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1. हे भाइयों, मैं नहीं चाहता, कि तुम इस बात से अज्ञात रहो, कि हमारे सब बापदादे बादल के नीचे थे, और सब के सब समुद्र के बीच से पार हो गए।निर्गमन 13:21-22, निर्गमन 14:22-29
1. I want you to know, brethren, that our fathers were all under the cloud, and all passed through the sea,
2. और सब ने बादल में, और समुद्र में, मूसा का बपितिस्मा लिया।
2. and all were baptized into Moses in the cloud and in the sea,
3. और सब ने एक ही आत्मिक भोजन किया।निर्गमन 16:4, निर्गमन 16:35, व्यवस्थाविवरण 8:3, भजन संहिता 78:24-29
3. and all ate the same supernatural food
4. और सब ने एक ही आत्मिक जल पीया, क्योंकि वे उस आत्मिक चटान से पीते थे, जो उन के साथ- साथ चलती थी; और वह चटान मसीह था।निर्गमन 17:6, गिनती 20:11, भजन संहिता 78:15
4. and all drank the same supernatural drink. For they drank from the supernatural Rock which followed them, and the Rock was Christ.
5. परन्तु परमेश्वर उन में के बहुतेरों से प्रसन्न न हुआ, इसलिये वे जंगल में ढेर हो गए।गिनती 14:16, गिनती 14:23, गिनती 14:29-30, भजन संहिता 78:31
5. Nevertheless with most of them God was not pleased; for they were overthrown in the wilderness.
6. ये बातें हमारे लिये दृष्टान्त ठहरी, कि जैसे उन्हों ने लालच किया, वैसे हम बुरी वस्तुओं का लालच न करें।गिनती 11:4, गिनती 11:34, भजन संहिता 106:14
6. Now these things are warnings for us, not to desire evil as they did.
7. और न तुम मूरत पूजनेवाले बनों; जैसे कि उन में से कितने बन गए थे, जैसा लिखा है, कि लोग खाने- पीने बैठे, और खेलने- कूदने उठे।
7. Do not be idolaters as some of them were; as it is written, 'The people sat down to eat and drink and rose up to dance.'
8. और न हम व्यभिचार करें; जैसा उन में से कितनों ने किया: एक दिन में तेईस हजार मर गये।गिनती 25:1, गिनती 25:9
8. We must not indulge in immorality as some of them did, and twenty-three thousand fell in a single day.
9. और न हम प्रभु को परखें; जैसा उन में से कितनों ने किया, और सांपों के द्वारा नाश किए गए।निर्गमन 23:20-21, गिनती 21:5-6
9. We must not put the Lord to the test, as some of them did and were destroyed by serpents;
10. और नतुम कुड़कुड़ाए, जिस रीति से उन में से कितने कुड़कुड़ाए, और नाश करनेवाले के द्वारा नाश किए गए।गिनती 14:2, गिनती 14:36, गिनती 16:41-49, भजन संहिता 106:25-27
10. nor grumble, as some of them did and were destroyed by the Destroyer.
11. परन्तु ये सब बातें, जो उन पर पड़ी, दृष्टान्त की रीति पर भी: और वे हमारी चितावनी के लिये जो जगत के अन्तिम समय में रहते हैं लिखी गईं हैं।
11. Now these things happened to them as a warning, but they were written down for our instruction, upon whom the end of the ages has come.
12. इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे; कि कहीं गिर न पड़ें।
12. Therefore let any one who thinks that he stands take heed lest he fall.
13. तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, बरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको।।व्यवस्थाविवरण 7:9
13. No temptation has overtaken you that is not common to man. God is faithful, and he will not let you be tempted beyond your strength, but with the temptation will also provide the way of escape, that you may be able to endure it.
14. इस कारण, हे मेरे प्यारों मूर्त्ति पूजा से बचे रहो।
14. Therefore, my beloved, shun the worship of idols.
15. मैं बुद्धिमान जानकर, तुम से कहता हूं: जो मैं कहता हूं, उसे तुम परखो।
15. I speak as to sensible men; judge for yourselves what I say.
16. वह धन्यवाद का कटोरा, जिस पर हम धन्यवाद करते हैं, क्या मसीह के लोहू की सहभागिता नहीं? वह रोटी जिसे हम तोड़ते हैं, क्या मसीह की देह की सहभागिता नहीं?
16. The cup of blessing which we bless, is it not a participation in the blood of Christ? The bread which we break, is it not a participation in the body of Christ?
