3. यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों की नाई लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है।
निर्गमन 24:12, निर्गमन 31:18, निर्गमन 34:1, व्यवस्थाविवरण 9:10-11, नीतिवचन 3:3, नीतिवचन 7:3, यिर्मयाह 31:33, यहेजकेल 11:19, यहेजकेल 36:26
3. In that yee are manifest, to be the Epistle of Christ, ministred by vs, and written, not with yncke, but with the Spirite of the liuing God, not in tables of stone, but in fleshly tables of the heart.