी रीति से अपने बीच में से ऐसी बुराई को दूर करना।
1 कुरिन्थियों 5:13

19. তবে সে তাহার ভ্রাতার প্রতি যেরূপ করিতে কল্পনা করিয়াছিল, তাহার প্রতি তোমরা তদ্রূপ করিবে; এইরূপে তুমি আপনার মধ্য হইতে দুষ্টাচার লোপ করিবে।

20. और दूसरे लोग सुनकर डरेंगे, और आगे को तेरे बीच फिर ऐसा बुरा काम नहीं करेंगे।

20. তাহা শুনিয়া অবশিষ্ট লোকেরা ভয় পাইয়া তোমার মধ্যে সেরূপ দুষ্কর্ম্ম আর করিবে না।

21. और तू बिलकुल तरस न खाना; प्राण की सन्ती प्राण का, आंख की सन्ती आंख का, दांत की सन्ती दांत का, हाथ की सन्ती हाथ का, पांव की सन्ती पांव का दण्ड देना।।
मत्ती 5:38

21. তোমার চক্ষু দয়া না করুক; প্রাণের পরিশোধ প্রাণ, চক্ষুর পরিশোধ চক্ষু, দন্তের পরিশোধ দন্ত, হস্তের পরিশোধ হস্ত, পদের পরিশোধ পদ।



Shortcut Links
व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |