1. उस समय यहोवा ने मुझ से कहा, पहिली पटियाओं के समान पत्थर की दो और पटियाएं गढ़ ले, और उन्हें लेकर मेरे पास पर्वत के ऊपर आ जा, और लकड़ी का एक सन्दूक भी बनवा ले।
1. AT THAT time the Lord said to me, Hew two tables of stone like the first and come up to Me on the mountain and make an ark of wood.
2. और मैं उन पटियाओं पर वे ही वचन लिखूंगा, जो उन पहिली पटियाओं पर थे, जिन्हें तू ने तोड़ डाला, और तू उन्हें उस सन्दूक में रखना।
2. And I will write on the tables the words that were on the first tables which you broke, and you shall put them in the ark.
6. तब इस्राएली याकानियों के कुओं से कूच करके मोसेरा तक आए। वहां हारून मर गया, और उसको वहीं मिट्टी दी गई; और उसका पुत्रा एलीआजर उसके स्थान पर याजक का काम करने लगा।
6. (The Israelites journeyed from the wells of the sons of Jaakan to Moserah. There Aaron died, and there he was buried, and Eleazar his son ministered in the priest's office in his stead.
8. उस समय यहोवा ने लेवी गोत्रा को इसलिये अलग किया कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाया करें, और यहोवा के सम्मुख खड़े होकर उसकी सेवाटहल किया करें, और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें, जिस प्रकार कि आज के दिन तक होता आ रहा है।
8. At that time the Lord set apart the tribe of Levi to bear the ark of the covenant of the Lord, to stand before the Lord to minister to Him and to bless in His name unto this day.
10. मैं तो पहिले की नाई उस पर्वत पर चालीस दिन और चालीस रात ठहरा रहा, और उस बार भी यहोवा ने मेरी सुनी, और तुझे नाश करने की मनसा छोड़ दी।
10. And I [Moses] stayed on the mountain, as the first time, forty days and nights, and the Lord listened to me at that time also; the Lord would not destroy you.
11. फिर यहोवा ने मुझ से कहा, उठ, और तू इन लोगों की अगुवाई कर, ताकि जिस देश के देने को मैं ने उनके पूर्वजों से शपथ खाकर कहा था उस में वे जाकर उसको अपने अधिकार में कर लें।।
11. And the Lord said to me, Arise, journey on before the people, that they may go in and possess the land which I swore to their fathers to give to them.
12. और अब, हे इस्राएल, तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से इसके सिवाय और क्या चाहता है, कि तू अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और उसके सारे मार्गों पर चले, उस से प्रेम रखे, और अपने पूरे मन और अपने सारे प्राण से उसकी सेवा करे,
लूका 10:27
12. And now, Israel, what does the Lord your God require of you but [reverently] to fear the Lord your God, [that is] to walk in all His ways, and to love Him, and to serve the Lord your God with all your [mind and] heart and with your entire being,
14. सुन, स्वर्ग और सब से ऊंचा स्वर्ग भी, और पृथ्वी और उस में जो कुछ है, वह सब तेरे परमेश्वर यहोवा ही का है;
14. Behold, the heavens and the heaven of heavens belong to the Lord your God, the earth also, with all that is in it and on it.
15. तौभी यहोवा ने तेरे पूर्वजों से स्नेह और प्रेम रखा, और उनके बाद तुम लोगों को जो उनकी सन्तान हो सर्व देशों के लोगों के मध्य में से चुन लिया, जैसा कि आज के दिन प्रगट है।
1 पतरस 2:9
15. Yet the Lord had a delight in loving your fathers, and He chose their descendants after them, you above all peoples, as it is this day.
17. For the Lord your God is God of gods and Lord of lords, the great, the mighty, the terrible God, Who is not partial and takes no bribe.