17. इसलिये, कि एक ही रोटी है सो हम भी जो बहुत हैं, एक देह हैं: क्योंकि हम सब उसी एक रोटी में भागी होते हैं।
17. Because there is one bread, we who are many are one body, for we all partake of the one bread.
18. जो शरीर के भाव से इस्त्राएली हैं, उन को देखो: क्या बलिदानों के खानेवाले वेदी के सहभागी नहीं?लैव्यव्यवस्था 7:6, लैव्यव्यवस्था 7:15
18. Consider the people of Israel; are not those who eat the sacrifices partners in the altar?
19. फिर मैं क्या कहता हूं? क्या यह कि मूरत का बलिदान कुछ है, या मूरत कुछ है?
19. What do I imply then? That food offered to idols is anything, or that an idol is anything?
20. नहीं, बरन यह, कि अन्यजाति जो बलिदान करते हैं, वे परमेश्वर के लिये नहीं, परन्तु दुष्टात्माओं के लिये बलिदान करते हैं: और मैं नहीं चाहता, कि तुम दुष्टात्माओं के सहभागी हो।व्यवस्थाविवरण 32:17, भजन संहिता 106:37
20. No, I imply that what pagans sacrifice they offer to demons and not to God. I do not want you to be partners with demons.
21. तुम प्रभु के कटोरे, और दुष्टात्माओं के कटोरे दानों में से नहीं पी सकते! तुम प्रभु की मेज और दुष्टात्माओं की मेज दानों के साझी नहीं हो सकते।मलाकी 1:7, मलाकी 1:12
21. You cannot drink the cup of the Lord and the cup of demons. You cannot partake of the table of the Lord and the table of demons.
22. क्या हम प्रभु को रिस दिलाते हैं? क्या हम उस से शक्तिमान हैं?व्यवस्थाविवरण 32:21
22. Shall we provoke the Lord to jealousy? Are we stronger than he?
23. सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं: सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नित नहीं।
23. 'All things are lawful,' but not all things are helpful. 'All things are lawful,' but not all things build up.
24. कोई अपनी ही भलाई को न ढूंढे, बरन औरों की।
24. Let no one seek his own good, but the good of his neighbor.
25. जो कुछ कस्साइयों के यहां बिकता है, वह खाओ और विवेक के कारण कुछ न पूछो।
25. Eat whatever is sold in the meat market without raising any question on the ground of conscience.
26. क्योकि पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है।भजन संहिता 24:1, भजन संहिता 50:12, भजन संहिता 89:11
26. For 'the earth is the Lord's, and everything in it.'
27. और यदि अविश्वायिों में से कोई तुम्हें नेवता दे, और तुम जाना चाहो, तो जो कुछ तुम्हारे साम्हने रखा जाए वही खाओ: और विवेक के कारण कुछ न पूछो।
27. If one of the unbelievers invites you to dinner and you are disposed to go, eat whatever is set before you without raising any question on the ground of conscience.
28. परन्तु यदि कोई तुम से कहे, यह तो मूरत को बलि की हुई वस्तु है, तो उसी बतानेवाले के कारण, और विवेक के कारण न खाओ।
28. (But if some one says to you, 'This has been offered in sacrifice,' then out of consideration for the man who informed you, and for conscience' sake --
29. मेरा मतलब, तेरा विवेक नहीं, परन्तु उस दूसरे का। भला, मेरी स्वतंत्राता दूसरे के विचार से क्यों परखी जाए:
29. I mean his conscience, not yours -- do not eat it.) For why should my liberty be determined by another man's scruples?
30. यदि मैं धन्यवाद करके साझी होता हूं, तो जिस पर मैं धन्यवाद करता हूं, उसके कारण मेरी बदनामीं क्यों होती है?
30. If I partake with thankfulness, why am I denounced because of that for which I give thanks?
31. सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।
31. So, whether you eat or drink, or whatever you do, do all to the glory of God.
32. तुम न यहूदियों, न यूनानियों, और न परमेश्वर की कलीसिया के लिये ठोकर का कारण बनो।
32. Give no offense to Jews or to Greeks or to the church of God,
33. जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूं, और अपना नहीं, परन्तु बहुतों का लाभ ढूंढ़ता हूं, कि वे उद्धार पाएं।
33. just as I try to please all men in everything I do, not seeking my own advantage, but that of many, that they may be saved.